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स्विमिंग वर्कआउट गर्मी में न केवल शौक, बल्कि सेहत का खजाना

seema
Published on: 9 Jun 2018 7:33 AM GMT
स्विमिंग वर्कआउट गर्मी में न केवल शौक, बल्कि सेहत का खजाना
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नई दिल्ली : गर्मियों में स्विमिंग का अपना ही एक अलग मजा है। स्विमिंग वर्कआउट गर्मी में न केवल शौक ही नहीं होता है बल्कि सेहत का खजाना होता है। इसमें ब्रेस्ट स्ट्रोक, बैक स्ट्रोक, साइड स्ट्रोक, बटरफ्लाई और फ्री स्टाइल शामिल होते हैं। हर एक स्ट्रोक शरीर के हर हिस्से को मजबूत बनता है। पानी में शरीर को मूव करने के लिए लगाए जाने वाले प्रत्येक स्ट्रोक में ज्यादा से ज्यादा मसल ग्रुप्स शामिल रहते हैं इसलिये वजन कम करने के लिए भी स्विमिंग को अच्छा विकल्प माना जाता है। हालांकि स्विमिंग की अवधि, गति, स्विम स्ट्रोक और वजन के अनुसार कैलोरी बर्न होती है। एक घंटे की स्विमिंग से उतनी ही कैलोरी बर्न होती है जितनी दौडऩे से होती है। इसका प्रभाव जोड़ों और हड्डियों पर नहीं पड़ता है। जानते हैं स्विमिंग के फायदों के बारे में-

तेजी से बर्न होती कैलोरी

सामान्य गति से एक घंटे की स्विमिंग से करीब 423 कैलोरी आसनी से बर्न किया जा सकता है। तेज गति की स्विमिंग से 715 कैलोरी बर्न की जा सकती है। जबकि एक घंटे तक 3.5 मील वॉक करने पर सिर्फ 314 कैलोरी और योग करने पर 183 कैलोरी प्रति घंटा ही बर्न होती है। यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो रोजाना 10 से 30 मिनट और सप्ताह में एक से 3 बार स्विमिंग जरूर करें। हर सप्ताह स्विम की अवधि 5- 5 मिनट बढ़ाते रहना चाहिए और स्ट्रोक्स भी ज्यादा करना चाहिए ताकि पूरी मसल्स की एक्सरसाइज हो सके। ब्रेस्ट स्ट्रोक को ज्यादा देर तक मेंटेन रखने में आसानी होने के साथ ही कैलोरी भी ज्यादा बर्न होती है।

हर हिस्से की एक्सरसाइज

स्विमिंग से शरीर के हर हिस्से का व्यायाम होता है। स्विमिंग से हार्ट रेट बढ़ती है और वो भी शरीर पर बिना किसी तरह का दबाव डाले। स्ट्रैंथ बढ़ाने, पूरे शरीर के मसल्स टोन करने के अलावा कार्डियोवेस्कुलर के लिए भी यह अच्छी एक्सरसाइज है। स्विमिंग से दिल और फेफड़े भी मजबूत होते हैं। स्विमिंग ब्लड प्रेशर कम करने और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी मददगार होती है।

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गठिया रोगी के फायदेमंद

स्विमिंग गठिया, चोट लगने, किसी तरह की डिसेबिलिटी होने पर भी फायदेमंद होती है। स्विमिंग से जल्दी रिकवरी होती है और दर्द भी कम होता है। गठिया के रोगियों में स्विमिंग से जोड़ों का दर्द कम होने के साथ ही अकडऩ भी कम होती है। हालांकि डॉक्टर की सलाह पर ही गठिया के रोगियों को स्विमिंग करनी चाहिए। इसी तरह अस्थमा के पेशेंट्स के लिए भी यह लाभकारी होता है क्योंकि इसमें सांस की एक्सरसाइज होने के साथ ही फेफड़ों की क्षमता भी बढ़ती है। लेकिन यह यह भी माना जाता है कि पूल में इस्तेमाल किए जाने वाले कैमिकल यानी क्लोरीन से अस्थमा की आशंका बढ़ भी जाती है। ऐसे में क्लोरीन की जगह सॉल्ट वॉटर इस्तेमाल करने वाले पूल का चयन करें और डॉक्टर की सलाह लेकर ही स्टेप उठाएं। इसके साथ ही जरूरी सावधानी बरतें।

अच्छी नींद आती है

अगर आप शाम को स्विमिंग करते है तो रात में अच्छी नींद आएगी। कई स्टडीज में यह बात सामने आई है कि जो लोग नींद नहीं आने की समस्या से जूझते हैं, स्विमिंग से उनकी इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। इसी तरह यह एक्वाटिक प्रोग्राम स्ट्रेस को नियंत्रित रखकर मूड को भी बेहतर करता है। इससे ब्रेन में एंडोरफिन्स रिलीज होता है जो तनाव कम करने में मददगार होता हैै।

बढ़ती है शरीर की लचक

स्विमिंग से शरीर लचीला बनता है। इसमें स्ट्रेच, ट्विस्ट और पानी में खुद को खींचने जैसे क्रियाएं करनी होती हैं जिससे फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। तैरते वक्त कमर से लेकर हाथ, पैर और रीढ़ की हड्डी सभी का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा स्विमिंग से रक्त का संचार 14 प्रतिशत सुधरता है जिससे मस्तिष्क तक आसानी से रक्त पहुंचता है। इससे मस्तिष्क की क्रियाविधि भी सुधरती है। कई शोधो में स्पष्ट हो चुका है कि पानी में स्ट्रोक लगाने पर दबाव सीने पर पड़ता है जिससे रक्त संचार सुधरता है।

स्विमिंग के दौरान इनका रखें ध्यान

स्विमिंग से पहले मसल्स को तैयार करने के लिए पुलअप्स, डेडलिफ्ट्स, स्ट्रेचिंग आदि करें। इससे स्ट्रेंथ बढ़ेगी और आसानी से आपकी मसल्स काम कर सकेगी।

किसी तरह की चोट लगने या बीमारी होने पर डॉक्टर की सलाह लेकर ही पूल में उतरें।

स्किन और साँस से संबंधित बीमारी है तो पूल का क्लोरीन वॉटर तकलीफ और बढ़ा सकता है।

पूल से निकलने के बाद गुनगुने पानी से नहाएं। इससे रोम छिद्र खुलेंगे और क्लींजिंग हो सकेगी। इसके बाद ठंडे पानी से नहाएं ताकि रोम छिद्र टाइट हो सकें और मॉइश्चर बना रहे। नहाते वक्त एंटी-क्लोरीन साबुन का प्रयोग करें।

त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए हाइड्रेटिंग मॉइश्राइजर का प्रयोग करें।

आउटडोर स्विमिंग करने से पहले कम से कम 15 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लोशन जरूर लगाएं। सुबह 10 से शाम 4 बजे के बीच स्विमिंग से बचें क्योंकि इस दौरान सबसे ज्यादा धूप होती है।

बीच-बीच में पानी पीना न भूलें। प्यास न लगने पर भी पानी पीते रहें क्योंकि स्विमिंग के दौरान डीहाइड्रेशन हो सकता है।

हर्बल टी का सेवन करें। इसमें एंटीऑक्सिडेंट तत्व होता है जो स्ट्रेस को हटाने और स्किन से फ्री रेडिकल्स हटाने में मदद करता है।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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