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Ramayana Thoughts: रामायण में लिखे इन विचारों को आप अपना सकते हैं अपने जीवन में, सदैव रहेंगे खुश

Ramayana Thoughts:रामायण में कही कुछ ऐसी पंक्तियाँ हैं जो आपको जीवन के हर मोड़ पर काम आएंगीं और आपको सफल बनाएंगीं। भगवान् राम के जीवन से सीखिए कुछ ज़रूरी बातें।

Shweta Srivastava
Published on: 25 Jan 2024 1:10 PM IST
Ramayana Thoughts
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Ramayana Thoughts (Image Credit-Social Media)

Ramayana Thoughts: रामचरितमानस में भगवान श्रीराम के चरित्र का बेहद खूबसूरत वर्णन किया गया है। ये एक ऐसा महाकाव्य है जिसमे ऐसी कई बातें हैं जिन्हे समझ कर हम भी अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। श्री राम का जीवन दया, करुणा, मोह और धीरज से भरा हुआ था। आज के समय में हर व्यक्ति को उनके जीवन से प्रेरणा लेने की ज़रूरत है। ऐसे में हम यहाँ भगवान् राम के जीवन से जुडी कुछ ऐसी पंकितयों को आपके साथ साझा कर रहे हैं जो आपको आपके आने वाले जीवन को सफल बनायेंगीं। आइये जानते हैं हमे भगवान् राम के जीवन से क्या सीखना चाहिए।

रामायण के विचार

नाथ दैव कर कवन भरोसा। सोषिअ सिंधु करिअ मन रोसा॥

कादर मन कहुँ एक अधारा। दैव दैव आलसी पुकारा।।

रामचरितमानस में लिखीं ये चौपाइयां उस समय की हैं जब प्रभु श्री राम समुद्र पार काने के लिए रास्ता देने के लिए ध्यान करने जा रहे थे। इस समय उनके अनुज लक्ष्मण जी उनसे पूछते हैं कि जब प्रभु स्वयं इतने शक्तिशाली हैं कि एक बाण मात्र से वो पूरा सागर सुखा सकते हैं तो फिर वो समुद्र से इतनी विनती क्यों कर रहे हैं। इसपर प्रभु श्री राम कहते हैं कि शक्तिशाली को भी अपने पर संयमी रखना बेहद ज़रूरी है। अगर आप अपने पर भरोसा रखकर कोई काम करते हैं तो भगवान् आपका साथ अवश्य देंगें।

आज के समय में लोगों के अंदर संयम का अभाव है वो थोड़े से प्रयास में ही बड़ी सफलता की चाह रखता है। जबकि प्रयास के बाद आपको सबकुछ बस ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए। लेकिन अपने प्रयास में कमी नहीं करनी चाहिए।

बोले बिहसि महेस तब ग्यानी मूढ़ न कोइ।

जेहि जस रघुपति करहिं जब सो तस तेहि छन होइ।

रामचरित मानस के बालकांड में भगवान शिव, विष्णु भगवान् के रूप श्री राम की लीला का उद्देश्य समझाते हैं और कहते हैं कि,"किसी को ये नहीं सोचना चाहिए कि वो सर्वज्ञानी है या कोई हमेशा मूर्ख ही रहेगा। जब भगवान् की इच्छा होती है, तब वो हर प्राणी को वैसा बना देता है। इसलिए हे मनुष्य किसी चीज़ पर अहंकार मत कर। अहंकारी व्यक्ति जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ सकता।

भगवान् राम ने रावण के अहंकार को समाप्त कर दिया था जबकि वो एक सर्वशक्तिशाली और बेहद ज्ञानी था। ऐसे ही अगर आज के समय में कोई भी व्यक्ति अहंकार करता है तो उसका अंत भी निश्चित ही है।

अपि च स्वर्णमयी लंका, लक्ष्मण मे न रोचते।

जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।

भगवान् श्री राम अपने भाई लक्ष्मण से कहते हैं कि, देखो ये पूरी लंका सोने से मढ़ी हुई है फिर भी ये मुझे बिलकुल भी अच्छी नहीं लग रही है। मुझे अपनी जन्मभूमि स्वर्ग से भी अधिक मूल्यवान है। ऐसे में ये चौपाई हमें सीख देती है कि जो भी व्यक्ति अपनी जन्मभूमि से जुड़ा हुआ रहता है उसे वहां के मूल्यों को समझना चाहिए इससे वो हमेशा दूसरों से आगे रहता है।



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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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