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सावधान! 'कैंडल लाइट' से हो सकती है आपकी मौत, पार्टनर्स रखें इसका ख्याल

आज-कल लोग जैसे ही रिलेशनशिप में आते हैं, वैसे ही सोचते है अपने पार्टनर्स के साथ बहुत सी नई-नई जगह पर घूमने जाएं। ऐसे में पार्टनर्स सोचते है की किसी शांत जगह पर जाए और अच्छा डिनर करें।

Roshni Khan
Published on: 8 Dec 2019 5:23 PM IST
सावधान! कैंडल लाइट से हो सकती है आपकी मौत, पार्टनर्स रखें इसका ख्याल
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लखनऊ: आज-कल लोग जैसे ही रिलेशनशिप में आते हैं, वैसे ही सोचते है अपने पार्टनर्स के साथ बहुत सी नई-नई जगह पर घूमने जाएं। ऐसे में पार्टनर्स सोचते है की किसी शांत जगह पर जाए और अच्छा डिनर करें। लोगों को डिनर करने के लिए 'कैंडल लाइट' काफी अच्छा लगता है। हलकी लाइट में अपने पार्टनर के साथ डिनर करने का मज़ा ही कुछ और है। लेकिन शायद आपको नहीं पता इससे आपकी मौत भी हो सकती है। तो आज हम आपको बताते हैं 'वर्ल्ड कैंडल लाइटिंग डे' के मौके पर डिनर डेट आपकी हेल्थ के लिए कितनी खतरनाक है।

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एक रिसर्च में शोधकर्ताओं ने देखा कि मोमबत्ती से निकलने वाला धुआं इंसानों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। उनका दावा है कि सिगरेट के धुएं से निकलने वाले कई टॉक्सिन मोमबत्ती के धुएं में भी पाए जाते हैं।

मोमबत्ती के धुएं की वजह से हो सकता है फेंफड़ों का कैंसर

साउथ कैरोलाइना स्टेट युनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स ने भी मोमबत्ती के धुएं का टेस्ट किया था। उनका मानना था कि पैराफीन की मोमबत्तियों से निकलने वाला हानिकारक धुआं फेंफड़ों के कैंसर और दमे जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।

मोमबत्ती का धुआं धीरे-धीरे आपकी हेल्थ पर असर डालते हैं। इसलिए मोमबत्ती की रोशनी में लगातार रोमांस का मजा लूटने वाले लोगों को इससे सतर्क रहना चाहिए।

वैज्ञानिकों का दावा है कि बंद कमरे में तो मोमबत्ती का धुआं और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। धुएं में मौजूद कैमिकल्स खराब वेंटिलेशन की वजह से इंडोर पॉल्यूशन का कारण बनते हैं।

ये धुआं न सिर्फ कैंसर की वजह बन सकता है, बल्कि इससे लोगों को अस्थमा, एग्जिमा के अलावा स्किन संबंधी परेशानियां घेर सकती हैं।

ब्रिटेन के वैज्ञानिका का मानना है कि धूम्रपान, मोटापा और शराब सेवन से कैंसर होने का खतरा ज्यादा है। वैसे तो कैंडल लाइट को रेगुलर फेस न करने वाले लोगों को इससे कोई खास खतरा नहीं है।

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वैज्ञानिकों का कहना है कि मधुमक्खी के छत्ते से निकाले गए मोम या सोया से बनी मोमबत्तियों से ज्यादा खतरा नहीं है। इसलिए वैज्ञानिक सिर्फ इन्हीं मोमबत्तियों का यूज़ करने की सलाह देते हैं।



Roshni Khan

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