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Short Videos Addiction: शॉर्ट वीडियो की लत से है दिमाग की गड़बड़ी का कनेक्शन

Short Videos Addiction: शॉर्ट वीडियो की लत का सीधा मतलब है ऐसी वीडियो कंटेंट को अनियंत्रित रूप से कंज्यूम करते जाना। इस व्यवहार पैटर्न को नकारात्मक शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक परिणामों से जोड़ा गया है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 21 Jan 2025 7:45 AM IST (Updated on: 21 Jan 2025 7:45 AM IST)
Short Videos Addiction: शॉर्ट वीडियो की लत से है दिमाग की गड़बड़ी का कनेक्शन
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शॉर्ट वीडियो की लत से है दिमाग की गड़बड़ी का कनेक्शन  (photo; social media )

Short Videos Addiction: रील और शॉर्ट वीडियो की लोकप्रियता और लत बहुत तेजी से बढ़ी है और लगातार ऐसी चिंताएं जताई जाती रहीं हैं कि इस लत से दिमागी गड़बड़ी का कनेक्शन है। लोगों के मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार पर शॉर्ट वीडियो की लत के प्रभाव के बारे में चिंताएँ इतनी हैं कि अक्सर इसे "ब्रेन रॉट" यानी दिमागी सड़न तक कह दिया गया है।

"न्यूरोइमेज" नामक जर्नल में प्रकाशित हाल ही के शोध ने बताया है कि टिक टॉक जैसे शॉर्ट वीडियो प्लेटफ़ॉर्म का लतियल इस्तेमाल मस्तिष्क को कैसे प्रभावित कर सकता है। अध्ययन में पाया गया कि शॉर्ट वीडियो की बेहद ज्यादा लत के वाले व्यक्तियों के मस्तिष्क के ऑर्बिटोफ्रंटल कॉर्टेक्स और सेरिबैलम जैसे क्षेत्रों में बनावट में बदलाव देखा गया है।

क्या होता है असर

शॉर्ट वीडियो की लत का सीधा मतलब है ऐसी वीडियो कंटेंट को अनियंत्रित रूप से कंज्यूम करते जाना। इस व्यवहार पैटर्न को नकारात्मक शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक परिणामों से जोड़ा गया है। इसमें नींद के पैटर्न में गड़बड़ी, भावनात्मक असंतुलन और कंसन्ट्रेशन तथा याददाश्त में कमी भी शामिल है। शॉर्ट वीडियो की तेज़ गति और अत्यधिक उत्तेजक प्रकृति कंसंट्रेट करने की क्षमता को कम कर सकती है। मस्तिष्क की अधिक मांग वाले या सार्थक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में बाधा डाल सकती है, जिससे यूजर्स के भावनात्मक स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं।

शॉर्ट वीडियो की लत के व्यवहार संबंधी परिणामों को तो तेजी से पहचाना जा रहा है लेकिन इसका असर नर्व सिस्टम और ऑर्गेनिक मस्तिष्क पर क्या होता है, ये ज्यादा पता नहीं हैं। इसे समझने के लिए, चीन में तियानजिन नॉर्मल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया जिसका लक्ष्य यह जांचना था कि शॉर्ट वीडियो की लत मस्तिष्क को कैसे नया रूप दे सकती है और कौन से जीन व्यवहार पैटर्न को प्रभावित कर सकते हैं।


मस्तिष्क की एमआरआई जांच

शोधकर्ताओं ने शॉर्ट वीडियो की अत्यधिक लत वाले व्यक्तियों के मस्तिष्क की एमआरआई स्कैनिंग की। इन निष्कर्षों के जैविक आधार की जांच करने के लिए, टीम ने एलन ह्यूमन ब्रेन एटलस से जीन डेटा को इंटेग्रेट करते हुए एक ट्रांसक्रिप्टोमिक विश्लेषण किया। इससे उन्हें शॉर्ट वीडियो की लत के वाले प्रतिभागियों में देखे गए मस्तिष्क परिवर्तनों से जुड़े विशिष्ट जीन की पहचान करने में मदद मिली।


क्या पता चला

शोधकर्ताओं ने शॉर्ट वीडियो की अत्यधिक लत वाले लोगों के मस्तिष्क की बनावट में और उसकी वर्किंग में अंतर देखा। बनावट की बात करें तो इन व्यक्तियों के मस्तिष्क के ऑर्बिटोफ्रंटल कॉर्टेक्स और सेरिबैलम में ग्रे मैटर की मात्रा में बढ़ोतरी दिखाई दी है। ब्रेन का यह क्षेत्र कुछ हासिल करने, निर्णय लेने और इमोशनल रेगुलेशन में शामिल होता है। इसी तरह, हाथ पैरों के कंट्रोल वाले ब्रेन के सेरिबैलम में बदलाव संज्ञानात्मक और इमोशनल प्रोसेसिंग में शॉर्ट वीडियो की भूमिका के लिए पहचाना गया है।






Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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