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Rental Girlfriend-Boyfriend: टूट रहा परिवार का ढांचा, अब रेंटेड रिलेशनशिप की ओर बढ़ रहा युवा

Rental Girlfriend-Boyfriend Services: रेंट पर किसी की गर्ल फ्रेंड या बॉयफ्रेंड बनकर सेवा देना इतना आसान काम नहीं होता। इस काम को करने के लिए खास ट्रेनिंग लेनी होती है।

Jyotsna Singh
Written By Jyotsna Singh
Published on: 3 Dec 2024 2:21 PM IST
Rental Girlfriend-Boyfriend: टूट रहा परिवार का ढांचा, अब रेंटेड रिलेशनशिप की ओर बढ़ रहा युवा
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Rental Girlfriend-Boyfriend Services: हमारे समाज के अब तक के सबसे खूबसूरत माने जाने वाले ढांचे के तौर पर एक खुशहाल परिवार को देखा जाता रहा है। जहां विवाह के बाद पति-पत्नी और उनके बच्चे एक स्वस्थ समाज की परिपाटी को आगे बढ़ाते हैं। लेकिन समय के बदलाव के साथ ही अब सामाजिक ढांचा भी कई बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। जिसमें सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली कड़ी है विवाह की परिपाटी। रोजी ओर रोजगार पाने की दौड़ और भौतिक सुखों की चाहत में आज का युवा अब विवाह जैसे बंधन से मुक्त रहना चाहता है। इस बदलाव की दरकती दीवारों में पहले संयुक्त परिवार, एकल परिवारों में बदले, जिसका नतीजा ये हुआ कि घरों के बुजुर्ग जो घर की शान समझे जाते थे, आज उनके लिए घरों की जगह वृद्धाश्रमों ने ले ली है ।यवहीं महिलाओं और पुरुषों ने अब सिंगल पेरेंटिंग के तौर पर अकेले ही बच्चों की ज़िम्मेदारी उठाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा अब ऐसे युवाओं की संख्या में तेजी से इजाफा होता जा रहा है जो शादी और बच्चों के चक्कर में पड़ना ही नहीं चाहते। जिनके लिए शादी अब एक फिजूल की जिम्मेदारी और उम्रकैद की सज़ा महसूस होने लगी है।

क्या कहती है मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्प्लिमेंटेशन की रिपोर्ट

मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्प्लिमेंटेशन द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ भारत की बात करें तो यहां अब ऐसे युवाओं की संख्या में तेजी से इजाफा होता जा रहा है जो शादी करने में रुचि नहीं रखते।


नेशनल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस की यूथ इन इंडिया रिपोर्ट 2022 से पता चला है कि 23 प्रतिशत युवा शादी में दिलचस्पी नहीं रखते हैं । पहले साल 2011 में अविवाहित युवाओं की संख्या 17.2 फीसदी थी जो 2019 में 23 फीसदी पहुँच गई। वहीं, 2011 में 20.8 फीसदी पुरुष ऐसे थे, जो शादी नहीं करना चाहते थे, किंतु 2019 में ऐसे पुरुषों की संख्या 26.1 फीसदी हो गई। महिला आबादी के मामले में भी इसी तरह की प्रवृत्ति देखी गई है। कभी शादी न करने की सोच रखने वाली महिलाएं 2011 में 13.5 फीसदी थीं, जो 2019 तक आते-आते 19.9 फीसदी हो गईं। इस रिपोर्ट को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज का एक चौथाई से ज़्यादा युवा शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहता।

इस बदलती सोच के पीछे ये हैं मुख्य वजहें

विवाह जैसे मजबूत सामाजिक ढांचे के कमजोर होने के पीछे कई मुख्य कारण निकल कर सामने आए हैंः-

करियर, नेम ओर फेम पाने की ललक

इस विषय पर अब तक किए गए कई अध्ययनों में ये बात निकल कर सामने आ रही है कि आज के युवा अपने करियर, नेम और फेम को लेकर काफी गंभीर हैं। इन तीनों चीजों को हासिल करने के बीच विवाह एक बड़ा रोड़ा महसूस होता है। वे अपनी जिंदगी में बहुत कुछ हासिल करना चाहते हैं और तरक्की के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं।


इसीलिए वे शादी को टालते रहते हैं। करियर और शादी के बीच संघर्ष कर रहे 68.20 प्रतिशत लोगों का कहना है कि आज के युवा अपने करियर में इतने व्यस्त हैं कि सामाजिक रीति-रिवाज जैसे शादी को नकार देते हैं।

‘लिव-इन रिलेशनशिप’ का बढ़ता चलन'

शादी को एक व्यक्तिगत आजादी में एक बंधन और ज़िम्मेदारी का बोझ मानने वालों के बीच ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ का कल्चर काफी फलफूल रहा है। जिसमें बच्चों की जिम्मेदारी और लीगल मैटर्स से बचत रहती है।

इसके अतिरिक्त आजकल के युवाओं के शादी से दूर भागने के कई कारण में मनचाहा साथी न मिलना, रिश्तों में कड़वाहट, तलाक के बाद शादी का डर, और किसी भरोसेमंद साथी का न होना जैसी कई वजहें आज के युवाओं को शादी से दूर करती हैं।


वहीं हर माता-पिता की चिंता की मुख्य वजह होती है उनके बच्चों की शादी। जिसे वे अपनी अहम जिम्मेदारी का एक हिस्सा भी मानते हैं और बच्चों की शादी लायक उम्र हो जाने पर दबाव बनाना शुरू कर देते हैं। कई युवा शादी का नाम सुनते ही दूर भाग जाते हैं। झूठे बहाने और ऊंची उम्मीदें अक्सर गमोफोबिया जैसी मानसिक बीमारी का कारण बन जाती हैं और शादी का डर पैदा कर देती हैं। 74.40 प्रतिशत युवाओं का मानना है कि दूसरों के अनुभवों के कारण भी युवा शादी से दूर भागते हैं। इसमें 75.60 प्रतिशत युवाओं का कहना है कि मनचाहा साथी न मिलने की वजह से भी शादी से बचते हैं। 74.40 प्रतिशत का कहना है कि आर्थिक समस्याओं के कारण वे शादी नहीं करते। इस समस्या से निपटने के लिए युवा पीढ़ी के बीच एक नया विकल्प रोजगार के तौर पर अपने पंख फैलाना शुरू कर चुका है। हाल ही में ऐसी एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके अनुसार वियतनाम देश में ‘रेंटेड रिलेशनशिप’ का कल्चर बढ़ता जा रहा है। जिसमें शादी योग्य युवा और युवतियां अपने करियर में आगे बढ़ते हुए शादी से बचना चाहते हैं । इसलिए किराए पर अपने अनुकूल कोई साथी चुन लेते हैं। ताकि पेरेंट्स को खुश रखा जा सके। इस रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इस नए कल्चर को तेजी से अपना रहीं हैं।

कंपनियां और सोशल मीडिया ग्रुप्स कर रहे मोटी कमाई

‘रेंटेड रिलेशनशिप” के तेजी से फलते फूलते धंधे में वियतनाम की कई ऐसी कंपनियां और सोशल मीडिया ग्रुप मोटी कमाई कर रहें हैं। इस तरह की अजूबी सेवाएं देने वाली कंपनियां किराए पर एक पारिवारिक मीटिंग के लिए साथी को हायर करने पर उस कस्टमर से लगभग 1 मिलियन वियतनामी डोंग भारतीय राशि के अनुसार 3,385 रुपये चार्ज करती हैं। वहीं एक दिन में सिर्फ 2 घंटे की डेटिंग के लिए कस्टमर से 846 से 1,693 वियतनामी डोंग तक चार्ज करती हैं।

ये कंपनियां एक महीने में ज्यादा से ज्यादा चार ग्राहकों को ही डील करती हैं। अब तक की कस्टमर को लेकर आई क्वारी के अनुसार महिलाएं इस सर्विस का लाभ उठाने में आगे हैं।

एक आधिकारिक रिपोर्ट में भी इस बात को स्वीकार किया गया है कि महिलाएं अधिक संख्या में अपने माता-पिता को खुश करने के लिए रेंट पर अपने प्रेमियों को हायर कर रहीं हैं।

इसके पीछे की मुख्य वजह वियतमान की नई जनरेशन की अत्यधिक व्यस्तता है। वे इस कदर अपने काम में डूब चुके हैं कि उनके पास लाइफ पार्टनर बनाने का टाइम नहीं है।

यही वजह है कि वे अब अपने अभिभावकों के दबाव पर उन्हें खुश करने के लिए अपना लाइफ पार्टनर हायर कर रहें हैं। जिसमें कस्टमर के माता-पिता से मिलने से पहले वो बनावटी कपल कुछ दिन तक एक दूसरे को समय देते हैं ताकि पेरेंट्स के सामने जाने से पहले दोनों एक दूसरे को समझ सकें और पेरेंट्स के सामने कैसे पेश आना है और घर में साथ रहने सहने के क्या तौर तरीके होंगे उन्हें समझ सकें।

रेंट पर बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड की जॉब पाने के लिए लेनी होती है खास ट्रेनिंग

रेंट पर किसी की गर्ल फ्रेंड या बॉयफ्रेंड बनकर सेवा देना इतना आसान काम नहीं होता। इस काम को करने के लिए खास ट्रेनिंग लेनी होती है। वियतनाम में एक साल से नकली बॉयफ्रेंड की सर्विस दे रहे एक व्यक्ति का कहना है कि उसे अपने कस्टमर की डिमांड के अनुरूप ही सारी चीजों में पारंगत होना पड़ता है । जिसमें घर के काम काज से लेकर प्रेजेंटेबल पर्सनैलिटी जैसी कई तरह की सर्विसेज होती हैं। साथ ही सबसे खास बात इस तरह की सर्विसेज में कस्टमर और कंपनी के बीच साइन किए गए एग्रीमेंट में स्पष्ट तौर पर लिखीं होती हैं कि किराए पर लिए गए पार्टनर के साथ फिजिकल और इमोशनल रिश्ते बनाना अलाऊड नहीं है।



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Admin 2

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