TRENDING TAGS :
World Malaria Day 2024: विश्व मलेरिया दिवस का क्या है इतिहास और महत्त्व, जानिए इस साल की थीम
World Malaria Day 2024: विश्व मलेरिया दिवस हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है। जानिए इसका इतिहास और महत्त्व क्या है और इस साल की इसकी थीम क्या है।
World Malaria Day 2024: विश्व मलेरिया दिवस एक वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय उत्सव है जो 25 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन को मानाने का उद्देश्य मलेरिया को नियंत्रित करने और रोकने के वैश्विक प्रयासों को मान्यता देना है। वर्तमान में, 106 देशों में लगभग 3.3 बिलियन लोगों को मलेरिया होने का खतरा है। आइये जानते हैं इस दिन का इतिहास, महत्त्व और इस साल की इसकी थीम क्या है।
विश्व मलेरिया दिवस 2024 (World Malaria Day 2024)
मलेरिया से साल 2012 में वैश्विक स्तर पर अनुमानित 627,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए, जिनमें अफ्रीकी बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हुए। हालाँकि मलेरिया सबसे ज़्यादा अफ्रीका को ही प्रभावित करता है, साथ ही ये एशिया, लैटिन अमेरिका के कुछ हिस्सों और कुछ हद तक मध्य पूर्व और यूरोप के कुछ क्षेत्रों को भी प्रभावित करता है। विश्व मलेरिया दिवस का विचार पूरे अफ़्रीकी महाद्वीप में अफ़्रीकी मलेरिया दिवस मनाने के प्रयासों से उत्पन्न हुआ।
मलेरिया मुक्त दुनिया बेहद ज़रूरी है, फिर भी मलेरिया की रोकथाम, पता लगाने और इलाज के लिए गुणवत्तापूर्ण, सस्ती और समय पर सेवाएं सभी के लिए उपलब्ध नहीं हैं। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, शरणार्थियों, प्रवासियों, आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों और स्वदेशी लोगों को मलेरिया का अधिक खतरा होता है। जलवायु परिवर्तन और मानवीय आपातस्थितियों से लोगो में इस बीमारी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
विश्व मलेरिया दिवस की स्थापना मई 2007 में विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा लोगों को मलेरिया के बारे में शिक्षित करने और राष्ट्रीय मलेरिया-नियंत्रण रणनीतियों पर जानकारी फैलाने के लिए की गई थी। इससे पहले, 25 अप्रैल को अफ्रीका मलेरिया दिवस मनाया जाता था। विश्व मलेरिया दिवस, मलेरिया के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने और नीतिगत बदलावों की वकालत करने का एक अवसर है।
हर साल विश्व मलेरिया दिवस पर, मलेरिया की रोकथाम और उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक विशिष्ट थीम को चुना जाता है। इस साल यानि साल 2024 की थीम इस बार "अधिक न्यायसंगत विश्व के लिए मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में तेजी लाना है।"
विश्व मलेरिया दिवस 2017 के लिए, भारत ने इस वेक्टर जनित बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कई उपायों को लागू किया। मंगलुरु के तटीय शहर ने मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों को खत्म करने के लक्ष्य के लिए खुले जल संसाधनों की पहचान की। वहीँ भारत का लक्ष्य 2030 तक मलेरिया मुक्त भारत है।
मलेरिया एक बहुत ही खतरनाक मच्छर जनित संक्रामक रोग है जो प्लास्मोडियम परजीवियों के कारण होता है। मादा एनोफिलीज मच्छर अपने काटने से मनुष्यों में रोग फैलाते हैं। मलेरिया के लक्षणों में आमतौर पर बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान शामिल हैं।