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ट्रैवेलिंग दूर करती है डिमेंशिया और डिप्रेशन की समस्या, सैर-सपाटे से भी होगा अब इलाज़
आपके द्वारा उठाया गया ये कदम ना सिर्फ आपके स्वास्थ्य बल्कि आपके आपके दिमाग पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। जी हाँ ट्रैवेलिंग की आदत आपको डिमेंशिया और अवसाद /डिप्रेशन जैसी बिमारियों से दूर रखने में सहायक होती है।
Dementia and Depression: कहा जाता है कि एक स्वस्थ्य शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार के साथ मानसिक सुकून भी बेहद जरुरी है। एक नए शोध में यह बताया गया है कि पर्यटन या ट्रैवेलिंग करना भी आपके स्वास्थ्य को बेहतरीन लाभ पहुंचाता है। आपके द्वारा उठाया गया ये कदम ना सिर्फ आपके स्वास्थ्य बल्कि आपके आपके दिमाग पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। जी हाँ ट्रैवेलिंग की आदत आपको डिमेंशिया और अवसाद /डिप्रेशन जैसी बिमारियों से दूर रखने में सहायक होती है।
पर्यटन है बेस्ट इलाज़ :
शोधकर्ताओं के मुताबिक डिमेंशिया से जूझ रहे लोगों के लिए पर्यटन भी एक असरकारी दवा के रूप में ही काम करती है। ऐसा करने से व्यक्ति ना सिर्फ मनोरंजक अनुभव बल्कि वास्तविक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है। शोधकर्ता के अनुसार पर्यटन, सार्वजनिक स्वास्थ्य और विपणन विशेषज्ञों की विविध टीम के द्वारा की गयी जांच से यह बात सामने आयी है कि पर्यटन के जरिए डिमेंशिया से पीडि़त लोगों को काफी लाभ प्राप्त होता है।
इतना ही नहीं डिमेंशिया के उपचार की सिफारिश के तौर पर चिकित्सक विशेषज्ञ संगीत, व्यायाम, संज्ञानात्मक उत्तेजना, स्मरण चिकित्सा, संवेदी उत्तेजना और रोगी के भोजन के समय और पर्यावरण के अनुकूलन जैसे मनोभ्रंश उपचार की भी सिफारिश कर सकते हैं। गौरतलब है कि जब आप अपने व्यस्त लाइफ से छुट्टी लेकर कहीं घूमने जाते हो तो आप इन सब चीजें का आनंद ले पाते हैं। संगीत सुनना और मस्ती करना करना जैसी चीज़ें आपके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए डिमेंशिया और डिप्रेशन /अवसाद जैसी समस्याओं को कोसों दूर करने में मददगार साबित होते हैं।
आपकी छुट्टियां बन सकती है इलाज भी
विशेषज्ञों के अनुसार टूरिज्म डिमेंसिया जैसी कई बीमारियों का बेस्ट इलाज़ हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, नया वातावरण और नया अनुभव, संज्ञानात्मक और संवेदी उत्तेजना व्यक्ति को प्रदान कर सकता है। गौरतलब है कि रोज़ाना व्यायाम करने से आप शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों से स्वस्थ रह सकते हैं। ठीक उसी प्रकार छुट्टियों में बाहर घूमने-फिरने जाने से आप फिजिकल रूप से सक्रिय होने के साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ बनते हैं।
शरीर बनता है तंदरुस्त
शोधकर्ताओं के अनुसार जब भी आप कहीं घूमने-फिरने जाते हैं तो उस दौरान आपके खानापीना भी अलग तरह का हो जाता है।आमतौर पर कई लोगों के साथ मिलने से आप खुद को ज्यादा सामाजिक पाते हैं। वर्ण रोज़ाना एक ही रूटीन फॉलो करने के साथ एक सामान्य पारिवारिक शैली के भोजन करने से भी डिमेंशिया रोगियों की समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में बाहर जाकर कुछ चेंज होने पर उनके जीवन तथा खाने के व्यवहार में भी सकारात्मक रूप से प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा व्यक्ति अपने अंदर शुद्ध हवा और सूर्य की रोशनी अपने अंदर विटामिन डी और सेरोटोनिन के लेवल को बढ़ा हुआ महसूस करता है।
डिमेंशिया के रोगियों को पर्यटन से मिलता है लाभ
पर्यटन करने से हर व्यक्ति अपने में सकारात्मक ऊर्जा का संचार महसूस करता है। वरना कोरोना वायरस महामारी के दौरान के कटु अनुभवों ने कई लोगों को मानसिक रोगी तक बना डाला है। एक जैसी जिंदगी से व्यक्ति खुद ही ऊबन महसूस करने लगता है। फिर चाहे वो घर हो या दफ्तर। ऐसे में पहले से ही मानसिक दंश झेल रहे लोगों को कहीं घूमने या पर्यटन करना एक असरदार मेडिसिन के रूप में महसूस होता है। गौरतलब है कि पर्यटन को मानसिक और शारीरिक तौर पर काफी उपयोगी माना गया है। इतना ही नहीं पर्यटन विभिन्न परिस्थितियों वाले लोगों के जीवन को बड़ा बदलाव ला सकता है। इसके अलावा अवासाद से लड़ने में मददगार साबित होता है। उल्लेखनीय है कि टूरिज्म सिर्फ घूमने-फिरने का ही एकमात्र जरिया नहीं हैं बल्कि आज के सिकुड़ते समाज में कम होती एक -दूसरे के प्रति की भावनाओं का भी एक मलहम है।