Premanand Ji Maharaj: कहीं प्रसाद लेने के बाद आप भी तो नहीं करते ये गलती, जानिए क्या कहा प्रेमानंद जी महाराज ने

Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि अगर आप प्रसाद लेने के बाद ऐसा कुछ करते हैं तो आप पाप के भागीदार बनते हैं और आपको कुछ भी प्राप्त नहीं होता।

Network
Newstrack Network
Published on: 14 July 2024 2:30 AM GMT (Updated on: 14 July 2024 5:02 AM GMT)
Premanand Ji Maharaj
X

Premanand Ji Maharaj (Image Credit-Social Media)

Premanand Ji Maharaj: वृन्दावन के प्रेमानंद जी महाराज सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर हैं उनके ज़्यादातर वीडियोस इंटरनेट पर आते ही वायरल हो जाते हैं ऐसे में क्या आपको पता है कि प्रेमानंद जी ने प्रसाद लेने बाद क्या करना चाहिए इसके लिए क्या बताया। आइये जान लेते हैं और अगर आप भी ये गलती करते हैं तो ऐसा करने भी भूल अब से शायद आप भी नहीं करेंगे।

प्रसाद लेने के बाद आप भी तो नहीं करते ये भूल (Never Do This Mistake After Taking Prasad)

प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि प्रसाद पाने के बाद हमे कौन सी गलती नहीं करनी चाहिए और किस गलती को करने से हमे इसके क्या परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। महराज जी कहते हैं कि प्रसाद बेहद शुभ होता है इसलिए हमे कभी भी इसके एक भी दाने का अपमान नहीं करना चाहिए। साथ ही भूलकर भी हमे प्रसाद को कूड़े में नहीं फेंकना चाहिए साथ ही इसको बर्बाद भी नहीं करना चाहिए इससे प्रसाद का अपमान होता है।

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि अक्सर लोग थोड़ा सा प्रसाद खा लेते हैं और इसके बाद उसे कूड़े में फेंक देते हैं ये करना गलत है और इससे आप पाप के भागीदार भी बन जाते हैं। उनका कहना है कि अगर आप ऐसा करते हैं तो याद रखें कि आप द्वारा किये गए पूजा-पाठ और किसी भी तरह की उपासना का कोई अर्थ नहीं रह जायेगा और भगवान् आपकी प्रार्थनाओं को स्वीकार भी नहीं करते हैं।

अगर आप भी इस तरह की गलती करते हैं तो उनके लिए प्रेमानंद जी कहते हैं कि ऐसे लोगों को उनके द्वारा की हुई आराधना का कोई भी फल प्राप्त नहीं होता है। वो आगे कहते हैं कि अगर महापुरषों से गलती से भी प्रसाद का कोई दाना गिर जाता है तो वो उसे माथे से छुआकर उसे ग्रहण कर लेते हैं। लेकिन प्रसाद का एक दाना भी बर्बाद नहीं करते हैं।

इसके बाद प्रेमानंद जी ने प्रसाद ग्रहण करने का भी तरीका बताया उन्होंने कहा कि जब आप प्रसाद लेते हैं तो उसे ग्रहण करने से पहले उसे प्रणाम करें फिर अपने स्थान पर ही चार बार परिक्रमा करें फिर उसे ग्रहण करें। उनका कहना है कि अगर मनुष्य इतना भी कर ले तो भी उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

Next Story