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Sanatan Dharma: जानें सनातन धर्म के मर्म

Sanatan Dharma: दो पक्ष-कृष्ण पक्ष, शुक्ल पक्ष। तीन ऋण-देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋण। चार युग -सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग ,कलियुग। चार धाम -द्वारिका,बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम धाम।

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Newstrack Network
Published on: 12 March 2023 6:53 PM IST
Sanatan Dharma
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Sanatan Dharma (Pic: Newstrack)

दो पक्ष-कृष्ण पक्ष, शुक्ल पक्ष।

तीन ऋण -देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋण।

चार युग -सतयुग, त्रेतायुग ,द्वापरयुग ,कलियुग।

चार धाम -द्वारिका ,बद्रीनाथ ,जगन्नाथ पुरी ,रामेश्वरम धाम ।

चारपीठ -शारदा पीठ ( द्वारिका ), ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम ), गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) ,शृंगेरीपीठ।

चार वेद-ऋग्वेद ,अथर्वेद ,यजुर्वेद ,सामवेद ।

चार आश्रम -ब्रह्मचर्य ,गृहस्थ ,वानप्रस्थ ,संन्यास।

चार अंतःकरण -मन ,बुद्धि ,चित्त ,अहंकार ।

पञ्च गव्य -गाय का घी ,दूध ,दही ,गोमूत्र ,गोबर।

पञ्च देव -गणेश ,विष्णु ,शिव ,देवी ,सूर्य।

पंच तत्त्व -पृथ्वी ,जल ,अग्नि ,वायु ,आकाश।

छह दर्शन -वैशेषिक, न्याय ,सांख्य ,योग ,पूर्व मिसांसा ,दक्षिण मिसांसा ।

सप्त ऋषि -विश्वामित्र ,जमदाग्नि, भरद्वाज ,गौतम, अत्री ,वशिष्ठ और कश्यप।

सप्त पुरी -अयोध्या पुरी ,मथुरा पुरी ,माया पुरी ( हरिद्वार ) ,काशी ,कांची( शिन कांची - विष्णु कांची ) ,अवंतिका और द्वारिका पुरी।

आठ योग -यम , नियम ,आसन ,प्राणायाम ,प्रत्याहार ,धारणा ,ध्यान एवं समाधि।

आठ लक्ष्मी -आग्घ ,विद्या ,सौभाग्य ,अमृत ,काम ,सत्य ,भोग ,एवं योग लक्ष्मी।

नव दुर्गा- शैलपुत्री,शैलपुत्री ,ब्रह्मचारिणी ,चंद्रघंटा ,कुष्मांडा ,स्कंदमाता ,कात्यायिनी ,

कालरात्रि ,महागौरी एवं सिद्धिदात्री।

दस दिशाएं -पूर्व ,पश्चिम ,उत्तर ,दक्षिण ,ईशान ,नैऋत्य ,वायव्य ,अग्नि आकाश एवं पाताल।

मुख्य ११ अवतार -मत्स्य ,कच्छप ,वराह ,नरसिंह ,वामन ,परशुराम,श्री राम ,कृष्ण , बलराम ,बुद्ध ,एवं कल्कि।

बारह मास -चैत्र ,वैशाख ,ज्येष्ठ ,अषाढ ,श्रावण ,भाद्रपद ,अश्विन ,कार्तिक , मार्गशीर्ष ,पौष ,माघ, फागुन।

बारह राशि -मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, मीन।

बारह ज्योतिर्लिंग -सोमनाथ ,मल्लिकार्जुन ,महाकाल ,ओमकारेश्वर ,बैजनाथ ,

रामेश्वरम ,विश्वनाथ ,त्र्यंबकेश्वर ,केदारनाथ ,घुष्नेश्वर ,भीमाशंकर ,नागेश्वर ।

पंद्रह तिथियाँ -प्रतिपदा ,द्वितीय ,तृतीय ,चतुर्थी ,पंचमी ,षष्ठी ,सप्तमी ,अष्टमी ,

नवमी ,दशमी ,एकादशी ,द्वादशी ,त्रयोदशी ,चतुर्दशी ,पूर्णिमा ,अमावास्या।

स्मृतियां -मनु ,विष्णु ,अत्री ,हारीत ,याज्ञवल्क्य ,उशना ,अंगीरा ,यम,

आपस्तम्ब ,सर्वत ,कात्यायन ,ब्रहस्पति ,पराशर ,व्यास ,शांख्य ,लिखित ,दक्ष, शातातप,वशिष्ठ।



Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

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