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World First Airmail Service History: क्या आप जाने हैं कि कुंभ से शुरू हुई भारतीय विमान सेवा!
World First Official Airmail Service History: भारत से पहली अंतर्राष्ट्रीय उड़ान दिसंबर 1912 में भारतीय राज्य वायु सेवाओं और ब्रिटेन स्थित इंपीरियल एयरवेज के सहयोग से लंदन-कराची-दिल्ली मार्ग पर शुरू की गई थी।
World First Official Airmail Service History: वर्तमान समय में आकाश में तरक्की की इबारत गढ़ रही भारतीय विमान सेवा का इतिहास बड़ा ही रोचक है। जिसका सीधा संबंध भारत के सबसे बड़े तीर्थ स्थल माने जाने वाले कुंभ स्थल प्रयागराज से जुड़ा है। क्योंकि विश्व की पहली हवाई डाक सेवा भारत में इलाहाबाद में 18 फरवरी, 1911 को कुंभ मेले के अवसर पर शुरू की गई थी। इसके बाद भारत में नागरिक विमानन की शुरुआत हुई। इस विशेष दिन पर पायलट हेनरी पिकेट ने हंबर बाइप्लेन पर 6500 डाक लादकर इलाहाबाद से नैनी तक लगभग 10 किमी की दूरी तय की थी।आइए जानते हैं भारतीय विमान सेवा से जुड़े इतिहास के बारे में -
इस तरह हुई थी भारत से पहली अंतर्राष्ट्रीय उड़ान
भारत से पहली अंतर्राष्ट्रीय उड़ान दिसंबर 1912 में भारतीय राज्य वायु सेवाओं और ब्रिटेन स्थित इंपीरियल एयरवेज के सहयोग से लंदन-कराची-दिल्ली मार्ग पर शुरू की गई थी। टाटा संस लिमिटेड द्वारा कराची और मद्रास के बीच नियमित हवाई मेल सेवाएं शुरू की गईं। 24 जनवरी, 1920 को रॉयल एयरफोर्स ने कराची और बॉम्बे के बीच नियमित हवाई मेल सेवाएं शुरू कीं।
जिसके लिए भारत में हवाई अड्डों का निर्माण कलकत्ता के दमदम, इलाहाबाद के बमरौली और बम्बई के गिल्बर्ट हिल में 1924 में शुरू हुआ। इसी कड़ी में अप्रैल 1927 में पृथक नागरिक विमानन विभाग की भी स्थापना की गई। इसके अलावा, उसी वर्ष भारतीय एयरो क्लब की स्थापना भी की गई थी।
ये थे पायलट लाइसेंस से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय
हवाई सेवाओं को तरक्की की राह पर ले जाने के लिए जेआरडी टाटा को फरवरी 1929 में भारत और बर्मा के एयरो क्लब की ओर से एयरोनॉटिक इंटरनेशनल द्वारा पायलट लाइसेंस से सम्मानित होने वाले पहले व्यक्ति का खिताब हासिल हुआ था।
1929 में आगा खान ने लंदन और बॉम्बे के बीच एकल दौड़ की घोषणा की। इसमें तीन प्रतिभागी थे- जेआरडी टाटा, मनमोहन सिंह और एस्पी मर्चेंट। इस दौड़ में मनमोहन सिंह ने जीत हासिल की थी।
ये थे पहले नागरिक विमान के पहले महानिदेशक
लेफ्टिनेंट कर्नल शेल्मरडाइन 1931 में नागरिक विमानन के पहले महानिदेशक बने। वहीं टाटा एयरलाइंस 1932 में टाटा संस लिमिटेड एक प्रभाग के तौर पर स्थापित की गई। इसने 15 अक्टूबर को कराची, अहमदाबाद, बॉम्बे, बेल्लारी, मद्रास मार्गों पर एयर मेल सेवाएं शुरू कीं। 1932 में उर्मिला के. पारिख पायलट लाइसेंस पाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
इसी कड़ी में वर्ष 1933 से 1934 के बीच कई अन्य एयरलाइन्स कम्पनियाँ भी शुरू हुईं, जैसे इंडियन ट्रांस कॉन्टिनेंटल एयरवेज, मद्रास एयर टैक्सी सर्विसेज, इंडियन नेशनल एयरवेज आदि का नाम शामिल है। इसे कानूनी तौर पर मजबूती प्रदान करने के लिए भारतीय वायुयान अधिनियम 1934 में लागू किया गया तथा 1937 में तैयार किया गया।
इन्होंने की थी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की स्थापना
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की स्थापना वालचंद हीराचंद ने तत्कालीन मैसूर सरकार के सहयोग से 1940 में बैंगलोर में की थी।
भारत का पहला विमान, हार्लो प्रशिक्षक, जुलाई 1941 में परीक्षण उड़ान के लिए उतारा गया।
इस एयरवेज का था संयुक्त स्वामित्व हैदराबाद के निज़ाम और टाटा के पास
1945 में डेक्कन एयरवेज की स्थापना की गई थी। जिसका संयुक्त स्वामित्व हैदराबाद के निज़ाम और टाटा के पास था। इसकी पहली उड़ान जुलाई 1946 में शुरू हुई। 1946 में ’एयर इंडिया’ अस्तित्व में आई जब टाटा एयरलाइंस ने अपना नाम बदलकर एयर इंडिया कर लिया।
इस तरह हुआ था अंतर्राष्ट्रीय सेवाओं का उद्घाटन
1948 में एयर इंडिया ने एयर इंडिया इंटरनेशनल लिमिटेड के नाम से अंतर्राष्ट्रीय सेवाएं संचालित करने के लिए सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
उसी वर्ष 8 जून को एयर इंडिया ने काहिरा और जिनेवा के माध्यम से बॉम्बे और लंदन के बीच एक साप्ताहिक उड़ान के साथ अपनी अंतर्राष्ट्रीय सेवाओं का उद्घाटन किया।भारत सांस्कृतिक पर्यटन
इस पहली भारतीय महिला ने हासिल किया था कमर्शियल पायलट लाइसेंस
1948 में प्रेम माथुर पहली महिला कमर्शियल पायलट बनीं और डेक्कन एयरवेज के लिए उड़ान भरने लगीं। उन्होंने 1947 में अपना कमर्शियल पायलट लाइसेंस प्राप्त किया।
इस तरह हुई थी इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया इंटरनेशनल की स्थापना
मार्च 1953 में भारतीय संसद ने एयर कॉर्पोरेशन अधिनियम पारित किया और सम्पूर्ण एयरलाइन उद्योग के राष्ट्रीयकरण के बाद इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया इंटरनेशनल की स्थापना की गई। इस समय आठ पूर्व स्वतंत्र घरेलू एयरलाइंस जिनमें से डेक्कन एयरवेज, एयरवेज इंडिया, भारत एयरवेज, हिमालयन एविएशन, कलिंगा एयर लाइन्स, इंडियन नेशनल एयरवेज, एयर इंडिया, एयर सर्विसेज ऑफ इंडिया का विलय कर दिया गया।
ये थीं इंडियन एयरलाइंस की पहली महिला पायलट
1956 में सुश्री दुर्बा बनर्जी को इंडियन एयरलाइंस की पहली महिला पायलट के रूप में शामिल किया गया।
वहीं भारत की नागरिक हेलीकॉप्टर सेवा इससे भी दो वर्ष पूर्व 1953 में शुरू की गई थी।
इस सन में किया था भारत ने जेट युग में प्रवेश
1960 में एयर इंडिया के बेड़े में बोइंग 707-437 को शामिल करने के साथ ही भारत ने जेट युग में प्रवेश किया और अमेरिका पहली बार भारतीय एयरलाइन की उड़ान से भारत से जुड़ा।
इस सन में हुआ भारतीय अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (आईएएआई) का गठन
तेजी से तरक्की की राह पर बढ़ते हुए 1972 में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (आईएएआई) का गठन किया गया और वायुदूत एयरलाइंस (एक सरकारी स्वामित्व वाली एयरलाइन कंपनी) ने वर्ष 1981 में अंतर्राष्ट्रीय परिचालन शुरू किया।
सेना के स्क्वाड्रन लीडर थे अंतरिक्ष पर समय बिताने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री
पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री के तौर पर आकाश से अंतरिक्ष तक का सफर तय करने का श्रेय भी भारतीय उड्डयन अधिकारी सन 1984 में भारतीय वायु सेना के स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा को जाता है।
इन्हें अंतरिक्ष में 8 दिन बिताने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री और 138 वें अंतरिक्ष यात्री के तौर पर याद किया जाता है।
इस पहली भारतीय महिला ने संभाली थी चालक दल की उड़ान की कमान
1985 में कैप्टन सौदामिनी देशमुख ने कलकत्ता-सिलचर मार्ग पर इंडियन एयरलाइंस फोकर फ्रेंडशिप एफ-27 पर पहली महिला चालक दल की उड़ान की कमान संभाली। उन्होंने सितंबर 1989 में मुंबई-गोवा सेक्टर पर पहली बोइंग ऑल-वुमन क्रू फ्लाइट की भी कमान संभाली।
नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो की स्थापना के पीछे ये थी वजह
वर्ष 1985 भारतीय विमानन के लिए सबसे दर्दनाक वर्ष के रूप में जाना जाता है, जब मॉन्ट्रियल और दिल्ली के बीच एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई 182 को अटलांटिक महासागर के ऊपर आतंकवादियों ने उड़ा दिया था। इसके बाद 1987 में नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो की स्थापना की गई।
पायलटों के प्रशिक्षण के लिए उत्तर प्रदेश इस अकादमी की हुई थी स्थापना
1985 में पवन हंस हेलीकॉप्टर्स लिमिटेड (पीएचएचएल) की स्थापना हुई तथा पायलटों के प्रशिक्षण के लिए उत्तर प्रदेश में रायबरेली के फुरसतगंज में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (आईजीआरयूए) की स्थापना भी हुई।
भारतीय वायुसेना का गठन 8 अक्टूबर, 1932 को हुआ था। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। भारतीय वायुसेना के पास फौजी कार्यवाही कमान, प्रशिक्षण कमान, अनुरक्षण कमान और ईस्टर्न एयर कमान मिलाकर कुल सात कमान हैं।