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Motivational Story: एकता

Motivational Story: किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए आपसी एकता होना बहुत जरूरी है, एकता के लिए चाहिए आपसी स्नेह और विश्वास

Sankata Prasad Dwived
Published on: 13 May 2024 5:23 AM GMT
Motivational Story: एकता
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Motivational Story: किसी जंगल में एक शेर रहता था जिससे सभी पशु-पक्षी बहुत डरते थे। शेर रोज किसी एक जानवर को मार कर अपना पेट भरता था। उसी जंगल में खरगोश, कछुआ, बंदर और हिरण, ये चारों पक्के और सच्चे दोस्त थे, जो हमेशा हर जानवर की मदद करने को तैयार रहते थे।एक दिन एक भेड़िया उस जंगल में पहुंचा। रास्ते में उसे भालू मिला। भालू ने उसको जंगल के सारे कायदे कानून बताए कि यहां का राजा शेर रोज एक जानवर को मारकर खाता है, उससे बच कर रहना। चालाक भेड़िये ने सोचा, शेर से मित्रता करके उसका हितैषी बनकर, उसका दिल जीतना चाहिए, इससे मेरी जान तो बच जाएगी।

भेड़िया शेर की गुफा में गया और सोए हुए शेर के पास बैठ गया। शेर नींद से जब जागा तो भेड़िए को खाने को उद्यत हुआ। भेड़िए ने कहा, महाराज, पशुलोक से पशु देवता ने आपकी सेवा के लिए मुझे भेजा है। अब आपको शिकार पर जाने की जरूरत नहीं। आज से आपको मैं शिकार लाकर दूंगा। शेर ने भेड़िए की बात मान ली।भेड़िए ने जंगल में यह ढिंढोरा पिटवाया कि मैं पशुलोक से राजा शेर का सेवक बन कर आया हूं। प्रतिदिन जंगल के राजा की भूख मिटाने के लिए एक प्राणी मेरे साथ चलेगा। जंगल के सभी जानवर डर गए और भेड़िए की बात मानने को तैयार हो गए।


शेर के पास जाने के क्रम में एक दिन खरगोश की बारी आई और भेड़िया उसे ले जाने लगा। तभी वहां हिरण, बंदर और कछुआ भी आ पहुंचे और उसके साथ जाने की जिद करने लगे। शेर के सामने पहुंचकर चारों ने बारी-बारी अपनी बात शेर से कहीं। सबसे पहले खरगोश बोला, महाराज आज मैं आपका भोजन हूं। कछुआ बोला, नहीं महाराज आप अकेले खरगोश को नहीं खाइए, मुझे भी खाइए। तभी बंदर कहता है, महाराज इन तीनों को छोड़ दीजिए, मैं बड़ा हूं, मुझे अपना भोजन बना लीजिए।


इतने में हिरण बोल पड़ा, महाराज, इन तीनों को छोड़ दीजिए, मैं अकेला ही तीनों के बराबर हूं, आप मुझे अपना शिकार बना लीजिए। भेड़िया यह सब सुन रहा था। उसने कहा, महाराज, देर ना करें इन चारों की बातों में ना आए, एक झटके में इनको खत्म करके अपनी भूख मिटायें। तभी शेर ने चारों को अपने पास बुलाया और कहा, मैं तुम्हारी सच्ची एकता, मित्रता और त्याग देख कर बहुत खुश हुआ। यह कह कर शेर ने भेड़िए को अपना शिकार बना दिया।

शिक्षा:-

किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए आपसी एकता होना बहुत जरूरी है। एकता के लिए चाहिए आपसी स्नेह और विश्वास। स्नेह के आधार से ही सहयोगी बन पाते हैं। सहयोगी बनने के लिए अपने को मिटाना पड़ता है अर्थात् अपने पुराने संस्कारों को मिटाना होता है। इसलिए आप हमेशा जरूरतमंदों की सहायता करते रहो..!

Shalini singh

Shalini singh

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