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इन चमत्कारी तरीकों से पहचाने लोगों का असली चेहरा, नहीं खाएंगे कभी धोखा!

जिंदगी में कई मोड़ ऐसे आते हैं जब हमारा रिश्तों और प्यार पर से विश्वास उठ जाता है। ऐसा बेवजह नहीं होता। जब बेहद आत्मीय रिश्ते भी साथ छोड़कर चले जाते हैं और हम खुद को ठगा हुआ और एमदम खाली सा महसूस करते हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 23 May 2019 7:00 PM IST
इन चमत्कारी तरीकों से पहचाने लोगों का असली चेहरा, नहीं खाएंगे कभी धोखा!
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नई दिल्ली: जिंदगी में कई मोड़ ऐसे आते हैं जब हमारा रिश्तों और प्यार पर से विश्वास उठ जाता है। ऐसा बेवजह नहीं होता। जब बेहद आत्मीय रिश्ते भी साथ छोड़कर चले जाते हैं और हम खुद को ठगा हुआ और एमदम खाली सा महसूस करते हैं।

ऐसा हालात की वजह से हो सकता है। लेकिन जरूरी नहीं कि इसके लिए हालात ही जिम्मेदार हों। कई बार सामने वाला कई चेहरे लिए हमें झूठ की चाशनी में लपेटता रहता है और हम भी मुग्ध भाव से उसकी कही हर बात को आखिरी सच मान कर यकीन कर लेते हैं। ये अंदाजा लगाना मुश्किल है कि सामने वाला सच बोल रहा है या झूठ लेकिन नामुमकिन नहीं है।

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मशहूर शायर निदा फ़ाज़ली ने इंसान की फ़ितरत पर एक शेर लिखा है, 'हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी, जिस को भी देखना हो कई बार देखना। एक कहावत भी है कि हर व्यक्ति के तीन चेहरे होते हैं।

एक चेहरा संसार को दिखाने के लिए, एक दोस्तों और जान-पहचान वालों के लिए और एक चेहरा खुद का असली जो वो किसी को दिखाना पसंद नहीं करता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे तरीके जिन्हें अपनाकर आप समझ पाएंगे लोगों का असली चेहरा, पकड़ पाएंगे उनका झूठ और नहीं खाएंगे जिंदगी में धोखा।

अंग्रेजी में एक कहावत है 'Actions speak louder than words' यानी कर्म और प्रतिक्रियाएं शब्दों से ज्यादा वजनदार और ताकतवर होती हैं। अच्छा और प्रिय बोलने वाला हमेशा सही व्यक्ति हो जरूरी तो नहीं।

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इसके लिए आपको बारीकी से लोगों का अवलोकन करना होगा। क्या जो वादे लोग करते हैं या बातें जो लोग कहते हैं उन्हें वो पूरा करने के लिए क्या कर रहे हैं ये बहुत मायने रखता है। कोशिश तो कोई भी कर सकता है। लेकिन अगर कोई अपनी बातों को लेकर अडिग है तो वो उसपर खरा उतरने के लिए हर अग्निपरीक्षा को पार करेगा। खोखली बातों में न फंसे।

कई बार लोगों की शारीरिक क्रियाओं से भी उनके मन में चल रही भावनाओं का अंदाजा हो जाता है। लेकिन जब आब बारीकी से गौर करेंगे तो उनके कार्य-व्यवहार में एक अंतर आपको साफ नजर आएगा। झूठे लोग कभी अपनी आलोचना को लेकर सकारात्मक नहीं रहते।



Vidushi Mishra

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