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Raksha Bandhan 2022: इन बातों का ध्यान रख माता-पिता बेटे को बना सकते हैं बहन के लिए एक बेहतर भाई

Raksha Bandhan 2022: लेकिन अगर भाई के मन में बहन के लिए प्रेम ही नहीं होगा तो वो रिश्तों को बचाने की कोई कोशिश भी नहीं करेगा। इसलिए ये बेहद जरुरी है कि बचपन से ही माता -पिता अपने बच्चों में रिश्तों के प्रति सम्मान और इज़्ज़त के बीज बोयें।

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 12 Aug 2022 1:56 AM GMT (Updated on: 12 Aug 2022 1:56 AM GMT)
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rakhi (Image credit: social media)

Raksha Bandhan 2022: आज के इस आधुनिक युग में हर त्यौहार सिर्फ नाम से ही अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराता है। अब रिश्तों में वो गर्माहट वो प्यार वो लगाव और वो अपनापन नहीं रहा जो कुछ वर्षों पहले बेहद आम हुआ करता था। आज हर व्यक्ति अपनी ही जिंदगी के झमेलों में इतना व्यस्त है कि उसके पास रिश्तों को निभाने तक की फुरसत नहीं हैं। इसलिए टूटते परिवार और बिखरते रिश्ते इसका ज्वलंत उदाहरण है। आज रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार मनाया जा रहा है। जो भाई -बहन के बीच प्यार का मज़बूत प्रतीक माना जाता रहा है। लेकिन आज शायद कुछ किलोमीटर पर रह रही बहन के पास भी भाई अपनी व्यस्तता के कारण नहीं पहुंच पाता है। यही कुछ वर्षों पहले लम्बी -लम्बी यात्रा करके भी भाई राखी के मौके पर बहन के पास भरसक पहुंचने की कोशिश करते थे।

ऑनलाइन गिफ्ट बाज़ार ने इस रिश्ते की और कमर तोड़ के रख दी है। अगर राखी ऑनलाइन चली जाती है तो बदले में गिफ्ट भी ऑनलाइन पहुंच कर ज़िम्मेदारियों और प्रेम पर पुण्य विराम लगा देते हैं। कई बार तो एक ही शहर में रह कर रिश्तों की नाज़ुक बागडोर ऑनलाइन बाज़ार ने ही संभाल रखी है। बहरहाल , रिश्तों में आये ये बदलाव बेहद चिंताजनक है। इसलिए आज हर अभिभावक की ये पहली ज़िम्मेदारी है कि वो अपने बच्चों को रिश्तों की कदर करना और उसे निभाने की नीव बचपन से डालें। ख़ास कर भाई के मन में अपनी बहन के प्यार ,परवाह और ज़िम्मेदारी। अक्सर देखा गया है कि उम्र बढ़ने के साथ बच्चों (भाई -बहन ) में बचपन का प्यार कम होने लगता है। ऐसे में माता-पिता की ही जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों के बीच आपसी प्यार को बढ़ावा बचपन से ही दें।

इसके लिए बेहद जरुरी है कि बचपन से घर में माता-पिता बच्चों के बीच समझ और प्यार को बढ़ावा दें। घर में ऐसे माहौल को बनाने की कोशिश करें कि जब वे नहीं भी रहेंगे तो उनके बच्चों के बीच प्यार बना रहेगा। ख़ास कर भाई और बहन के बीच। क्योँकि ये बेहद नाज़ुक डोर होती है है ख़ास कर दोनों की शादियों के बाद। जब बहु घर आ जाती है तो तो आमतौर पर घर की बेटी सबसे बुरी लगती है वो अपने पति और उसके बहन के बीच के प्यार के संबंध में हर तरीके से सेंध लगाने की कोशिश करती हैं। ऐसे में भाई पर दोनों रिश्तों को बराबर प्यार और इज़्ज़त देकर चलाने की ज़िम्मेदारी होती है। लेकिन अगर भाई के मन में बहन के लिए प्रेम ही नहीं होगा तो वो रिश्तों को बचाने की कोई कोशिश भी नहीं करेगा। इसलिए ये बेहद जरुरी है कि बचपन से ही माता -पिता अपने बच्चों में रिश्तों के प्रति सम्मान और इज़्ज़त के बीज बोयें।

तो, आइये देखते कि हर माता-पिता को ऐसे कौन से टिप्स अपनाने चाहिए जिसकी मदद से वे अपने बेटे को एक बेहतर और ज़िम्मेदार भाई बनने में मदद कर सकते हैं।


एक -दूसरे के प्रति प्यार और इज़्ज़त की रखें भावना

छोटी उम्र से ही बच्चों के मन एक दूसरे के पति प्यार और इज़्ज़त की भावना के अंकुर बोयें। उन्हें हमेशा इस बायत का अहसास दिलाये कि इतनी बड़ी सी इस दुनिया में तुम दोनो एक दूसरे के सच्चे दोस्त और सहारा हो।

मदद करना सिखाएं

छोटी उम्र से ही बच्चों के बीच आपसी समझ के साथ एक दूसरे की बिना मांगे मदद करने की कला सिखानी चाहिए । दरअसल, बचपन से एक दूसरे के प्रति मदद की भावना का भाव पैदा करना बेहद आवश्यक है। उनके दिलों -दिमाग में यह बात अच्छे से बैठ जानी चाहिए कि चाहे कोई मदद मांगे या ना मांगे, वे पहले से ही स्थितियों को समझें और उनकी मदद के लिए बिना कहे आगे बढे। ऐसे में बहन का भाई पर और भाई का बहन पर अटूट भरोसा बना रहेगा।

बेस्ट सपोर्टर

भाई और बहन को एक दूसरे का बेस्ट सपोर्टर होना चाहिए तभी उनके प्यार का नाज़ुक रिश्ता ताउम्र चल सकता है। अमूमन एक लड़की के लिए कहा जाता है कि उसका पिता उसका सबसे बड़ा सपोर्टर होता है। रिश्तों की मज़बूती के लिए हर बहन को अपने भाई में अपने पिता की झलक जरूर दिखनी चाहिए। भाई - बहन को दूसरे का बड़ा सपोर्टर होना चाहिए ख़ास कर भाई को। ताकि जीवन के किसी मोड़ पर भी जब उसकी बहन जिंदगी के कड़वे इम्तिहान दे रही हो तो उसके भाई का सपोर्ट इसके लिए भाई को समय पड़ने पर अपनी बहन की मदद करउसे उन परेशानियों से निकलने में मज़बूती दें। ताकि उसकी परेशानिया दूर होने के साथ बहन आगे बढ़कर नया करने के लिए मोटिवेट भी हो सके।

बहन की इज्जत करना जरूर सिखाएं

एक भाई को सबसे पहले अपनी बहन की इज्जत करना सिखाना चाहिए। जिससे वो आगे चलकर दूसरी लड़कियों की भी इज्जत कर सके । ऐसे में अपने बेटे को बताएं कि वे अपने बहन की इज्जत करे प्यार करे और उसपर कभी भी उस पर गुस्सा ना करें। ना ही उस पर कभी चिल्लाए और ना ही उसकी बेइज्जती करे।

घर के कामों में मदद करना है जरुरी

कई बार कुछ माता-पिता अपने लड़कों को ऐसे बड़ा करते समय उसे घर के कामों से दूर रखते हैं क्योंकि वो लड़का है। ऐसे लड़के कभी भी अपनी बहन और यहां तक कि मां की भी मदद नहीं करते हैं। ऐसे में यह बेहद जरुरी है कि आप अपने बेटे को बचपन से ही ऐसा बनाएं कि वे घर के कामों को बहन के साथ मिलकर करें । सिर्फ कहने को ही बराबर की परवरिश ना करें बल्कि सही मायनों में बीटा और बेटी को एक समान मानें।

अपनी चीजों को करें शेयर

घर में जो भी समान आये उसमें बराबर की शेयरिंग की आदत जरूर हो। कई घरों में बेटों का मान बेटियों से बढ़कर होता है। जिसके कारण वबेते हर अच्छी चीज़ों पर पहले अपना हक़ समझ बैठते हैं। इसलिए ये अभिभावक की ज़िम्मेदारी है कि अपने बेटे और बेटी की परवरिश करते समय दोनों को एक जैसी चीज ला कर दें। या फिर एक चीज दें और दोनों को शेयर करना सिखायें । इस तरह के छोटी -छोटी सी बातों का ख्याल रख कर आप अपने बेटे को बेहतर भाई बनने के लिए बचपन से तैयार कर दसकते हैं।

गौरतलब है कि भाई -बहन का प्यार किसी गिफ्ट या पैसों पर नहीं बल्कि आपसी प्यार और इज़्ज़त की बागडोर पर ही टिका रहता है। इसलिए बच्चों को सोशल मीडिया की दुनिया से दूर करके हकीकत की दुनिया में प्यार का आईना दिखाना बेहद जरुरी है।


Preeti Mishra

Preeti Mishra

Content Writer (Health and Tourism)

प्रीति मिश्रा, मीडिया इंडस्ट्री में 10 साल से ज्यादा का अनुभव है। डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी काम करने का तजुर्बा है। हेल्थ, लाइफस्टाइल, और टूरिज्म के साथ-साथ बिज़नेस पर भी कई वर्षों तक लिखा है। मेरा सफ़र दूरदर्शन से शुरू होकर DLA और हिंदुस्तान होते हुए न्यूजट्रैक तक पंहुचा है। मैं न्यूज़ट्रैक में ट्रेवल और टूरिज्म सेक्शन के साथ हेल्थ सेक्शन को लीड कर रही हैं।

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