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Shafali Verma Untold Story: एक महीने में इतना कमा लेती हैं शैफाली वर्मा
Shafali Verma Untold Story: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की शानदार बल्लेबाज़ शैफाली वर्मा के बारे में की ऐसी बातें हैं जिसके बारे में शायद ही कोई जनता होगा आइये विस्तार से जानते हैं इनके बारे में।
Shafali Verma Untold Story: बीते गुरूवार को शैफाली वर्मा की अर्धशतकीय पारी ने भारत को बांग्लादेश के खिलाफ टी-20 मुकाबले में सात विकेट से हरा दिया। जिसके बाद से हर तरफ उन्ही की चर्चा होने लगी। जहाँ एक ओर इस मैच में भारतीय गेंदबाज़ों ने लाजवाब प्रदर्शन किया वही इसके बाद मैदान में उतरीं सलामी बल्लेबाज़ जोड़ी शैफाली वर्मा ने 51 रन की अर्धशतकीय पारी खेली। वहीँ स्मृति मंदना ने 47 रन बनाये। दोनों की जोड़ी ने भारत को मैच जीता दिया। वहीँ क्या आप जानते हैं कि शैफाली वर्मा ने 8 साल की उम्र में ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। आइये उनके जीवन की कुछ अनसुनी बातें जानते हैं।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की शानदार बल्लेबाज़ शैफाली वर्मा की अनसुनी कहानी (Shafali Verma's Untold Story)
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की शानदार बल्लेबाज़ शैफाली वर्मा काफी छोटी उम्र से क्रिकेट खेल रहीं हैं। आज हम आपको उनसे जुडी कई और ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिसके बारे में शायद ही आपको पता होगा।
शैफाली वर्मा ने 8 साल की उम्र में ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। वहीँ एक बार वो लड़कों की क्रिकेट चैंपियनशिप में वेश बदलकर उनके भाई साहिल वर्मा का रूप धारण करके चलीं गई थीं, जहां उन्होंने लड़कों से भी बेहतर प्रदर्शन किया और टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार भी जीता। इसके अलावा आपको बता दें कि शैफाली वर्मा ने अपनी क्रिकेट ट्रेनिंग के पहले तीन वर्षों तक अपने पिता के अधीन प्रशिक्षण लिया। शैफाली के पिता, संजीव वर्मा उन्हें अभ्यास के लिए स्थानीय मैदान में ले जाते थे और उनके प्रत्येक छक्के के लिए उन्हें 5 रुपये देते थे। शैफाली के पिता भी कम उम्र में क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन अवसरों और समर्थन की कमी के कारण वह अपना सपना पूरा नहीं कर सके।
लड़कों ने शुरू में यह सोचकर शैफाली के साथ क्रिकेट खेलने से इनकार कर दिया कि उसे चोट लग जाएगी, लेकिन वहीँ शैफाली ने अपना रास्ता चुन लिया था जिसके लिए वो कुछ भी करने वो तैयार थीं। ऐसे में उन्होंने अपने बाल काटने का सहारा लिया और फिर एक लड़के के भेष में मैच खेलना शुरू कर दिया। वहीँ इतने समय तक वो सबको अपनी क़ाबलियत साबित कर चुकीं थीं। और सभी खिलाड़ी ये जान चुके थे कि वो बेहद प्रतिभाशाली हैं।
साल 2013 में, 9 साल की उम्र में, शैफाली अपने पिता के साथ सचिन तेंदुलकर को उनका आखिरी रणजी ट्रॉफी मैच खेलते हुए देखने गई थी। सचिन को खेलते देख वो इतनी प्रेरित हुई कि उन्होंने कड़ी मेहनत करने और एक दिन भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने की प्रतिज्ञा की। वह उस गेस्ट हाउस के बाहर भी सचिन से मिलने का इंतजार कर रही थी जहां वह ठहरे हुए थे, लेकिन लगातार प्रयासों के बावजूद वह असफल रहीं।
2016 में, वह रोहतक में राम नारायण क्रिकेट क्लब में शामिल हो गईं। उन्होंने लड़कियों के साथ अभ्यास किया, लेकिन, उनके अभूतपूर्व कौशल के कारण उनके कोच ने उन्हें एलीट ग्रुप में पदोन्नत करने का फैसला किया, जहां उन्होंने अंडर-19, अंडर-23 और रणजी ट्रॉफी खिलाड़ियों के साथ अभ्यास करना शुरू किया। शैफाली के कोच अश्विनी कुमार ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, स्ट्रोक खेलने की जो शक्ति एक खिलाड़ी में 15 साल की उम्र में विकसित होने लगती है, शैफाली में वह क्षमता 11-12 साल की उम्र में ही स्वाभाविक रूप से आ गई थी।
उनकी जबरदस्त हिटिंग और असाधारण कौशल को देखते हुए, 15 वर्षीय शैफाली को सितंबर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला के लिए भारत की महिला ट्वेंटी 20 अंतर्राष्ट्रीय (मटी20ई) टीम का हिस्सा बनने के लिए पहली बार कॉल-अप मिला। इसके बाद 24 सितंबर 2019 को, शेफाली ने 15 साल और 239 दिन की उम्र में पदार्पण किया, जिससे वह टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में भारत के लिए खेलने वाली सबसे कम उम्र की महिला खिलाडी बन गईं।
अपने डेब्यू मैच के कुछ ही हफ्तों बाद, उन्होंने अपने हीरो सचिन तेंदुलकर द्वारा स्थापित 30 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ एक टी20 मैच में 49 गेंदों पर 73 रन बनाकर अपना पहला अर्धशतक पूरा किया और भारत के लिए अर्धशतक बनाने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गईं।
शैफाली वर्मा ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया। साथ ही अपनी कड़ी मेहनत और लगन की वजह से उन्होंने साल 2023 में भारतीय महिला टीम का नेतृत्व किया और भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप टी-20 की ट्रॉफी दिला दी। फरवरी 2023 में, WPL की उद्घाटन नीलामी में उन्हें दिल्ली कैपिटल्स में 2 करोड़ रुपये में शामिल किया गया था। फिलहाल वो सफलता के कई नए आयाम छू रहीं हैं।