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Women's Day: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का क्या है बैंगनी रंग के साथ स्ट्रांग कनेक्शन? क्या आप इस बार बैंगनी पहनकर इस आंदोलन का हिस्सा बनेंगे?

Happy Women's Day 2025: क्या आप जानते हैं बैंगनी रंग को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के साथ क्यों जोड़ा जाता है? आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ।

Jyotsna Singh
Written By Jyotsna Singh
Published on: 8 March 2025 11:24 AM IST
Womens Day: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का क्या है बैंगनी रंग के साथ स्ट्रांग कनेक्शन? क्या आप इस बार बैंगनी पहनकर इस आंदोलन का हिस्सा बनेंगे?
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Women's Day And Purple Color Connection (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

International Women's Day 2025: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) महिलाओं के अधिकारों, समानता और उपलब्धियों का जश्न मनाने का एक वैश्विक अवसर है। इस दिन को और अधिक अर्थपूर्ण बनाने के लिए बैंगनी रंग पहनने की परंपरा है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि क्यों बैंगनी रंग को इस दिवस के साथ जोड़ा जाता है? इसके पीछे ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कारण हैं। आइए इस बारे में जानते हैं विस्तार से-

महिला आंदोलन के साथ खास बैंगनी रंग से जुड़ी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

(फोटो साभार -सोशल मीडिया)

महिला आंदोलन के साथ खास बैंगनी रंग से जुड़ी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर नजर डालें तो पहली बार बैंगनी रंग का उपयोग 1908 में महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही ब्रिटिश महिला "सफरजेट्स" (Suffragettes) द्वारा किया गया था। तब से ही यह रंग महिलाओं के सम्मान और गरिमा का प्रतीक बन चुका है।

1908 में यूनाइटेड किंगडम में महिला सामाजिक और राजनीतिक संघ (WSPU) की नेता एम्मेलिन पंखर्स्ट और उनकी टीम ने बैंगनी, सफेद और हरे रंगों को महिलाओं की समानता के प्रतीक के रूप में अपनाया।

*बैंगनी (Purple): रंग को गरिमा और न्याय का प्रतीक

*सफेद (White): रंग को शुद्धता का प्रतीक

*हरा (Green): रंग को आशा और नए जीवन का प्रतीक माना जाता है।

आज भी, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दौरान यह रंग महिलाओं की स्वतंत्रता, समानता और गरिमा के लिए जारी संघर्ष का प्रतीक बना हुआ है।

बैंगनी रंग और महिलाओं का सशक्तिकरण (Purple Color and Women Empowerment)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

बैंगनी रंग हमेशा से ही शक्ति, आत्मनिर्भरता और दृढ़ निश्चय का प्रतीक रहा है। कई संस्कृतियों में इसे रॉयल्टी, बुद्धिमत्ता और नारीत्व से जोड़ा जाता है। यह महिलाओं की स्वतंत्र सोच और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है। 1970 के दशक में महिला आंदोलन (Women's Liberation Movement) के दौरान भी इस रंग का व्यापक उपयोग किया गया। संयुक्त राष्ट्र (UN) और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की आधिकारिक वेबसाइट ने भी बैंगनी को इस दिन का आधिकारिक रंग घोषित किया है।

आधुनिक संदर्भ में बैंगनी रंग

आज के समय में, जब महिलाएं शिक्षा, राजनीति, व्यापार और विज्ञान जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं, बैंगनी रंग पहनना उनकी प्रगति और संघर्ष को समर्थन देने का एक प्रतीक बन चुका है। संयुक्त राष्ट्र महिला (UN Women) द्वारा महिला दिवस के विभिन्न अभियानों में इस रंग का उपयोग किया जाता है।

सोशल मीडिया अभियानों में इस रंग का महत्व

सोशल मीडिया अभियानों में भी यह रंग छाया हुआ है। जिनमें खासतौर से हैशटैग #WearPurple और #IWD2025 (International Women's Day 2025) का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा कई देशों में सरकारी और गैर-सरकारी संगठन इस दिन बैंगनी रोशनी, झंडे और बैनर का उपयोग करते हैं।

बैंगनी रंग पहनने के अन्य कारण


1. एकजुटता का प्रतीक:

जब दुनिया भर में लोग बैंगनी रंग पहनते हैं, तो यह समानता और महिला सशक्तिकरण के लिए एकजुटता का संदेश देता है।

2. लैंगिक समानता का समर्थन:

यह महिलाओं के प्रति सम्मान और लैंगिक समानता को समर्थन देने का एक तरीका है।

3. कार्यस्थल पर महिलाओं को बढ़ावा:

कई कंपनियां अपने कर्मचारियों से महिला दिवस पर बैंगनी पहनने का आग्रह करती हैं ताकि महिलाओं की भागीदारी को सराहा जा सके।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बैंगनी रंग पहनना सिर्फ एक फैशन स्टेटमेंट नहीं है, बल्कि यह महिला अधिकारों के समर्थन, समानता और न्याय का प्रतीक है। यह रंग इतिहास में महिलाओं के संघर्ष की गवाही देता है और आधुनिक युग में उनके आत्मनिर्भरता और सफलता का उत्सव मनाने का एक तरीका है। इसलिए, इस बार भी वैश्विक पटल पर 8 मार्च को बैंगनी रंग पहनकर महिलाएं अपनी उपलब्धियों का सम्मान और लैंगिक समानता का संदेश देती नजर आएंगी।

Shreya

Shreya

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