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World Environment Day: 5 जून को ही क्यों मनाई जाती है विश्व पर्यावरण दिवस, जाने इसके इतिहास और महत्व
World Environment Day: पहले पर्यावरण दिवस पर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत की प्रकृति और पर्यावरण के प्रति चिंताओं को जाहिर किया था।
World Environment Day: हर साल 5 जून को ही क्यों मनाई जाती है विश्व पर्यावरण दिवस और इसके महत्व के बार में आज हम अपकों इसके बारे में बतायेंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रकृति से जुड़ी समस्याओं के बारे में जागरुक किया जा सके और इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जा सके। पर्यावरण दिवस पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
यह इस बात की भी याद दिलाता है कि आज की पीढ़ी को आने वाली जनरेशन के लिए पर्यावरण को संरक्षित और संरक्षित करना कितना महत्वपूर्ण है। जलवायु परिवर्तन, जंगलों की कटाई, प्रदूषण, बायोडाइवर्सिटी लॉस उन मुद्दों में से हैं, जो इस दिन सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों को संबोधित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
कब हुई विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत
संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से साल 1972 में वैश्विक स्तरपर पर्यावरण प्रदूषण की समस्या और चिंता की वजह से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की नींव रखी गई। इसकी शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई। यहां दुनिया का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें 119 देश शामिल हुए थे। पहले पर्यावरण दिवस पर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत की प्रकृति और पर्यावरण के प्रति चिंताओं को जाहिर किया था।
इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की नींव रखी गई थी और हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाए जाने का संकल्प लिया गया। विश्व पर्यावरण दिवस का उद्देश्य दुनियाभर के नागरिकों को पर्यावरण प्रदूषण की चिंताओं से अवगत कराना और प्रकृति और पर्यावरण को लेकर जागरूक करना रखा गया।
जानें इसके महत्व
विश्व पर्यावरण दिवस का मुख्य महत्व लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाना है लोगों को जागरुक करना है जो वर्तमान समय में बहुत ही अवश्यक है। बता दें की दुनिया में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कतों का आगे चलकर सामना करना पड़ सकता है। इसी कारण प्रकृति पर भी खतरा बढ़ता जा रहा है। इसे रोकने को उदेशय से पर्यावरण दिवस की शुरुआत की गई। ताकि लोगों को पर्यावरण के प्रती जागरुक किया जा सके और आने वाले पीढ़ी को बेहतर कल दे सकें।