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Subrata Roy Lifestyle: ऐसी लाइफस्टाइल जीते थे कभी सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय, जानिए कैसे सब हो गया ख़त्म
Subrata Roy Lifestyle: कभी अरबों के मालिक हुआ करते थे सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय लेकिन जीवन में एक दौर ऐसा भी आया जब उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल भी जाना पड़ा। आइये जानते हैं कैसी हुआ करती थी सहारा श्री सुब्रत रॉय लाइफस्टाइल।
Subrata Roy Lifestyle: सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय का मंगलवार 14 नवंबर को 75 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया है। कंपनी के बयान के अनुसार, रॉय का मेटास्टैटिक घातकता, उच्च रक्तचाप और मधुमेह से उत्पन्न जटिलताओं के साथ लंबी लड़ाई के बाद कार्डियक अरेस्ट के कारण रात 10.30 बजे निधन हो गया। बयान में कहा गया है कि उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद रविवार को उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद आप 14 नवंबर को उनका निधन हो गया। उनके जीवन से जुड़ी कई खट्टी मीठी यादें हैं जिनसे आज हम आपको रूबरू करवाने जा रहे हैं।
सुब्रत रॉय लाइफस्टाइल
सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय का जीवन किसी रोलर कोस्टर से कम नहीं रहा कभी उतार तो कभी चढ़ाव उन्होंने जीवन का हर एक पहलू देखा। मंगलवार 14 नवंबर की रात उनको मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में भर्ती करवाया गया। लेकिन उन्हें बचाया न जा सका और उनका निधन हो गया।
एक समय था जब सुब्रत रॉय की बॉलीवुड की चकाचौंध भरी पार्टियों से लेकर राजनैतिक गलियारों तक हर तरफ अच्छी पकड़ थी। लेकिन धीरे धीरे वक़्त ने करवट बदली और उन्हें अर्श से फर्श पर ला दिया।
सुब्रत रॉय ने एक बार भव्य पार्टियां आयोजित कीं और बॉलीवुड सितारों और क्रिकेटरों की भीड़ के साथ मेलजोल बढ़ाया। इस टाइकून की अक्सर विश्व नेताओं, भारतीय राजनेताओं और व्यापारिक दिग्गजों के साथ तस्वीरें खींची जाती थीं। लेकिन वो कहते हैं न कि वक़्त कभी एक जैसा नहीं रहता वो अपनी करवट बदलता रहता है।
जीवन का कुछ समय नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में भी बिताया, लेकिन बाद में कोर्ट ने उन्हें पेरोल दे दिया था। जो कि अरबों डॉलर के समूह सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक और अध्यक्ष के लिए उनके जीवन का सबसे बुरा दौर था।
सुब्रत रॉय का प्रारंभिक जीवन
सुब्रत रॉय एक बंगाली हिंदू परिवार में जन्मे थे उनका जन्म 10 जून 1948 को अररिया में सुधीर चंद्र रॉय और छवि रॉय के घर हुआ था। उनके पिता और माता ढाका, बिक्रमपुर, पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) के भाग्यकुल जमींदार नामक एक अमीर जमींदार परिवार से थे। वहीँ उनकी शिक्षा की बात करें तो रॉय ने अपनी पढ़ाई कोलकाता के होली चाइल्ड इंस्टीट्यूट से की थी और बाद में सरकारी तकनीकी संस्थान, गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। रॉय ने अपना पहला व्यवसाय गोरखपुर में ही शुरू किया था।
सुब्रत रॉय का डाउनफॉल
26 फरवरी 2014 को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बाजार नियामक - सेबी के साथ कानूनी विवाद के संबंध में उसके समक्ष उपस्थित होने में विफल रहने के लिए रॉय को हिरासत में लेने का आदेश दिया गया था। गिरफ्तारी के बाद एक बयान में, उनके वकील ने कहा था कि रॉय की 92 वर्षीय मां का स्वास्थ्य खराब था और उन्हें अपने "बड़े बेटे" की जरूरत थी, और इसलिए वो अदालत में पेश नहीं हो पाए। चूँकि वह चल रही कानूनी लड़ाई के दौरान अदालत में पेश होने में विफल रहे, रॉय को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हिरासत में रखा गया था और मई 2016 से पैरोल पर बाहर थे। सहारा को भारत में अपनी संपत्ति का एक हिस्सा बेचने की अनुमति दी गई थी ताकि वो अपना भुगतान पूरा कर पाएं।
शुरुआत में उन्हें बाजार नियामक सेबी को ₹10,000 करोड़ जमा करने की शर्त पर 26 मार्च 2014 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दी गई थी। लेकिन कंपनी द्वारा ₹10,000 करोड़ की राशि जमा नहीं किये जाने पर उन्हें एक बार फिर कोर्ट का आदेश आया। वहीँ अगस्त 2014 तक, रॉय पर्याप्त धन जुटाने के लिए अपनी कुछ होटल संपत्तियों को बेचने की कोशिश कर रहे थे। रॉय को उनकी मृत मां का अंतिम संस्कार करने के लिए मई 2017 में कुछ दिनों के लिए पहली जमानत दी गई थी, जिसे बाद में 24 अक्टूबर तक बढ़ा भी दिया गया। तब से वह विभिन्न आधारों पर अपनी जमानत बढ़वाने में सफल रहे थे। 31 जनवरी 2019 तक, सहारा को अपनी कुल देनदारी को पूरा करने के लिए फिर भी ₹10,621 करोड़ का भुगतान करना था।