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Solar Eclipse 2024: इस साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानिए सूतक काल में क्या करें क्या न करें
Solar Eclipse 2024: आइये जानते हैं साल का पहला सूर्य ग्रहण कब है और इस दौरान सूतक काल में आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
Solar Eclipse 2024: कुछ दिन पहले ही हमने नए साल 2024 में प्रवेश किया है और वहीँ आपको बता दें कि अब जल्द ही साल का पहले सूर्य ग्रहण भी पड़ने वाला है। इस साल का पहला सूर्य ग्रहण चैत्र अमावस्या पर लगने वाला है। सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिक दृष्टि से भले ही अलग तरह से देखा जाता हो लेकिन इसके पीछे कुछ धार्मिक मान्यताएं भी हैं। आइये जानते हैं वो क्या है और साथ ही सूतक काल में आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
सूतक काल में क्या करें क्या न करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जब राहु और केतु सूर्य को निगलने के लिए निकट आते हैं। सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और इसे अशुभ समय माना जाता है। इस दौरान किसी भी नए कार्य की शुरुआत, किसी देवी-देवता की पूजा या कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। साल का पहला सूर्य ग्रहण सोमवार 8 अप्रैल को लगेगा। पहले चंद्र ग्रहण की तरह ही ये सूर्य ग्रहण भी सोमवार को पड़ रहा है। उस दिन चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या आती है। 8 अप्रैल को अमावस्या तिथि का समय प्रातः 03:21 बजे से रात्रि 11:50 बजे तक है।
ये सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को रात 09:12 बजे शुरू होगा और 01:25 बजे समाप्त होगा। ग्रहण की समाप्ति के साथ ही इसका सूतक काल भी समाप्त हो जाएगा। सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है, इस आधार पर इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल सुबह 09:12 बजे से शुरू होगा। ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काल यहाँ मान्य नहीं होगा।
नए साल का पहला सूर्य ग्रहण प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, उत्तरी ध्रुव, दक्षिणी ध्रुव, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, दक्षिण-पश्चिम यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, पश्चिम एशिया में दिखाई देगा। आइये जानते हैं सूतक काल में क्या करने से बचना चाहिए और क्या करना चाहिए।
- ग्रहण के सूतक काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। चाकू, कैंची, ब्लेड और अन्य नुकीली चीजों को नहीं छूना चाहिए। कुछ धार्मिक विचारों में कहा गया है कि इनका उपयोग अजन्मे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है।
- सूतक काल के दौरान खाना पकाने और खाने से बचना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि ग्रहण के प्रतिकूल प्रभाव के परिणामस्वरूप भोजन दूषित और अस्वास्थ्यकर हो सकता है। इस दौरान सोना भी वर्जित है।
- सूतक काल के दौरान पूजा न करें। कोई भी शुभ कार्य या नया काम शुरू न करें। बस अपने इष्ट देवता का नाम जपें।
- एक बार ग्रहण बीत जाने के बाद, घर को साफ़ करें, स्नान करें और साफ़ कपड़े पहनें। इसके साथ ही ग्रहण खत्म होने के बाद गेहूं का दान करना शुभ माना जाता है।