TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Saubhagya Sundari Vrat 2022: इस व्रत को करने से दूर होता है कन्या की कुंडली का मांगलिक दोष, जाने इसका महत्व

Saubhagya Sundari Vrat 2022: सौभाग्य सुंदरी व्रत में महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और रक्षा के लिए भगवान शिव और माता पार्वती से कामना करती हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 10 Nov 2022 7:24 AM IST
saubhagya sundari vrat
X

सौभाग्य सुंदरी व्रत (फोटो- सोशल मीडिया) 

Saubhagya Sundari Vrat 2022: 8 नवंबर 2022 से कार्तिक माह समाप्त हो गया है। अब 09 नवंबर दिन बुधवार से अगहन मतलब की मार्गशीर्ष महीने की शुरूआत हो गई है। ऐसे में इस मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को सौभाग्य सुंदरी व्रत की विशेष महत्ता है। इस सौभाग्य शाली व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना और उपासना की जाती है। इस व्रत में महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और रक्षा के लिए भगवान शिव और माता पार्वती से कामना करती हैं। इस व्रत को करने वाली महिला को सौंदर्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आइए आपको बताते हैं इस सौभाग्य सुंदरी व्रत के मुहूर्त और महत्व के बारे में।

सौभाग्य सुंदरी व्रत 2022 तारीख
(Saubhagya Sundari Vrat 2022 Date)

सौभाग्य सुंदरी व्रत 11 नवंबर 2022 दिन शुक्रवार को है। इस पावन व्रत को करने से कुंवारी कन्याएं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। जबकि विवाहित स्त्रियों इस व्रत में 16 श्रृंगार करके भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं।

सौभाग्य सुंदरी व्रत 2022 शुभ मुहूर्त
(Saubhagya Sundari Vrat 2022 Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के मुताबिक, मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 10 नवंबर 2022 को शाम 06 बजकर 32 मिनट पर शुरू हो रही है। जोकि 11 नवंबर 2022 रात 08 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में उदया तिथि के व्रत-तीज-त्योहार काफी महत्व रखते हैं इस हिसाब से 11 नवंबर को सौभाग्य सुंदरी व्रत रखा जाता है।

सौभाग्य सुंदरी व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त - सुबह 10:38 - सुबह 11:21

सौभाग्य सुंदरी व्रत का महत्व
(Saubhagya Sundari Vrat Importance)

सौभाग्य सुंदरी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस व्रत को करने से भौतिक सुख, ऐश्वर्य, समृद्धि और सौंदर्य के साथ तन-मन की सुंदरता की प्राप्ति होती है। इस व्रत को लेकर ऐसी मान्यता है कि शादीशुदा दंपत्ति एकसाथ मिलकर शिव-पार्वती की उपासना करते हैं उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से उनकी कुंडली के समस्त दोष दूर हो जाते हैं।

विशेषकर कुंवारी कन्याओं के लिए जिनकी कुंडली में मांगलिक दोष हैं या फिर उनकी शादी में कई विध्न-बाधाएं और परेशानी आ रही हैं तो उन कन्याओं को ये व्रत जरूर करना चाहिए। इस व्रत को करने से मंगल दोष से छुटकारा मिल सकता है।



\
Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story