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रिपोर्ट: समाचारों से लोग कर रहे परहेज, भरोसा भी नहीं रहा

रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म की एक रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी संख्या में लोग खास तौर पर कोरोना महामारी, रूस का यूक्रेन पर हमला और जीवन-यापन संकट जैसी महत्वपूर्ण खबरों से परहेज कर रहे हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 15 Jun 2022 6:47 PM IST
report says more people are avoiding the news and trusting it less
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समाचारों से लोग कर रहे परहेज। (Social Media)



 


Avoid News: लोगों का समाचारों पर भरोसा लगातार घटता जा रहा है। साथ ही अब बड़ी संख्या में लोग समाचारों से परहेज करने लगे हैं। रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म (Reuters Institute for the Study of Journalism) की एक रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी संख्या में लोग खास तौर पर कोरोना महामारी, रूस का यूक्रेन पर हमला (Russia-Ukraine War) और जीवन-यापन संकट जैसी महत्वपूर्ण खबरों से परहेज कर रहे हैं।

सर्वेक्षण में शामिल 38 फीसदी लोगों ने ये कहा

सर्वेक्षण में शामिल 38 फीसदी लोगों ने कहा कि वे अक्सर या कभी-कभी समाचार से दूरी ही रखते हैं। 2017 में ऐसे लोगों की संख्या 29 फीसदी थी। सर्वे में शामिल विशेष रूप से 35 वर्ष से कम आयु के लोगों का कहना है कि समाचार उनके मूड को डिप्रेस करते हैं। लोगों का खबरों पर भरोसा भी घट रहा है। ये अविश्वास अमेरिका में सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट में यह आंकड़ा लगभग आधे देशों में गिर गया है और सात देशों में बढ़ गया है।

रिपोर्ट 46 देशों के 93,432 लोगों के ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित

रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म (Reuters Institute for the Study of Journalism) के निदेशक रासमुस क्लाइस नीलसन (Director Rasmus Klais Nielsen) ने रिपोर्ट में लिखा है कि बड़ी संख्या में लोग मीडिया को अनुचित राजनीतिक प्रभाव के अधीन देखते हैं। यह रिपोर्ट 46 देशों के 93,432 लोगों के ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित है। रिपोर्ट में पाया गया कि युवा पाठक खबरों तक टिक टॉक जैसे मंचों से तेजी से पहुंच रहे हैं और न्यूज ब्रांड्स के साथ उनके संबंध कमजोर हैं। बहुत कम लोगों का मानना ​​है कि समाचार संगठनों ने अपने स्वयं के व्यावसायिक हित से पहले समाज के लिए सबसे अच्छा काम किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत ही कम मीडिया संस्थान लोगों में भरोसा जगाने में निवेश कर रहे हैं। ये भी लोगों में अविश्वास बढ़ने का एक बड़ा कारण है।

आम तौर पर लोग, एग्रीगेटर्स, सर्च इंजन और सोशल मीडिया के माध्यम से समाचारों तक पहुंचते हैं। 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग का चालीस प्रतिशत प्रत्येक सप्ताह टिकटॉक का उपयोग करता है, 15 फीसदी कहते हैं कि वे इसका उपयोग समाचार खोजने, चर्चा या साझा करने के लिए करते हैं।

ऑनलाइन समाचारों के लिए भुगतान करने वाले लोगों की संख्या में हो सकती वृद्धि बंद

रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन समाचारों के लिए भुगतान करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि बंद हो सकती है। अब चंद समाचार पत्र ब्रांडों को ही लोग भुगतान करके सब्सक्राइब कर रहे हैं। 20 देशों में, जहां समाचार के लिए भुगतान करने का ट्रेंड व्यापक है, किसी भी ऑनलाइन समाचार के लिए भुगतान करने वालों की संख्या 17 फीसदी थी जो पिछले साल के मुकाबले तनिक भी बढ़ी नहीं है। यानी अब लोग पैसा खर्च करने से परहेज कर रहे हैं।

रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म को थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन (Reuters Institute for the Study of Journalism) द्वारा वित्त पोषित किया गया है।



Deepak Kumar

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