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Stickers of Fruits: जानें क्या कहता है फलों पर चिपका स्टीकर, ब्रांड के चक्कर में कहीं सेहत से ना हो जाए खिलवाड़

Stickers of Fruits: फल और सब्जियों को हर व्यक्ति अपनी डाइट में सेहत के लिहाज से शामिल करता है। हम मार्केट में जब फल की खरीदी करने के लिए जाते हैं तो हमें कुछ स्टीकर लगे हुए फल भी मिलते हैं। हालांकि, कई बार यह स्टिकर लगे ब्रांडेड फल हमारे लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 15 Dec 2023 7:15 AM IST (Updated on: 26 Dec 2023 2:34 PM IST)
Stickers of Fruits
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Stickers of Fruits

Stickers of Fruits: मार्केट में हम जब भी सब्जियां खरीदने जाते हैं तो उसके साथ फलों की खरीदारी जरूर करते हैं। फल एक ऐसी चीज है जो हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं। डॉक्टर हो या फिर डाइटिशियन हर कोई डाइट में फलों को शामिल करने की सलाह जरूर देता है। कई तरह के फल आते हैं और सभी की पसंद भी अलग-अलग होती है और सभी अपने पसंदीदा फलों को खाना पसंद करते हैं। हालांकि कई बार हमारी जरा सी गलती हमारी सेहत को अच्छा करने के चक्कर में की गई चीजों की वजह से बिगड़ सकती है अब आप सोच रहे होंगे कि भला फल खरीदने में और खाने में ऐसी कौन सी बात आ गई जो हमारी सेहत को बिगाड़ सकती है। हम आपको बता दें कि आप में से अक्सर कई लोगों ने ध्यान दिया होगा कि जब हम मार्केट में फलों की खरीदी के लिए जाते हैं तो उन पर हमें कुछ स्टीकर लगे हुए दिखाई देते हैं।

इन स्टीकर को देखकर कई बार हम यह सोच लेते हैं कि यह अच्छे ब्रांड के फल हैं इसी वजह से इन पर स्टीकर लगा हुआ है और हम उसे बिना कुछ सोचे समझे खरीद देते हैं। हमें ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। वह इसीलिए क्योंकि फलों पर चिपके यह स्टिकर उसके ब्रांड के बारे में नहीं बता रहे हैं बल्कि यह फल की क्वालिटी के विषय में हमें जानकारी दे रहे हैं। कई बार हमें फलों पर चिपके इन स्टिकर और इन पर लिखे हुए कोड के संबंध में जानकारी नहीं होती है जिस वजह से हमें अच्छा समझकर घर ले आते हैं और उनका सेवन करने लगते हैं। अगर आप बिना सोचे समझे इसी तरह से फलों की खरीदारी कर रहे हैं तो यह आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है इसलिए आज हम आपको यह बताते हैं कि फलों पर चिपके हुए इन स्टिकर का मतलब क्या होता है।

फलों पर लगे स्टिकर

जब हम फल खरीदने के लिए जाते हैं तो इन स्टिकर पर कुछ कोड लगे होते हैं जिन्हें PLU यानी प्राइज लुकअप कहा जाता है। यह अलग-अलग तरह के होते हैं और इनका मतलब भी अलग-अलग ही होता है। इन स्टिकर पर जो कोड दिया हुआ है अगर हम उन्हें अच्छी तरह से पहचान लेंगे तो हमें फल के बारे में बहुत सी जानकारी मिल जाएगी। इसके जरिए हम आसानी से पता लगा सकते हैं कि हमें कौन सा फल खरीदना चाहिए और कौन सा नहीं।

5 डिजिट कोड

Stickers of Fruits : पलिया सब्जी पर लगे हुए स्टीकर 5 डिजिटल के कोड वाले हैं और यह नंबर 9 से शुरू हुए हैं तो इसका यह मतलब होता है कि इस फल को पूरी तरह से जैविक तरीके से उगाया गया है और इसमें किसी भी तरह के कीटनाशक के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसे जेनेटिकली मॉडिफाई नहीं किया गया है और यह खाने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है।

8 से शुरू होने वाला कोड

जिस फल पर 5 डिजिट का 9 से शुरू हुआ कोड है वह तो सुरक्षित है। लेकिन पांच डिजिट के कोड वाला वह फल भी आपको मिल जाएगा जिसकी शुरुआत 8 नंबर से हो रही होती है। अगर आप जो फल खरीद रहे हैं उसे पर आठ नंबर से शुरू होने वाला कोड लिखा हुआ है तो इसका मतलब यह है कि इस फल को जैविक तरीके से उगाया गया है। इसमें थोड़ा बहुत जेनेटिकली रूप से मॉडिफाई किया गया है।

4 डिजिट कोड

मार्केट में आपको कुछ फलों या सब्जियों पर चार डिजिट वाला स्टीकर चिपका हुआ दिखाई देगा। चार डिजिट के इस कोड का मतलब यह होता है कि जब इस फल को उगाया गया है तो इसमें पूरी तरह से ट्रेडिशनल कीटनाशकों और केमिकल को उपयोग किया गया है। इसका मतलब यह होता है कि इसे पूरी तरह से केमिकल्स के जरिए तैयार किया गया है। वैसे जब भी आप फलों की खरीदारी करने के लिए जा रहे हैं और स्टीकर वाले फल ब्रांड समझ कर घर पर लेकर आ रहे हैं तो ऐसी गलती बिल्कुल भी ना करें। पहले स्टिकर को अच्छी तरह से देखें और पता करें कि इन पर लिखा गया कोड क्या कहता है उसके बाद ही इसकी खरीदारी करें।



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Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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