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Ekadashi Mantra: धन-समृद्धि के लिए एकादशी व्रत के दिन जरूर करें इन प्रभावशाली मंत्रों का जाप

Utpanna Ekadashi 2024: एकादशी के दिन अगर आप कुछ मंत्रों का जाप करते हैं तो इससे जीवन के सभी दुख और समस्याएं दूर हो जाती हैं। आइए जानें कौन से हैं वो मंत्र।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 26 Nov 2024 8:43 AM IST (Updated on: 26 Nov 2024 8:43 AM IST)
Ekadashi Mantra: धन-समृद्धि के लिए एकादशी व्रत के दिन जरूर करें इन प्रभावशाली मंत्रों का जाप
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Ekadashi Mantra (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Utpanna Ekadashi 2024: एकादशी का व्रत (Ekadashi Vrat) हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत हर महीने में दो बार रखा जाता है। कहते हैं कि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है और घर में सुख-समृद्धि का वास रहता है। साथ ही व्रती की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। जो व्यक्ति एकादशी का व्रत करता है, उसके जन्म-जन्म के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और मरने के पश्चात उसे सीधे बैकुंठ धाम में स्थान मिलता है। आज यानी 26 नवंबर 2024 को मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी (Ekadashi November 2024 Date) मनाई जा रही है, जिसे उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi) भी कहते हैं।

एकादशी के दिन ऐसे कई कार्य हैं, जिन्हें करने से पूजा का विशेष फल मिलता है, उनमें से एक मंत्र जाप (Mantra Jaap) भी है। अगर आप इस दिन कुछ मंत्रों का जाप करते हैं तो इससे जीवन के सभी दुख और समस्याएं दूर हो जाती हैं। शास्त्रों में भगवान विष्णु को समर्पित कुछ विशेष मंत्रों (Vishnu Ke Mantra) का उल्लेख किया गया है, जिनका जाप एकादशी तिथि के दिन करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

एकादशी व्रत मंत्र (Ekadashi Vrat Mantra)

शीघ्र फलदायी मंत्र

- श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी। हे नाथ नारायण वासुदेवा।।

- ऊँ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

- ऊँ विष्णवे नम:।।

धन-समृद्धि के लिए विशेष मंत्र

- ऊँ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

ऊँ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।

लक्ष्मी विनायक मंत्र

- दन्ता भये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्। धृता ब्जया लिंगितमब्धि पुत्रया, लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

विष्णु के पंचरूप मंत्र

- ऊँ अं वासुदेवाय नम:।।

- ऊँ आं संकर्षणाय नम:।।

- ऊँ अं प्रद्युम्नाय नम:।।

- ऊँ नारायणाय नम:।।

- ऊँ अ: अनिरुद्धाय नम:।।

विष्णु मंत्र

- ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय।।

- ऊँ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने॥ प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:॥



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