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Dogs Bite Without Warning: आखिर कुत्ते क्यों हो रहे ज्यादा आक्रमक, जानें कारण
Dogs Bite Reasons: इन दिनों डॉग बाइट के केस काफी बढ़ गए हैं। दरअसल बरसात के मौसम में कुत्ते ज्यादा आक्रमक हो जाते हैं। जिसके कारण डॉग बाइट के केस बढ़ने लगते हैं।
Dogs Bite Reasons: इन दिनों डॉग बाइट के केस काफी बढ़ गए हैं। दरअसल बरसात के मौसम में कुत्ते ज्यादा आक्रमक हो जाते हैं। जिसके कारण डॉग बाइट के केस बढ़ने लगते हैं। हालांकि ये सोचने वाली बात है कि बरसात के मौसम में कुत्तों के आक्रमक होने के पीछे क्या कारण है? बता दे एक सर्वे के अनुसार भारत में हर साल 18 हजार से 20 हजार लोगों की मौत रेबीज इंफेक्शन की वजह से होती है। वहीं दुनिया भर में लगभग 59 हजार लोगों की जान गंवाने का कारण रेबीज इंफेक्शन बन जाती है।
दरअसल 90 फीसदी रेबीज संक्रमण कुत्ते के काटने के कारण फैलता है। दरअसल कुत्तों के काटने की घटनाएं इतनी ज्यादा हो रही हैं कि ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। बता दे कोर्ट में दायर याचिका में कुत्तों के काटने के बढ़ते मामलों पर चिंता ज़ाहिर की गई है। याचिका में भी दावा किया गया है कि बीते पांच सालों में कुत्ते के काटने के दस लाख मामले सामने आए हैं। जिसपर अदालत ने कहा कि आवारा कुत्तों के मुद्दे को हल करने के लिए एक तर्कसंगत समाधान खोजा जाना चाहिए। बता दे इस मामले में अगली सुनवाई अब 28 सितंबर को होनी है। जानकारी के लिए बता दे कि भारत में रेबीज़ से होने वाली मौतों में क़रीब 30 से 60 फ़ीसद मामलों में 15 साल से कम उम्र के बच्चों शामिल हैं।
बारिश के मौसम में ही क्यों ज्यादा काटते हैं कुत्ते
दरअसल कुत्तों के स्वभाव पर मौसम का गहरा असर पड़ता ह। इसलिए बदलते मौसम का जैसे हमारे शरीर पर असर पड़ता है, ठीक वैसे ही कुत्तों पर भी मौसम का असर होता है। ऐसे में बारिश में स्किन इंफेक्शन कुत्तों को खतरनाक बनाता है। यही कारण है कि बारिश में कुत्ते ज्यादा काटते हैं। बता दे बारिश के मौसम में कुत्तों को स्किन इंफेक्शन से लेकर एक्टोपेराटाइट बीमारी होती है। दरअसल इस मौसम में शरीर में खुजली हो जाना, स्किन फंगल वायरल, वैक्साइटिड डिजीज जैसी बीमारी से कुत्ते के मरने के भी चांस भी ज्यादा रहते हैं। यही कारण है कि बरसात के मौसम में होने वाले स्कीन इंफेक्शन और शरीर में कीड़े हो जाने से कुत्तों खतरनाक हो जाते हैं। बता दे बरसाती सीजन में कुत्तों को कुछ इस तरह की बीमारियां होना ही कुत्तों को खतरनाक बनाती है।
इसके अलावा डॉक्टर्स की मानें तो जब उन्हें लगता है कि इंसान उसके इलाक़े में घुस रहा है तो ऐसी स्थिति में कुत्ते खुद को असुरक्षित महसूस करने लगते हैं और आक्रामक हो जाते हैं और हमले करते हैं। इसके अलावा कीड़े की वजह से कुत्तों के शरीर में खुजली होने के साथ ही कुत्तों के दांत और मुंह में भी भयंकर जलन होने लगती है, जिसके कारण कुत्ते को इरीटेशन होती है और गुस्से में वह जो भी सामने आता है, उसे काटने लगता है क्योंकि बरसात में कुत्तों को जल्दी और ज्यादा गुस्सा आता है।
वहीं रेबीज से बचने के लिए एंटी-रेबीज़ का इंजेक्शन लेना चाहिए, दरअसल जिस दिन कुत्ते ने काटा उस दिन, तीसरे दिन, सातवें दिन, चौदहवें दिन और फिर अट्ठाईसवें दिन .यानी पांच इंजेक्शन लगते हैं। बता दे रेबीज़ के एक इंजेक्शन के लिए 300-400 रुपए तक लग जाता हैं। हालांकि इससे पहले एक इम्युनोग्लोबुलिन का इंजेक्शन भी लगता है, जो भारत के सरकारी अस्पतालों में मुफ़्त लगाया जाता है। इसके अलावा सबसे पहले जहां कुत्ते ने काटा वहां कम से कम दस मिनट तक पानी और साबुन से धो लें। इसके बाद बीटाडिन लगा लें। बता दे कि कुत्ते के काटने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।