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ईयरफोन और हेडफोन का इस्तेमाल बना सकता है आपको बहरा, बेहद सावधानी के साथ करें इस्तेमाल
हेडफोन ईयरफोन से आने वाली आवाज सीधे आपके ईयरड्रम से करीब से टकराती है। इतना ही नहीं काफी गंभीर स्थितियों में ईयरड्रम को स्थायी रूप से भी नुकसान हो सकता है।
आजकल के लाइफस्टाइल में ईयरफोन और हेडफोन जीवन का जरूरी हिस्सा बन चुके हैं। ख़ास कर युवा वर्ग के लिए। कुछ वक़्त तक पहले लोग बाहरी शोर से दूर रहने के लिए हेडफोन का इस्तेमाल करते थे। लेकिन अब माहौल काफी आधुनिक हो चुका है, हर किसी को अपनी प्राइवेसी चाहिए। अब ज्यादातर लोग मल्टीमीडिया कंटेट देखने, ट्रेवलिंग के दौरान, मॉर्निंग वाक के समय एक्सरसाइज के टाइम इत्यादि में म्यूजिक सुनने के लिए हेडफोन का यूज करते हैं।
गौरतलब है कि कोविड महामारी के दौरान घर से ऑनलाइन क्लासेस और ऑफिस की मीटिंग अटैंड करने वाले लोगों और बच्चों में हेडफोन्स और ईयरफोन्स का इस्तेमाल काफी तेज़ी से बढ़ गया है। अक्सर देखा गया है कि बहुत से लोग ज्यादातर समय अपने ईयरफोन हेडफोन को ऑन रखते हैं, चाहे वह जूम मीटिंग के लिए हो या फिर गेम खेलने के लिए। बता दें कि ये आदत थोड़ी देर के लिए यो ठीक है लेकिन लेकिन अधिक समय तक इनका यूज करने से आपके कानों पर काफी बुरा असर पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि हेडफोन ईयरफोन से आने वाली आवाज सीधे आपके ईयरड्रम से करीब से टकराती है। इतना ही नहीं काफी गंभीर स्थितियों में ईयरड्रम को स्थायी रूप से भी नुकसान हो सकता है। इसलिए अगर आपके ईयरफोन या हेडफोन ज्यादातर समय आपके ईयरलोब में प्लग करके बिताते हैं, तो सावधान हो जाईये।
तो आइए ये जानते हैं इयरफोन से होने वाले नुकसान:
- कान में दर्द का सबसे बड़ा कारण लम्बे टाइम तक हेडफोन या ईयरफोन का इस्तेमाल करना हो सकता है। कई बार जब आप लंबे समय से म्यूजिक सुन रहे होते हैं तो आपके कानों के अंदर एक अजीब सी आवाज गूंजती है और कानों में दर्द महसूस होने लगता है। बता दें कि ऐसा अक्सर आपके तेज आवाज में म्यूजिक सुनने की आदत के कारण कानों को हो रहे नुक्सान के कारण होता है।
- बता दें कि हेडफोन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स पैदा करती है जो आपके दिमाग पर बेहद बुरा प्रभाव डालते हैं। उल्लेखनीय है कि किसी भी मीटिंग, म्यूजिक या फिर ऑनलाइन क्लासेस के लिए भी ज्यादा देर तक हेडफोन या ईयरफोन का इस्तेमाल आपके दिमाग पर बहुत बुरा असर डाल सकता है ।
- कान में मैल जमा होने की समस्या हेडफोन या ईयरफोन के लगातार इस्तेमाल के कारण हो सकता है। बता दें कि घंटों तक ईयरफोन का उपयोग करने से कान में मैल जमा हो जाने के कारण कई बार कान में संक्रमण, सुनने की समस्या या टिटनस की भी शिकायत हो सकती है।
- सुनाई ना देना या बहरापन की शिकायत होना ईयरफोन और हेडफोन के बहुत ज्यादा देर तक यूज़ करने के कारण हो सकती है। आपको ये जानकर हैरानी हो सकती है कि ईयरफोन के द्वारा सुनने की आदत आपको बहरा बना देती है। गौरतलब है कि कंपन के कारण हेयर सेल्स अपनी संवेदनशीलता खो देते हैं, जिससे व्यक्ति को कम या फिर बिल्कुल सुनाई देना बंद हो जाता है।
- कान का संक्रमण का मामला जब ज्यादा घातक हो जाता है जब आप अपना हेडफोन अन्य लोगों के साथ शेयर करने लगते हैं। ऐसे में कई बार ईयरफोन स्पंज के जरिए बैक्टीरिया और रोगाणु एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जाते हैं, जिससे कानों में इंफेक्शन के चांसेस काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं। उल्लेखनीय है कि संक्रमण से बचने के लिए आपको अपने हेडफोन साफ रखना बेहद जरूरी है।
- कई बार कुछ लोगों को लाउड म्यूजिक सुनने की आदत होती है जो आपके ईयर कैनल में दबाव डालता है। जिसके कारण आपको चक्कर आने की समस्या हो सकती है।
हेडफोन और ईयरफोन को इस्तेमाल करने से पहले कुछ सावधानियों को जान लेना बेहद आवश्यक होता है। जिनमें बहुत लंबे समय तक हेडफोन और ईयरफोन का इस्तेमाल न करना , दोनों के इस्तेमाल के दौरान साउंड नॉर्मल रखना , खासतौर से हेडफोन किसी के साथ शेयर न करना , ईयरफोन को बहुत ज्यादा कानों के अंदर एडजस्ट करने की कोशिश बिलकुल ना करना , समय-समय पर इनसे ब्रेक लेते रहना , ऑनलाइन क्लासेस या सेशन्स की इंटेंसिटी थोड़ी कम रखना , क्योंकि ज्यादा इंटेंसिटी आपकी सुनने की क्षमता पर असर डाल सकती है और , ईयरफोन्स हो या हेडफोन हमेशा अच्छी कंपनी का ही इस्तेमाल करना आदि शामिल हैं।
ध्यान रखें
- ईयरबड्स वाले हेडफोन का ही इस्तेमाल आपके कानों को सुरक्षित रखता है। इसके अलावा एमपी3 उपकरणों का उपयोग 60 प्रतिशत तेज आवाज के साथ करना जरुरी है क्योंकि वॉल्यूम जितनी तेज़ होगी , उसको इस्तेमाल करने का समय भी उतना ही कम हो जाएगा। ध्यान रहें बहुत तेज आवाज में म्यूजिक 5 मिनट से ज्यादा नहीं सुनना चाहिए। अन्यथा कानों के लिए समस्या पैदा हो सकती हैं।