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Suicide Kyo Karte Hain Log: लोग क्यों करते हैं आत्महत्या, जानें कारण और इसका निवारण

Suicide Kyo Karte Hain Log: मरना तो कोई नहीं चाहता ना लेकिन कुछ परिस्थियां ऐसी पैदा हो जाती हैं जो इंसान को ऐसा कदम उठाने पर मजबूर करती हैं।

Pallavi Srivastava
Published on: 25 Sept 2021 1:54 PM IST (Updated on: 25 Sept 2021 7:04 PM IST)
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आत्महत्या की डिजाइन तस्वीर (फोटो: न्यूजट्रैक)

Suicide Kyo Karte Hain Log: जब कोई व्यक्ति आत्महत्या(Suicide) जैसा कदम उठाता है तो सुनने वाले लोग हमेशा यही कहते हैं कि आखिर क्यों की आत्महत्या। और जब कोई व्यक्ति घरेलू कारणों से या पति-पत्नी के आपसी विवाद(Controversy) के चलते अपनी जीवनलीला समाप्त करता है तब भी समाज ये कहने से गुरेज नहीं करते कि अरे मरने से अच्छा था तलाक ले लेते मरने से क्या मिल गया। कहना सबकुछ आसान होता है। लेकिन कभी किसी ने ये नहीं सोचा होगा कि आत्महत्या करने वाले की उस समय मनोस्थिति(Mood) क्या रही होगी जब उसने यह कदम उठाया होगा। मरना तो कोई नहीं चाहता ना लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी पैदा हो जाती हैं जो इंसान को ऐसा कदम उठाने पर मजबूर करती हैं।

निराशा और हताशा बनता है आत्महत्या का कारण (Concept Image) pic(social media)

क्या किसी ने कभी ये सोचा है कि किसी व्यक्ति के आत्महत्या करने के पीछे क्या कारण(Atamahatya Ke Peeche Ka Karan) हो सकते हैं। एक्सपर्ट(Expert Advice) बताते है कि ज्यादातर लोग बड़े पैमाने पर योजना बनाने से पहले आत्महत्या का प्रयास(Attempt To Suicide) करने का निर्णय ले लेते हैं। और यही निर्णय उनपर इस कदर हावी हो जाता है कि वे इसके अलावा कुछ और सोच ही नहीं पाते। जैसे एक संन्यासी को लगता है कि दुनिया एक मोह माया है। ईश्वर में लीन रहना, ध्यान करना ही उनका हमेशा से लक्ष्य रहा है बस इसका उन्हे देर से पता चलता है। और फिर वो सांसारिक मोह माया से दूर अपनी एक अलग दुनिया बना लेते हैं। ठीक इसी प्रकार जीवन से निराश लोग यही सोच अपने दिमाग में बैठा लेते हैं कि मेरा अब कुछ नहीं हो सकता है, मरने पर ही मुक्ति मिलेगी।

सुसाइड का सबसे बड़ा कारण है अवसाद(Depression Is Biggest Cause Of Suicide)

ज्यादातर केस में देखा गया है कि जब लोग डिप्ररेशन में चले जाते हैं तब उनके सोचने समझने की शक्ति क्षीण को जाती है। अवसाद(Depression) व्यक्ति को निराशा की ओर ले जाता है। उसके अंतरमन में भावात्मक दर्द पैदा हो जाती है। जिससे व्यक्ति उस दर्द को दूर करने के दूसरे तरीकों को देखने में असमर्थ हो जाता है। और तब खुद की जिन्दगी खत्म करने (End Of Life)के अलावा उसे कोई दूसरा विकल्प नजर नहीं आता है।

मनोचिकित्सक(Psychiatrist Advice) बताते है कि अवसाद कई प्रकार का होता है। मतलब कभी कभी व्यक्ति बचपन के दिनों को भूल नहीं पाता जब उसके साथ कोई घटना घटी हो। इस स्थिति में भी व्यक्ति अवसाद से ग्रसित होकर सुसाइड जैसा कदम उठा लेता है। बचपन में जैसे यौन शोषण, बलात्कार, शारीरिक शोषण, या कोई दर्दनाक अनुभव जो जीवनभर भुलाया न जा सके। ये सब भी आत्महत्या के लिए अधिक प्रेरित करते हैं।

खतरनाक है अवसाद की स्थिति pic(social media)

कुछ और कारण भी हैं जो व्यक्ति को गहरे अवसाद में डाल कर आत्महत्या के लिए उकसाते हैं। जैसे-

- शैक्षणिक विफलता(Academic Failure)

- नौकरी खोना(Lose Job)

- यौन संबंधी समस्याएँ(Sexual Problems)

- करीबी दोस्ती या रोमांटिक रिश्ते का अंत(End Of Close Friendship Or Relationship)

- बेइज्जती का एहसास(Sense Of Humiliation)

- फाइनेंशियल दिक्कत(Financial Trouble)

- किसी कर्ज या बैंक लोन के चलते(bank Loan)

- फ्राड का इंलजाम(Fraud Charge)

ये वीडियों 22 साल की आयशा का है। जिसने वीडियो बनाने के बाद अहमदाबाद में साबरमती नदी में कूद कर अपनी जान दे दी। अभी इसकी कोई उम्र भी नहीं थी ऐसे जाने की, लेकिन अवसाद इस कदर हावी हो गया था कि इसने सुसाइड करने का फैसला लिया।

सोशल मीडिया पर डेथ नोट(Death Note On Social Media)

जब से हम पूरी तरह डिजीटाइज हो गए हैं तब से सुसाइड भी वायरल होने लगा है। सोशल मीडिया के द्वारा लोग सुसाइड प्वाइंट से वीडीयो या मैसेज करते है और तुरंत अपनी जीवनलीला समाप्त कर लेते हैं। अगले को कुछ सोचने समझने का मौका भी नहीं देते।

गेम में हार मिलने के बाद कर लेते हैं आत्महत्या (Concept Image)pic(social media)

गेम बना सुसाइड का कारण(Game Became Reason For Suicide)

कोरोना काल से पहले भी बच्चे मोबाइल देखते थे लेकिन जब से बच्चों की पढ़ाई ऑनलादन हो गयी है तब से पूरा दिन बच्चे किसी न किसी बहाने से मोबाइल लिए रहते हैं। और यही वजह उनके आत्महत्या का कारण बन रहा है। ऑनलाइन गेम का क्रेज बच्चों में इस कदर है कि हारना उन्हें दूसरों के सामने बेइज्जती जैसा लगता है। और यही इंसर्ल्ट उन्हे मौत तक ले जाता है।

आत्मविश्वास बढ़ा कर सुसाइड को रोका जा सकता है pic(social media)

क्या सुसाइड को रोका जा सकता है(Suicide prevention)

हां, एक्सर्ट की माने तो अगर समय पर उस व्यक्ति की मनोस्थिति के बारे में पता चल जाए तो सुसाइड को रोका जा सकता है। सुसाइड को हम और आप ही रोक सकते हैं। आपके घर परिवार में या कोई दोस्त हो, जब लगे की वह थोड़ा सा परेशान है तो उस समय आपका ये दायित्व है कि आप उसका मनोबल गिराने की बजाए उसे समझाएं। उससे उसकी समस्या पूछे और उस समस्या का समाधान निकालने में उसकी मद्द करें। ऐसा करके आप किसी की जिन्दगी बचा सकते हैं। और यकीन मानिए आपको भी ऐसा करके बहुत अच्छा महसूस होगा।


डिप्रेशन का इलाज(Treatment Of Depression)

डिप्रेशन एक मेंटल डिसॉर्डर यानी एक गंभीर मानसिक रोग है। समय रहते मनोचिकित्सक के पास ले जाकर आप अवसाद से पीड़ित व्यक्ति को इस समस्या से निजात दिला सकते हैं। उन्हें अकेला बिलकुल न छोड़ें। बीमार व्यक्ति को मनोचिकित्सक से सलाह लेने के लिए प्रेरित करें। और उसका माहौल चेंज करने की कोशिश करें। उससे अलग-अलग टॉपिक पर बात(Talk About Different Topic) करें, उसे घूमाने ले जाएं(Travelling), शॉपिंग(Shopping) पर ले जाएं, नए नए दोस्त(Meet Friends) बनाएं। ये सब करके आप काफी हद तक पीड़ित को अवसाद से बाहर निकल सकते हैं।

उम्मीद है आपको आज का मेरा ये लेख जरूर पसंद आया होगा। किसी भी टॉपिक पर जानकारी के लिए आप कमेंट बॉक्स में लिख कर हमे बता सकते हैं। हम पूरी कोशिश करेंगे आपको पूरी और सटीक जानकारी देें।



Pallavi Srivastava

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