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Premanand Maharaj Ke Pravachan: प्रेमानंद महाराज की ये बातें मान ली तो कभी नहीं रहेंगे दुखी

Tips For Happiness By Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज राधा रानी के अनन्य भक्त हैं। वह अपने सत्संग और कथा के माध्यम से लोगों का सही मार्गदर्शन करने का काम करते हैं।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 16 Sept 2024 9:57 AM IST
Premanand Maharaj Ke Pravachan: प्रेमानंद महाराज की ये बातें मान ली तो कभी नहीं रहेंगे दुखी
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Premanand Maharaj (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Premanand Maharaj Ji Ke Pravachan In Hindi: आज के समय में सोशल मीडिया (Social Media) पर संत-साधु अपने प्रवचनों से खूब छाए रहते हैं। इनमें से एक हैं प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj)। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जिसे वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज के बारे में नहीं पता होगा। वह एक प्रसिद्ध भारतीय हिंदू आध्यात्मिक गुरु और संत हैं, जो वृंदावन में रहते हैं। वह राधा रानी के अनन्य भक्त हैं। उनके भजन और सत्संग को सुनने दूर-दूर से लोग आते हैं। अपने सत्संग और कथा के माध्यम से प्रेमानंद जी लोगों का सही मार्गदर्शन करने का काम करते हैं। साथ ही खुश रहने के उपाय भी बताते हैं।

प्रेमानंद से जानें खुश रहने के तरीके (Premanand Ji Maharaj Tips For Happiness)

सोशल मीडिया पर अक्सर प्रेमानंद जी महाराज के प्रेरक विचार के वीडियो (Premanand Ji Maharaj Viral Video) वायरल होते रहते हैं। इनमें वह जिंदगी में खुश रहने के तरीके भी शेयर करते नजर आते हैं। आज हम आपको प्रेमानंद द्वारा बताए गए कुछ ऐसे ही तरीके बताने जा रहे हैं, जिन्हें अगर आप जीवन में अपना लेते हैं तो जिंदगीभर दुखी नहीं रहेंगे।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

1- करें भगवान के नाम का जाप

प्रेमानंद महाराज कहते हैं, हम लोग सोचते हैं कि उस व्यक्ति ने मुझे जीवनभर दुख दिया है। लेकिन हमारे कर्मों ने हमें जीवनभर दुख दिलवाया है। उनका कहना है कि प्रभु का आश्रय और उनका नाम जपना आपको जीवन में कभी फेल नहीं होने देंगे। इसके अलावा आप कुछ भी कर लो लेकिन अगर भगवान की शरण में नहीं हो, प्रभु का नाम जप नहीं करते हो तो अंत समय में भी अशांत ही रहोगे।

2- काम की बातों पर ही ध्यान दें

प्रेमानंद महाराज ने लोगों को खुश रहने का एक और तरीका बताया है। वो कहते हैं कि अगर मन को खुश रखना है तो काम की ही बातों को सुनना और मानना चाहिए। लेकिन अगर काम की बात ना हो तो ध्यान नहीं देना चाहिए। प्रेमानंद जी का कहना है कि सुखी रहना है तो किसी की बातों को दिल से लगाना छोड़ दें, क्योंकि ये आदत अपने दुख का कारण बनती है।



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