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Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज जिनके मुख में प्रभु का नाम नहीं है वो मृत के सामान हैं

Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर हैं साथ ही उनकी सीधी और अचूक बातें लोगों को काफी प्रभावित करती है।

Shweta Srivastava
Published on: 16 May 2024 11:50 AM IST
Premanand Ji Maharaj
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Premanand Ji Maharaj (Image Credit-Social Media)

Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज अपने विचारों से हर किसी को प्रभावित करते हैं ऐसे ही विचारों को आप आत्मसात करके अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। आइये एक नज़र डालते हैं उनके द्वारा बताये गयी इन ज्ञान की बातों पर।

प्रेमानंद जी महाराज के विचार (Premanand Ji Maharaj Ke Anmol Vichar)

वृन्दावन के प्रेमानंद जी महाराज राधा रानी के परम भक्त है और सभी तो सतमार्ग पर चलने और जीवन को जीने के लिए प्रेरित करते हैं। युवाओं से लेकर बुज़ुर्गों तक हर कोई उन्हें बेहद ध्यान से सुनता है। वो सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर हैं आइये एक नज़र डालते हैं उनके विचारों पर।

1. कोई व्यक्ति तुम्हें दु:ख नहीं देता बल्कि तुम्हारे कर्म उस व्यक्ति के द्वारा दु:ख के रूप में प्राप्त होते हैं।

2. क्रोध को शांत करने के लिए एक ही उपाय है... बजाय यह सोचने के कि उसका हमारे प्रति क्या कर्तव्य है, हम यह सोचे कि हमारा उसके प्रति क्या कर्तव्य है।

3. प्रभु का नाम जप संख्या से नहीं डूब कर करो।

4. जिनके मुख में प्रभु का नाम नहीं है, वह भले ही जीवित है लेकिन मुख से मरा हुआ है।

5. दुखिया को न सताइए दुखिया देवेगा रोए, दुखिया का जो मुखिया सुने, तो तेरी गति क्या होए।

6. बहुत होश में यह मत सोचो कोई देख नहीं रहा। आज तुम बुरा कर रहे हो, तो तुम्हारे पुण्य खर्चा हो रहे हैं। जिस दिन तुम्हारे पुण्य खर्चे हुए, अभी का पाप और पीछे का पाप मिलेगा, त्रिभुवन में कोई तुम्हें बचा नहीं सकेगा।

7. सत्य की राह में चलने वाले की निंदा बुराई अवश्य होती है। इससे घबराना नहीं चाहिए। यह आपके बुरे कर्मों का नाश करती है। जहां आपके लिए निंदा और बुराई हो, वहां आपके बुरे कर्मों का नाश हो जाता है।

8. स्वयं को ईश्वर को समर्पित कर दो। यह जीवन जैसा भी है, उनका दिया हुआ है। तुम्हारे पास जितने भी साधन संसाधन है, वह उनकी कृपा का प्रभाव है। तुम जिसका भोग कर रहे हो, वह सब ईश्वर का है। ऐसे विचार के साथ कर्म करो, जीवन यापन करो, जीवन सुखमय होगा।

9. ब्रह्मचर्य की रक्षा करें। ब्रह्मचर्य बहुत बड़ा अमृत तत्व है, मूर्खता के कारण लोग इसे ध्यान नहीं देते हैं।

10. हमें सच्चा प्रेम प्रभु से प्राप्त होता है। किसी व्यक्ति से क्या होगा, कोई व्यक्ति हमसे प्यार कर ही नहीं सकता क्योंकि वो हमे जानता ही नहीं तो कैसे करेगा।



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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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