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Office Rules in India: सावधान! जान लें ऑफिस के ऐसे नियम, कहीं आपको भी न देना पड़ जाये 12 लाख रुपये का जुर्माना!

Office Rules in India: ऑफिस टाइम में अक्सर लोग किसी न किसी वजह से ब्रेक लेते रहते हैं लेकिन ऐसा करना एक जापानी अधिकारी को काफी महंगा पड़ गया। आइये जानते हैं क्या है ये पूरा मामला और अगर ऐसा कुछ हमारे देश भारत में हो तो क्या है इसके लिए सजा और नियम।

Shweta Shrivastava
Published on: 30 March 2023 9:21 PM GMT (Updated on: 30 March 2023 9:22 PM GMT)

Office Rules in India: ऑफिस टाइम में अक्सर लोग किसी न किसी वजह से ब्रेक लेते रहते हैं लेकिन ऐसा करना एक जापानी अधिकारी को काफी महंगा पड़ गया। और इस ब्रेक की वजह कुछ और नहीं बल्कि धूम्रपान करना था। इसपर कंपनी ने न सिर्फ उस अधिकारी को काम से निकाल दिया बल्कि 12 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। आपको बता दें कि जापान में एक कठोर और समयबद्ध कार्य संस्कृति है, जहाँ कार्यस्थल पर कुछ मिनट देर से आने पर कड़ी सजा और अत्यधिक जुर्माना लगाया जा सकता है। पहले भी कई मामले सामने आए हैं जहां काम में कुछ मिनट देर से आने पर कर्मचारियों को दंडित किया गया है। लेकिन इस बार का मामला कुछ अलग ही है। आइये जानते हैं क्या है ये पूरा मामला और अगर ऐसा कुछ हमारे देश भारत में हो तो क्या है इसके लिए सजा और नियम।

जापानी अधिकारी पर इसलिए लगा जुर्माना

ऑफिस टाइम के दौरान स्मोकिंग ब्रेक को अक्सर एक गैर-उत्पादक गतिविधि के रूप में देखा जाता है और ये कर्मचारियों द्वारा महत्वपूर्ण कार्यों में देरी करने और संगठन में कार्यप्रवाह में बाधा डालता है लेकिन क्या आप अभी भी विश्वास कर सकते हैं कि 14 साल की अवधि में काम पर 4,500 से अधिक बार स्मोक करने के लिए एक कर्मचारी पर 14,500 डॉलर यानि 12 लाख का जुर्माना लगाया गया?

दरअसल जापान में एक कठोर और समयबद्ध कार्य संस्कृति है, जहाँ कार्यस्थल पर कुछ मिनट देर से आने पर कड़ी सजा और अत्यधिक जुर्माना लगाया जा सकता है। पहले भी कई मामले सामने आए हैं जहां काम में कुछ मिनट देर से आने पर कर्मचारियों को दंडित किया गया है।

मामला जापान के ओसाका प्रान्त का है। वहां के एक विश्वसनीय न्यूज़पेपर की खबर के अनुसार, ओसाका के अधिकारियों ने निदेशक स्तर के पद पर कार्यरत 61 वर्षीय सिविल अधिकारी पर $14,500 का जुर्माना लगाया। ओसाका की प्रीफेक्चुरल सरकार ने कहा कि इस एम्प्लोयी ने काम पर 355 घंटे और 19 मिनट तक धूम्रपान किया। कानून तोड़ने के लिए उनके दो सहकर्मियों पर भी जुर्माना लगाया गया था।

सिविल सेवक को अधिकारियों द्वारा उसके अनुशासनात्मक वेतन कटौती के अलावा उसकी आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा चुकाने के लिए भी कहा गया। उन्हें स्थानीय लोक सेवा अधिनियम के "ड्यूटी ऑफ़ डिवोशन" को तोड़ने के लिए पाया गया था।

ओसाका में धूम्रपान नियम दंड और अत्यधिक जुर्माने के प्रावधानों के साथ दुनिया में सबसे कठिन कानून हैं। वहां धूम्रपान को लेकर कई कठिन कानून बनाये गए हैं।

भारत में मौजूद ऑफिस के नियम

भारत में लेबर लॉ के तहत एम्प्लाइज के लिए कई सुविधाएं हैं वहीँ इसके साथ ही साथ कुछ नियम भी मौजूद हैं। आइये जानते हैं भारत में मौजूद श्रम और रोज़गार सम्बन्धी कानून क्या कहता है।

-कर्मचारियों को तीन सप्ताह की छुट्टी लेने की अनुमति होगी।
-उन्हें उस अवधि के लिए काम पर होना चाहिए जो 48 घंटे से अधिक न हो। जो लोग रोजाना आठ घंटे काम करते हैं, उन्हें सिर्फ एक हफ्ते की छुट्टी मिलेगी।
-एक संगठन के भीतर प्रति दिन 12 घंटे काम करने वाले व्यक्तियों को तीन सप्ताह का अवकाश दिया जाएगा। साथ ही जो लोग प्रतिदिन 9 घंटे काम कर रहे हैं
उन्हें दो हफ्ते की छुट्टी मिलेगी।

-नए श्रम कोड के परिणामस्वरूप पूर्ण और अंतिम नियमों में कुल संशोधन होगा।
- महिला कर्मचारी अपने मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह करने का लाभ ले सकेंगी। नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए नियोक्ताओं को महिला कर्मचारियों से मंजूरी लेनी होगी।
-संगठन की महिला कर्मचारियों की गारंटी के लिए सुरक्षा और सुविधाएं अच्छी होनी चाहिए।

-किए गए परिवर्तनों के अनुसार वेतन की संरचना अलग होगी।
-मूल वेतन के तत्व में वृद्धि होगी, और मूल वेतन के आधार पर प्रावधान निधि की गणना में भी वृद्धि होगी। इसका मतलब यह है कि अनंतिम कर्मचारी कोष में वृद्धि होगी जबकि नकद में भुगतान की संभावना कम हो जाएगी।

ऑफिस में काम करने का समय

सभी क्षेत्रों में कर्मचारियों के काम के घंटों में आमूल-चूल परिवर्तन होता है। वर्तमान में, कारखानों और अन्य कार्यस्थलों में कर्मचारियों के लिए काम के घंटे राष्ट्रीय स्तर पर कारखाना अधिनियम, 1948 पर आधारित हैं। ये कार्यालय के कर्मचारियों और अन्य कर्मचारियों के लिए प्रत्येक राज्य के दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियमों द्वारा भी शासित होता है। श्रम पर नए कानूनों के अनुसार, एक दिन में काम के घंटे 12 घंटे हैं, जबकि काम के साप्ताहिक घंटे 48 घंटे हैं। यानी कंपनियां या फैक्ट्रियां पूरे एक हफ्ते काम कर सकती हैं। विभिन्न क्षेत्रों में ओवरटाइम प्रति तिमाही 50 से बढ़ाकर 125 घंटे कर दिया गया है।

एक कार्यकर्ता को अधिक से अधिक पांच घंटे के काम के बाद कम से कम आधे घंटे (30 मिनट) का विश्राम अंतराल मिलना ज़रूरी है। आराम के ब्रेक और ओवरटाइम सहित (काम के घंटों का) कुल समय किसी भी दिन साढ़े दस घंटे से अधिक नहीं हो सकता है। इसका मतलब है कि प्रति दिन 2 घंटे के ओवरटाइम की अनुमति है। एक कर्मचारी को पूर्व सूचना के बिना अल्प सूचना पर ओवरटाइम काम करने की आवश्यकता नहीं हो सकती है। वहीँ जापान की ही तरह भारत में भी इससे अधिक ब्रेक लेने की अनुमति किसी भी कंपनी द्वारा मान्य नहीं है। 9 घंटे की ड्यूटी में कर्मचारी आधे घंटे का ब्रेक ले सकता है। इससे ज़्यादा ब्रेक कोई भी गैर सरकारी या सरकारी कंपनी नहीं देती।

Shweta Shrivastava

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