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30 साल से नहीं खुला था महिला का मुंह, इस बीमारी से थी ग्रसित

क्या आपने सुना है कि कभी किसी इंसान का मुंह 30 साल से खुला नहीं है। जी हाँ ऐसी ही खबर दिल्ली के पंजाब...

Roshni Khan
Published on: 30 March 2021 7:17 AM GMT
30 साल से नहीं खुला था महिला का मुंह, सर्जरी के बाद हुआ ये
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mouth disease (PC: social media)

लखनऊ: क्या आपने सुना है कि कभी किसी इंसान का मुंह 30 साल से खुला नहीं है। जी हाँ ऐसी ही खबर दिल्ली के पंजाब नेशनल बैंक में काम कर रही सीनियर मैनेजर के साथ ऐसा हुआ है। जिसका अनोखा ऑपरेशन हुआ है। उसका मुंह 30 साल से बंद था ज‍िसको एक बड़े ऑपरेशन के जरिए खोला गया। डेढ़ महीने पहले 30 साल की महिला आस्था मोंगिया को सर गंगा राम अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में लाया गया जहां ये इलाज किया गया।

महिला जन्मजात विकार से पीड़ित थी

ये महिला जन्मजात विकार से पीड़ित थी। उसके जबड़े की हड्डी मुंह के दोनों तरफ से खोपड़ी की हड्डी से जुड़ गई थी। उसकी वजह से वो अपना मुंह नहीं खोल सकती थी। वह अपनी अंगुली से अपनी जीभ को छू तक नहीं सकती थी। वह तरल पदार्थ पर जिन्दा थी। मुंह न खुलने से, दांतों में इन्फेक्शन की वजह से कुछ ही दांत बचे रह गये थे।

वो एक आंख से देख भी नहीं सकती थी। सबसे बड़ी परेशानी तो ये थी कि उसका पूरा चेहरा ट्यूमर की खून भरी नसों से भरा हुआ था। इसी वजह से कोई भी अस्पताल सर्जरी के लिए तैयार नहीं था।

डॉ राजीव आहूजा ने बताया

डॉक्टर राजीव आहूजा, सीनियर प्लास्टिक सर्जन, डिपार्टमेंट ऑफ़ प्लास्टिक एंड कॉस्मेटिक सर्जरी, सर गंगा राम अस्पताल के अनुसार, ''जब हमने मरीज़ को देखा तो परिवार को बताया कि सर्जरी बहुत ही रिस्की (जटिल) है और अत्यधिक रक्तस्राव से ऑपरेशन टेबल पर मौत भी हो सकती है। हमने प्लास्टिक सर्जरी, वैस्कुलर सर्जरी एवं रेडियोलॉजी विभाग की टीम बुलाई और बहुत विचार विमर्श करने के बाद इस जटिल सर्जरी को अंजाम देने का फैसला किया। इस जटिल सर्जरी के लिए टीम का नेतृत्व डॉक्टर राजीव आहूजा द्वारा किया गया था और इसमें डॉक्टर रमन शर्मा और डॉक्टर इतिश्री गुप्ता (प्लास्टिक सर्जरी), डॉक्टर अंबरीश सात्विक (वैस्कुलर एंड एंडोवस्कुलर सर्जरी) और डॉक्टर जयश्री सूद और डॉक्टर अमिताभ (एनेस्थि‍सिया टीम) का सहयोग रहा।''

महिला का मुंह 3 सेंटीमीटर खुल चुका था

उन्होंने आगे बताया कि ''ऑपरेशन से 3 हफ्ते पहले मरीज़ के चेहरे पर एक खास इंजेक्शन (स्क्लेरोसैंट) लगाया गया, जिससे खून से भरी नसें थोड़ी बहुत सिकुड़ जाती हैं। 20 मार्च 2021 को मरीज़ को ऑपेरशन थिएटर ले जाया गया। पूरी तरह से सफल ऑपरेशन में साढ़े तीन घंटे का समय लगा। अब ऑपरेशन टेबल पर मरीज़ का मुंह ढाई सेंटीमीटर खुल चुका था। 25 मार्च 2021 को आस्था की जब अस्पताल से छुट्टी की गयी तो उसका मुंह 3 सेंटीमीटर खुल चुका था। एक सामान्य व्यक्ति का मुंह 4 से 6 सेंटीमीटर खुलता है। डॉ राजीव आहूजा ने बताया कि अभी मुंह की फिजियोथेरेपी एवं व्यायाम से उसका मुंह और ज्यादा खुलेगा।

Roshni Khan

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