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Takiya Lagane ke Nuksan: तकिया लगाने से बच्चों के स्वस्थ पर पड़ता है बुरा प्रभाव, घेर सकते हैं कई रोग

Takiya Lagane ke Nuksan: कभी कभी आराम देने वाला तकिया आपके बच्चे के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए सीधे खतरा हो सकते हैं, जानिए बच्चों को उम्र के किस पड़ाव पर कैसा तकिया देना चाहिए।

Shweta Srivastava
Published on: 2 March 2023 8:40 AM IST
Toddler Sleep with a Pillow
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Toddler Sleep with a Pillow (Image Credit-Social Media)

Takiya Lagane ke Nuksan: माता पिता की दुनिया होते हैं उनके बच्चे। आपका प्यारा बच्चा आपके लिए सबकुछ है - और जब आप उन्हें रात में बिस्तर पर सुकून से सोते हुए देखते हैं, तो वो शायद दुनिया का सबसे सुख देने वाला पल होता है। वहीँ आप भी यही चाहते होंगे कि उनकी नींद आराम दायक हो। लेकिन कभी कभी जब हम ये सोचते हैं कि वो आरामदायक चीज़ों के साथ सुकून से सो रहे हैं तो शायद कहीं न कहीं हम इसे लेकर गलती भी कर रहे होते हैं। कभी कभी आराम देने वाला तकिया आपके बच्चे के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए सीधे खतरा हो सकते हैं, इसलिए किस उम्र में उन्हें किस तरह का तकिया दिया जाना चाहिए ये सवाल हर नए माता पिता के मन में आता है तो आइये आज हम आपको बताते हैं कि बच्चों को उम्र के किस पड़ाव पर कैसा तकिया देना चाहिए।

बच्चे के लिए तकिया रखना कब सही है?

तकिया हमारी आरामदायक नींद का सबसे ज़रूरी हिस्सा है। ऐसे में क्या छोटे बच्चों को तकिया की ज़रूरत है। हालांकि यह सुनकर दुख हो सकता है, लेकिन सभी जोखिमों को समझना महत्वपूर्ण है और आप अपने बच्चे को यथासंभव सुरक्षित रखते हुए सहज बनाने के लिए क्या कर सकते हैं। इसमें कुछ वस्तुओं, जैसे तकिए, को उनके सोने के वातावरण में पेश करने के लिए सही उम्र तक प्रतीक्षा करना शामिल है।

उपभोक्ता उत्पाद सुरक्षा आयोग ( Consumer Product Safety Commission ) सुझाव देता है कि जब तक आपका बच्चा 1 1/2 वर्ष (18 महीने) तक नहीं पहुंच जाता तब तक आपके छोटे बच्चे की नींद की दिनचर्या में तकिए को शामिल न करें।

इस बात को विशेषज्ञों ने अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (एसआईडीएस) को ध्यान में रखते हुए बताया है। साथ ही एक और विकार जिसे बचपन में अचानक अस्पष्टीकृत मौत (एसयूडीसी) कहा जाता है उसके खतरे को मद्देनज़र रखते हुए कहा गया है।

SIDS का उपयोग आमतौर पर 12 महीने तक के बच्चों के लिए किया जाता है, और SUDC का उपयोग 1 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए किया जाता है। एसयूडीसी की तुलना में एसआईडीएस बहुत अधिक आम है।

हालाँकि, जब आपका बच्चा 1 वर्ष का हो जाता है, तो अचानक अस्पष्टीकृत मृत्यु का जोखिम कम हो जाता है। जहाँ एक तकिया आपके लिए सुरक्षित और आरामदायक है, शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए ऐसा नहीं है। उन्हें उनकी छोटी उम्र में इसकी ज़रूरत नहीं होती।



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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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