×

स्वाइन फ्लू : सर्तकता ही बचाव, ऐसे रखें अपना और अपनों का ख्याल

Rishi
Published on: 15 Sep 2017 3:25 PM GMT
स्वाइन फ्लू : सर्तकता ही बचाव, ऐसे रखें अपना और अपनों का ख्याल
X

लखनऊ। एच1एन1 वायरस (स्वाइन फ्लू) का हमारे देश में प्रकोप हर साल बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय से जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में अभी तक करीब 22,200 लोग फ्लू से संक्रमित हो चुके हैं।

इस साल भी इसका असर अधिक देखने को मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी स्वाइन फ्लू पर नियंत्रण करने में असमर्थ रहे हैं। समय रहते बीमारी का पता नहीं चलने पर जानलेवा साबित हो जाती है। इसलिए आप लोगों को स्वाइन फ्लू बीमारी के बारे में जानकर उसका बचाव करना बेहद जरूरी है। केवल जानकारी व बचाव से ही एच1एन1 वायरस को अपने शरीर पर हावी होने से बचाया जा सकता है।

ये भी देखें:टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के लिए पुलिसकर्मियों को वन विभाग भेजने के आदेश

कैसे होता है स्वाइन फ्लू

यह एक सांस की बीमारी होती है। फ्लू के वायरस से संक्रमित रोगी के खांसने-छींकने से एक-दूसरे में फैलता है। मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर वेद प्रकाश ने बताया कि बात करने के दौरान मुंह से निकलने वाली थूक की बूंदों से भी एच1एन वायरस के संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है।

वर्ष 2009 में आया था देश में

कैलिफोर्निया से वर्ष 2009 में एच1एन1 वायरस वाला स्वाइन फ्लू हमारे देश में आया है। इसके बाद से ही देश में फ्लू के केस देखने को मिलने लगे। समय बीतने के साथ ही स्वाइन फ्लू का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।

ये भी देखें:कैग के एक लाख 54 हजार के लगभग खाली पदों पर कोर्ट ने किया जवाब तलब

तीन दिन में टेस्ट करवाना जरूरी है

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, दो दिन से अधिक खांसी, जुकाम व बुखार की शिकायत आने पर स्वाइन फ्लू होने की संभावना बन जाती है। इसके लिए तुरंत नजदीकी अस्पताल जाकर टेस्ट करवाना बहुत अधिक जरूरी है। पीसीआर टेस्ट से स्वाइन फ्लू का पता चलता है। टेस्ट के बाद शिकायत आने पर तुरंत अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करवाना चाहिए।

सही देखभाल से एक सप्ताह में फ्लू से मिल जाती है निजात

एसजीपीजीआई के डॉ आशुतोष ने बताया कि एच1एन1 वायरस की शिकायत मिलने पर अगर मरीज का सही तरीके से उपचार हो तो सात दिनों में छुटकारा मिल जाता है। उन्होंने बताया कि मरीज को सामान्य होने में करीब 15 दिन लग जाते हैं।

ये भी देखें:PM B’day Special: लखनऊ में बजेगा 105 किलो का ‘दामोदर’ घंटा, 67 किलो का चढ़ेगा लड्डू

टेस्ट में फ्लू का असर आने पर न घबराएं

एसजीपीजीआई के डॉ अमित सिंह ने बताया कि अक्सर ऐसा होता है कि जब मरीज व उनके परिजनों को इस बीमारी का पता चलता है तो वे लोग एक-दम से घबरा जाते हैं। परिजनों को परेशान देख मरीज डर जाता है। इसके बाद जाकर स्वाइन फ्लू का असर और तेज हो जाता है।

पूरा इलाज उपलब्ध है

पहली बात तो यह जान लें, कि फ्लू बीमारी का उपचार पूरी तरह से है। टीके से लेकर कई दवाईयां इसके लिए हैं।

स्वाइन फ्लू होने पर हमारे देश में इसका पूरा उपचार हो सकती है। परेशान होने के बजाय इलाज पर ध्यान देना होगा।

ये भी देखें:सवाल आपसे! Marital Rape का दर्द कोई क्यों सहे चुपचाप?

रोगी से तुरंत बनाएं दूरी

जिस व्यक्ति में स्वाइन फ्लू की शिकायत मिलती है उसके मुंह से दूर होना बेहद जरूरी है। क्योंकि फ्लू सांस की बीमारी है इसलिए बोलने से निकलने वाले वायरस से बचना बेहद अति आवश्यक है।

शुरुआती घरेलू उपचार

-पानी व तरल पदार्थ का सेवन व आराम करने से 99 प्रतिशत रोगी ठीक हो जाते हैं।

-स्वाइन फ्लू टेस्ट व टेमी फ्लू की जरूरत।

ऐसे करें बचाव

-05 वर्ष से कम या 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति को टीका लगवाना चाहिए।

-टीका लगने के 2 से 3 सप्ताह के बाद बचाव संभव हो पाता है।

-यह बचाव 6 से 12 महीने रहता है।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story