Radha Krishna Marriage: राधा-कृष्ण की शादी हो गई थी, तो प्रेमिका के रूप में क्यों पूजी जाती हैं राधा रानी

Radha Aur Krishna Ki Shadi: वैसे तो राधा कृष्ण के विवाह पर तमाम भ्रांतियां और कहानियां फैली हैं। लेकिन गर्ग संहिता और ब्रह्मवैवर्त पुराण में राधा कृष्ण के विवाह का जिक्र मिलता है।

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Written By Shreya
Published on: 10 Sep 2024 5:52 AM GMT
Radha Krishna Marriage: राधा-कृष्ण की शादी हो गई थी, तो प्रेमिका के रूप में क्यों पूजी जाती हैं राधा रानी
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Radha Krishna Marriage (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Radha And Krishna Marriage: राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी (Radha Krishna Love Story) तो पूरे विश्व में मशहूर है। अगर बात सच्चे प्रेम की हो तो सदैव सबसे पहले राधा और कृष्ण का नाम लिया जाता है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी ने द्वापर युग में राधा और कृष्ण के रूप में पृथ्वी पर अवतार लिया था। राधा को कृष्ण के बिना अधूरा माना जाता है और श्रीराधा का नाम लिए बिना कान्हा का दिल जीत पाना असंभव है। प्रेम की देवी राधा रानी को कृष्ण की प्रेमिका के तौर पर पूजा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दोनों शादीशुदा थे और उनका विवाह स्वयं ब्रह्मा ने करवाया था। आइए जानते हैं कैसे हुई थी राधा-कृष्ण की शादी।

राधा और कृष्ण की शादी कैसे हुई (Radha Krishna Ki Shadi)

वैसे तो राधा कृष्ण के विवाह पर तमाम भ्रांतियां और कहानियां प्रचलित हैं। लेकिन सनातन धर्म के प्रमुख ग्रंथ गर्ग संहिता और ब्रह्मवैवर्त पुराण में राधा और कृष्ण के विवाह का जिक्र मिलता है। इसके मुताबिक, खुद सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा ने राधा और कृष्ण की शादी करवाई थी। बृज में भांडीरवन नामक एक जगह है, जहां पर कृष्ण और राधा जी का विवाह संपन्न हुआ था। यह जगह कृष्ण जन्मस्थली मथुरा से करीब 30 किलोमीटर दूर मांट तहसील में स्थित है। यहां पर श्रीकृष्ण और राधा का मंदिर भी है। वहीं, जिस मंडप में भगवान श्रीकृष्ण और राधा के फेरे हुए थे, वह मंडप भी मौजूद है।

बाल्यावस्था में ही हो गया था विवाह

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

जब राधा रानी और कृष्ण बाल्यावस्था में थे, तभी उनका विवाह ब्रह्मा जी ने करा दिया था। ये एक गुप्त विवाह था, जिसमें शादी के मंत्रों को ब्रह्मा भगवान ने पढ़ा और नारद जी ने कन्यादान दिया था। कथा के मुताबिक, एक बार नंदबाबा कृष्ण को गाय चराने के लिए अपने साथ ले गए थे। गायों को चराते-चराते वे वन में काफी आगे निकल आए। इसी बीच अचानक बादल गरजने लगे और आंधी चलने लगी। हर तरफ अंधेरा छाने लगा, तभी एक चमत्कारी रोशनी आती है। उस रोशनी में नंद बाबा को सुन्दर वस्त्र आभूषणों से सजी राधा जी दिखाई देती हैं।

नंद बाबा उन्हें प्रणाम करते हैं और कहते हैं कि मैं भाग्यशाली हूं कि मेरी गोद में श्री हरि हैं और राधा रानी मेरे समक्ष खड़ी हैं। दरअसल, उन्हें गर्ग जी ने यह रहस्य बता दिया था। ऐसे में वह भगवान कृष्ण को राधा जी को सौंप कर चले जाते हैं और बाल कृष्ण युवा रूप में आ जाते हैं। उस स्थान से अंधेरा हट जाता है और तूफान थम जाता है। तभी वहां ब्रह्मा जी आते हैं और कहते हैं कि वे ही उन दोनों का विवाह संस्कार संपन्न कराएंगे। विवाह संपन्न कराने के बाद ब्रह्मा जी लौट गए। राधा जी के साथ कुछ समय बिताने के बाद कृष्ण भी अपने बाल स्वरूप में आ जाते हैं।

क्यों होती है प्रेमिका के रूप में पूजा

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

दरअसल, ब्रह्मा जी ने कृष्णा और राधा का गुप्त विवाह करवाया था। इसलिए इस शादी के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं की जाती है। वहीं, ऐसा भी तर्क सुनने को मिलता है कि राधा और कृष्ण का विवाह कभी हुआ ही नहीं। इसलिए आज भी राधा रानी भगवान कृष्ण की प्रेमिका के तौर पर ही पूजी जाती हैं।

नोट- यह खबर सामान्य धार्मिक जानकारी पर आधारित है। इन तथ्यों की न्यूजट्रैक पुष्टि नहीं करता है।

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