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Sanskrit Language Translate: संस्कृत भाषा में चमत्कार देखिए
Sanskrit Language Translate: इस खबर में देखिये संस्कृत भाषा में चमत्कार...
Sanskrit Language Translate in Hindi
क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोSटौठीडढण:।
तथोदधीनपफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।
अर्थात् :-पक्षियों का प्रेम, शुद्ध, बुद्धि का दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु--संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनहार कौन ? राजा मय कि जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं।
आप देख सकते हैं कि संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस पद्य में आ जाते हैं। इतना ही नहीं, उनका क्रम भी यथायोग्य है।
माघ कवि ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल "भ" और "र " दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है-
भूरिभिर्भारिभिर्भीभीराभूभारैरभिरेभिरे।
भेरीरेभिभिरभ्राभैरूभीरूभिरिभैरिभा:।।
अर्थात् :-धरा को भी वजन लगे ऐसे वजनदार, वाद्य यंत्र जैसी आवाज निकालने वाले और मेघ जैसे काले निडर हाथी ने अपने दुश्मन हाथी पर हमला किया।
किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में केवल "न" व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है। और गजब का कौशल्य प्रयोग करके भारवि नामक महाकवि ने थोड़े में बहुत कहा है
न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नाना नना ननु।
नुन्नोSनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नन्नुनन्नुनुत्।।
अर्थात् :-जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है, वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है, वो भी मनुष्य नहीं है। घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करे वो भी मनुष्य नहीं है।