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Smoking Trend: महिलाओं में धूम्रपान का बढ़ रहा क्रेज, जानें किन खास वजहों के चलते पीती हैं सिगरेट

Women Smokers: भारत में 12 करोड़ लोग ऐसे हैं जो धूम्रपान (Smoking) करते हैं। इनमें से महिला स्मोकर्स की संख्या 1.21 करोड़ है।

Jyotsna Singh
Written By Jyotsna Singh
Published on: 27 Jan 2023 12:03 PM IST
Smoking Trend: महिलाओं में धूम्रपान का बढ़ रहा क्रेज, जानें किन खास वजहों के चलते पीती हैं सिगरेट
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महिलाओं में धूम्रपान का बढ़ रहा क्रेज

Smoking Trend: आधुनिक जीवन शैली के रवायत के अनुसार जब सारी दुनियां नींद के आगोश में समा चुकी होती है,वहीं शहर के बीचों बीच बैंड की धुन पर थिरकते युवक और युवतियां जाम पर जाम छलकाते सिगरेट और हुक्के के बेकश धुवें के बीच जिंदगी की रंगीनियों में डूबे दिखाई देते हैं।

आधुनिकता की आड़ में इस तरह की संस्कृति युवा पीढ़ी को अनगिनत बीमारियों की जद में धकेल रही है। जिसका उन्हें अभी अंदाजा नहीं है। इसका सबसे ज्यादा खामियाजा महिलाओं को उठाना पड़ रहा है। उनके लंग्स, ओवरी, और यूटरस जैसे अंग बुरी तरह प्रभावित होकर कैंसर जैसी घातक बीमारी के चपेट में महिलाएं आ रहीं हैं।

भारत में धूम्रपान करने वाले 12 करोड़ में से 1.21 करोड़ महिलाएं

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, भारत में 12 करोड़ लोग ऐसे हैं जो धूम्रपान (Smoking) करते हैं। इनमें 10 लाख से अधिक ऐसे हैं जो धूम्रपान के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक, भारत में महिला स्मोकर्स की संख्या 1.21 करोड़ है। विशेषज्ञों के मुताबिक, महिलाओं में स्मोकिंग (Smoking Prevalence Among Women) के बढ़ते मामलों का असर उनकी प्रजनन क्षमता (Fertility) पर पड़ रहा है। वहीं, ऐसी महिलाओं की तादात भी कम नहीं है जो पैसिव स्मोकिंग (Passive Smoking) से जूझ रही हैं। यानी उनके आसपास कोई न कोई धूम्रपान (Smoking) कर रहा है और असर उन पर भी पड़ रहा है।

लेकिन सच्चाई यही है कि जब तक लोग अपने आप इसके सेवन को नहीं छोड़ते और इससे अपने और परिवार को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक नहीं होंगे तब तक इसे पूरी तरह खत्म करना सरकार के लिए भी आसान नहीं है।

कैंसर के मामले बढ़ने की बड़ी वजह है तंबाकू

कैंसर के मामले बढ़ने का एक बड़ा कारण तंबाकू है। यह होंठ, आहार नली, फेफड़े और मुंह के कैंसर की वजह भी बनता है। वहीं महिलाओं में गर्भाशय का कैंसर की वजह भी बन सकता है। विशेषज्ञ के मुताबिक, तंबाकू या स्मोकिंग छोड़ने के 12 घंटे में शरीर में सकारात्मक बदलाव शुरू हो जाते हैं। शरीर में कार्बन मोनो ऑक्साइड का स्तर घटता है। रक्त का प्रवाह और फेफड़ों की क्षमता बढ़ने लगती है।

साभार- सोशल मीडिया

धूम्रपान से महिलाओं में मुख, मस्तिष्क और गर्दन के कैंसर का खतरा

सिर्फ दिल्ली की सात फीसदी महिलाएं धूम्रपान और तंबाकू के सेवन की वजह से सीने के संक्रमण से पीड़ित हैं। इंडस हेल्थ प्लस की ओर से करीब 25 हजार महिलाओं पर किए गए अध्ययन के बाद यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में 30 प्रतिशत कैंसर के मामले तंबाकू उत्पादों के सेवन से ही होते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की करीब नौ फीसदी महिलाओं में मुख, मस्तिष्क और गर्दन के कैंसर का खतरा है।

महिलाओं में बढ़ रही बोन डेंसिटी की समस्या

तंबाकू में उपस्थित निकोटीन का हड्डियों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। अध्ययन में देखा गया कि धूम्रपान करने वाली मध्य आयु वर्ग की छह से आठ प्रतिशत महिलाओं में बोन डेंसिटी की समस्या है।

इन महिलाओं में देखी गई ज्यादा समस्या

जबकि 40 से 50 वर्ष की महिलाओं में सांस संबंधी रोगों की समस्या ज्यादा देखी गई है। इंडस हेल्थ के अमोल नायकवाड़ी ने बताया कि 80 फीसदी क्रोनिक ऑबस्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के मामले तंबाकू युक्त धूम्रपान के कारण ही होते हैं।

महिलाओं में धूम्रपान की मुख्य वजह

अध्ययन के मुताबिक युवा लड़कों और लड़कियों के धूम्रपान करने की कई वजहें सामने आई हैं । बेहद कम उम्र की युवा पीढ़ी इसकी चपेट में है वो ड्रिंक,स्मोक एंड डांस कल्चर। वहीं धूम्रपान करने वालों में से 10 प्रतिशत युवा साथियों के दवाब में और 11 प्रतिशत तनाव के कारण धूम्रपान करती हैं।

हर पांचवे व्यक्ति की मौत के लिए धूम्रपान ही जिम्मेदार

धूम्रपान करने के कारण वैश्विक स्तर पर 2019 से 22 तक प्रतिवर्ष लाखों लोग इसकी जद में समा रहे हैं। वहीं यह कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी और अन्य सांस सम्बन्धी बीमारियों में बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों के अनुसार दुनिया में हर पांचवे व्यक्ति की मौत के लिए धूम्रपान ही जिम्मेवार है। जो इसे उनकी मृत्यु का सबसे बड़ा कारण बनाता है।विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, भारत में 12 करोड़ लोग ऐसे हैं जो धूम्रपान करते हैं।

महिलाओं के धूम्रपान पर एक्सपर्ट्स व्यू

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पीसी जैसवार कहती हैं, हुक्के में प्रयोग होने वाले तम्बाकू सिगरेट का सेवन खासकर महिलाओं को और भी अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। ऑक्सीजन-क्षमता कम होने के साथ धूम्रपान करने वाली महिलाओं में डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसे रोग होने का खतरा अधिक होता है। तंबाकू फेफड़े के लिए जितना खतरनाक है उतना कैंसर का खतरा भी बढ़ाता है। इसका असर स्किन पर समय से पहले झुर्रियों के रूप में देखा जा सकता है।

डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. निशी त्रिवेदी के अनुसार, गालों-होठों पर गहरी रेखाएं, आंख के कोनों में झुर्रियां भी धूम्रपान के परिणाम हैं। यह दो तरह से प्रभावित करता है, पहला धुएं में मौजूद रसायन स्किन पर इकट्ठा होकर इसे सुखाते हैं और दूसरा यह रक्त वाहिनियों को प्रभावित करता है। इससे ऑक्सीजन कम मिलती है जो त्वचा रोगों के रूप में दिखाई देता है।

ऐसे दूर करें लत

1 महिलाएं तंबाकू और इससे जुड़े उत्पादों को धीरे-धीरे छोड़ने की कोशिश करें।

2 तलब लगने पर मुंह में सौंफ, मिश्री, लौंग या इलायची रखें।

3 रोजाना 30 मिनट का मेडिटेशन करें और अपना ध्यान म्यूजिक या स्पोर्ट्स जैसी दूसरी एक्टिविटी की ओर डायवर्ट करें।

4 तनाव से दूर रहें। क्योंकि यह बार-बार इस ओर ले जाने की कोशिश करता है।

5 व्यायाम को लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं। अधिक गंभीर स्थिति में चिकित्सीय सलाह लें।



Shreya

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