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Saif Ali Khan Family: भोपाल के आखिरी नवाब थे सैफ अली खान के पूर्वज, जो भारत में नहीं होना चाहते थे शामिल
Saif Ali Khan Family: एक्टर सैफ अली खान एक रॉयल फैमिली से ताल्लुक रखते हैं। वह पटौदी रियासत के 10वें नवाब हैं। उनका रिश्ता हमीदुल्लाह खान से भी है, जो भोपाल के आखिरी सत्तारूढ़ नवाब थे। आइए जानें दोनों के रिश्ते के बारे में।
Nawab Saif Ali Khan Family: बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान (Saif Ali Khan) पर आज यानी गुरुवार को उनके मुंबई के बांद्रा स्थित घर पर एक लुटेरे ने चाकू से हमला (Saif Ali Khan Attack) कर दिया। इस हमले में सैफ बुरी तरह घायल हो गए, जिसके बाद उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि जब चोर घर में घुसा तो एक्टर उस वक्त अपने घर में सो रहे थे। नौकरानी से लुटेरे की बहस सुनकर जब सैफ वहां पहुंचे, तभी चोर ने सैफ पर चाकू से हमला करके उन्हें घायल कर दिया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और लुटेरे का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
एक्टर सैफ अली खान एक रॉयल फैमिली (Royal Family) से ताल्लुक रखते हैं। वह पटौदी रियासत के 10वें नवाब हैं, जिसकी स्थापना 1804 में हुई थी। इस रियासत के पहले नवाब सैफ के पूर्वज फैज तलब खान थे। वहीं, सैफ का रिश्ता भोपाल के आखिरी सत्तारूढ़ नवाब हमीदुल्लाह खान से भी है, जिन्होंने 1926 से 1949 तक भोपाल पर शासन किया। फिर 1 जून, 1949 को भोपाल रियासत भारत में शामिल हो गई। लेकिन क्या आप जानते हैं सैफ अली खान के पूर्वज हमीदुल्लाह खान (Hamidullah Khan) भोपाल को भारत का हिस्सा नहीं बनाना चाहते थे।
भारत में भोपाल रियासत का विलय नहीं चाहते थे नवाब
जी हां, ऐसा कहा जाता है कि नवाब हमीदुल्लाह भोपाल रियासत का भारत में विलय नहीं चाहते थे, वह पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के करीबी थे। इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने इंडिया ऑफ्टर गांधी में जिक्र किया है कि भोपाल के नवाब को जब पता चला कि अंग्रेज भारत छोड़कर जाने वाले हैं तो 1946 में उन्होंने एक ब्रिटिश अफसर को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने भोपाल रियासत को लेकर चिंता जताई थी। किताब के मुताबिक, 1947 में माउंटबेटन ने अपने जवाब वाले पत्र में उनसे भारत के साथ ही शामिल होने की बात कही थी, हालांकि हमीदुल्लाह इस पर संतुष्ट नहीं थे।
दो साल तक नहीं फहराने दिया तिरंगा
1947 में माउंटबेटन (भारत के अंतिम वायसराय) ने स्वदेशी रियासतों को भारत या पाकिस्तान में शामिल होने की सलाह दी थी। अधिकतर रियासतों ने तो यह सलाह मान ली, लेकिन भोपाल के नवाब जूनागढ़ और हैदराबाद के शासक इसके खिलाफ थे। हालांकि 26 अगस्त 1947 को भोपाल के नवाब ने अनिच्छा भारत में विलय का ऐलान कर दिया। लेकिन इस ऐलान के बाद भी वह अंदर ही अंदर स्वतंत्र राज्य की मांग करते रहे और आजादी के दो साल बाद तक तिरंगा नहीं फहराने दिया था। इसके बाद सरदार पटेल ने रिसायत विभाग के सचिव को भोपाल भेजा और 1 जून 1949 को आधिकारिक तौर पर रियासत भारत में शामिल हुई।
सैफ अली खान से रिश्ता
बता दें हमीदुल्लाह खान का कोई बेटा नहीं था। इसलिए उनकी मृत्यु के बाद उनकी बेटी साजिदा सुल्तान ही उनकी उत्तराधिकारी बनी थीं। जबकि बड़ी बेटी आबिदा 1950 में पाकिस्तान जाकर बस गईं थीं। साजिदा ने इफ्तिखार अली खान पटौदी से शादी की थी, जिनके साथ उनकी तीन बेटियां और एक बेटा मंसूर अली खान पटौदी हुए। मंसूर के बेटे ही सैफ अली खान हैं। इसके अलावा सैफ की दो बहनें भी हैं, सबा और सोहा अली खान। ऐसे में रिश्ते में हमीदुल्लाह खान सैफ अली खान के परदादा लगते हैं।