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World Meteorological Day 2025: जानिए विश्व मौसम विज्ञान दिवस का इतिहास और इसका महत्व!

World Meteorological Day 2025 History: विश्व मौसम विज्ञान दिवस केवल वैज्ञानिकों और मौसम विशेषज्ञों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि आम जनता के लिए भी एक अवसर है कि वे जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण सुरक्षा के महत्व को समझें।

Shivani Jawanjal
Published on: 23 March 2025 11:23 AM IST
World Meteorological Day 2025 History
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World Meteorological Day 2025 History

World Meteorological Day History: विश्व मौसम विज्ञान दिवस (World Meteorological Day) हर वर्ष 23 मार्च को वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है। यह दिन मौसम विज्ञान के क्षेत्र में हुई प्रगति, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, और मौसम संबंधी पूर्वानुमान के महत्व को उजागर करने के लिए समर्पित है। मौसम विज्ञान केवल तापमान और वर्षा की जानकारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कृषि, परिवहन, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों को भी प्रभावित करता है।

इस दिवस का आयोजन विशेष रूप से विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) द्वारा किया जाता है, जो संयुक्त राष्ट्र की एक प्रमुख एजेंसी है। यह संगठन जलवायु और मौसम से जुड़ी वैज्ञानिक प्रगति को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ सदस्य देशों को सटीक मौसम पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणाली विकसित करने में सहायता प्रदान करता है। बढ़ते जलवायु परिवर्तन और अनिश्चित मौसम परिस्थितियों के बीच, इस दिवस का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि यह हमें सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रभावी रणनीतियाँ अपनाने की प्रेरणा देता है।

विश्व मौसम विज्ञान दिवस का इतिहास(History Of World Meteorological Day)

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की स्थापना

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की स्थापना 23 मार्च 1950 को हुई थी। इस संगठन की स्थापना का मुख्य उद्देश्य मौसम विज्ञान संबंधी आंकड़ों का आदान-प्रदान, जलवायु परिवर्तन पर शोध और प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित जानकारी साझा करना था।

WMO का पूर्ववर्ती संगठन अंतरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन IMO

विश्व मौसम विज्ञान संगठन की नींव अंतरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (IMO - International Meteorological Organization) के रूप में रखी गई थी, जो 1873 में स्थापित किया गया था। अंतरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन का मुख्य कार्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौसम संबंधी जानकारी साझा करना था। लेकिन जैसे-जैसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उन्नति हुई, वैसे-वैसे मौसम विज्ञान के क्षेत्र में भी सुधार की आवश्यकता पड़ी। इसी कारण, 1950 में अंतरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन(IMO) को पुनर्गठित करके विश्व मौसम विज्ञान संगठन(WMO)बनाया गया।

विश्व मौसम विज्ञान दिवस की शुरुआत(Beginning Of World Meteorological Day)

विश्व मौसम विज्ञान संगठन की स्थापना की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 1951 से हर साल 23 मार्च को विश्व मौसम विज्ञान दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई। इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

विश्व मौसम विज्ञान दिवस का महत्व(Significance Of World Meteorological Day)

मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता:- विश्व मौसम विज्ञान दिवस का प्रमुख उद्देश्य लोगों को मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति जागरूक करना है। बदलते मौसम और जलवायु परिस्थितियों का मानव जीवन, कृषि, स्वास्थ्य, और पर्यावरण पर सीधा प्रभाव पड़ता है, जिससे निपटने के लिए सही जानकारी और तैयारी आवश्यक होती है।

प्राकृतिक आपदाओं से बचाव:- मौसम विज्ञान बाढ़, चक्रवात, तूफान, हीटवेव और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी करने में सहायक होता है। यह दिवस हमें आपदा प्रबंधन और जोखिम न्यूनीकरण में मौसम विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका को समझने में मदद करता है।

सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण:- जलवायु परिवर्तन के कारण वैश्विक तापमान में वृद्धि, समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी और बर्फ के पिघलने जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। इस दिवस के माध्यम से सतत विकास (Sustainable Development) और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रभावी नीतियों को प्रोत्साहित किया जाता है।

कृषि और खाद्य सुरक्षा:- मौसम का कृषि उत्पादन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। सटीक मौसम पूर्वानुमान से किसान सही समय पर फसल बोने, सिंचाई करने और कटाई करने के निर्णय ले सकते हैं, जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

परिवहन और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:- हवाई, समुद्री और सड़क परिवहन मौसम की स्थिति पर निर्भर करते हैं। सही मौसम भविष्यवाणी से दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।

वैश्विक सहयोग और शोध को बढ़ावा:- यह दिवस वैज्ञानिक अनुसंधान और वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहित करता है, ताकि सभी देशों को नवीनतम मौसम और जलवायु डेटा प्राप्त हो सके और वे अपनी आपदा प्रबंधन और नीतियों को और बेहतर बना सकें।

कैसे मनाया जाता है विश्व मौसम विज्ञान दिवस?(Celebration of World Meteorological Day)

शैक्षिक और वैज्ञानिक कार्यक्रम - इस दिन विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और विभिन्न देशों के मौसम विभाग वैज्ञानिक संगोष्ठियों और कार्यशालाओं (Seminars & Workshops) का आयोजन करते हैं।

थीम आधारित कार्यक्रम - हर साल विश्व मौसम विज्ञान दिवस की एक नई थीम होती है, जिसके आधार पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

प्रदर्शनी और प्रदर्शनियाँ - कई देशों में मौसम विज्ञान केंद्रों और वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा विशेष प्रदर्शनी लगाई जाती हैं। इन प्रदर्शनी में मौसम पूर्वानुमान तकनीक, जलवायु परिवर्तन, सैटेलाइट इमेजिंग, और मौसम उपकरणों के बारे में जानकारी दी जाती है।

मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जागरूकता अभियान - समाचार चैनलों, रेडियो और सोशल मीडिया पर मौसम परिवर्तन, पर्यावरण सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव पर विशेष कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं।

सरकारी और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम - विभिन्न देशों की सरकारें मौसम परिवर्तन, जलवायु नीति, और आपदा प्रबंधन से जुड़े नए कार्यक्रमों की घोषणा करती हैं।विश्व मौसम विज्ञान संगठन और संयुक्त राष्ट्र (United Nations) इस दिन विशेष रिपोर्ट और आंकड़े प्रकाशित करते हैं, जिनमें पृथ्वी के तापमान में वृद्धि, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और समाधान की जानकारी होती है।

सामुदायिक और पर्यावरण संरक्षण गतिविधियाँ - पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्यक्रम जैसे वृक्षारोपण अभियान (Tree Plantation), सफाई अभियान (Cleanliness Drive), और प्लास्टिक मुक्त अभियान आयोजित किए जाते हैं।

हर साल एक विशेष थीम( Every Year Theme of World Meteorological Day)

हर वर्ष विश्व मौसम विज्ञान दिवस एक विशेष थीम (विषय) के तहत मनाया जाता है। यह थीम जलवायु परिवर्तन, मौसम की चरमता, और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित होती है।

पिछले कुछ वर्षों की कुछ प्रमुख थीमें इस प्रकार हैं:

2023: मौसम, जलवायु और जल का भविष्य आने वाली पीढ़ियों के लिए (The Future of Weather, Climate, and Water across Generations)

2022: पूर्व चेतावनी और त्वरित कार्रवाई (Early Warning and Early Action)

2021: महासागर, हमारा जलवायु और मौसम (The Ocean, Our Climate and Weather)

2020: जलवायु और जल (Climate and Water)

मौसम विज्ञान का महत्व(Importance of Meteorology)

मौसम विज्ञान (Meteorology) विज्ञान की वह शाखा है जो वायुमंडलीय घटनाओं, जलवायु परिवर्तनों और उनके प्रभावों का अध्ययन करती है। यह न केवल हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि कृषि, परिवहन, स्वास्थ्य, पर्यावरण, और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा - मौसम विज्ञान चक्रवात, बाढ़, सूखा, भूकंप, सुनामी, और तूफान जैसी आपदाओं की भविष्यवाणी करने में सहायक होता है। सटीक मौसम पूर्वानुमान से समय पर चेतावनी जारी की जा सकती है, जिससे जान-माल की हानि को कम किया जा सकता है।

कृषि और खाद्य सुरक्षा में मदद - कृषि उत्पादन पूरी तरह से मौसम और जलवायु पर निर्भर करता है। मौसम विज्ञान से किसानों को सही समय पर फसल बोने, सिंचाई करने और कटाई करने की जानकारी मिलती है, जिससे पैदावार में वृद्धि होती है और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

परिवहन और व्यापार में योगदान - हवाई, समुद्री और सड़क परिवहन मौसम की स्थिति पर निर्भर करते हैं। मौसम पूर्वानुमान से जहाजों, विमानों और ट्रेनों के संचालन को सुरक्षित और कुशल बनाया जा सकता है, जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है और आर्थिक नुकसान को कम किया जा सकता है।

पर्यावरण संतुलन बनाए रखना - मौसम विज्ञान पर्यावरणीय परिवर्तन, जलवायु परिवर्तन, वायु प्रदूषण और ओजोन परत में हो रहे बदलावों की निगरानी करता है। इससे ग्लोबल वार्मिंग, ग्रीनहाउस प्रभाव और प्रदूषण जैसी समस्याओं को समझने और उनके समाधान के लिए नीतियां बनाने में मदद मिलती है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव - मौसम में अचानक बदलाव बीमारियों को जन्म दे सकते हैं। मौसम विज्ञान का अध्ययन तापमान, नमी और वायु गुणवत्ता का विश्लेषण करके स्वास्थ्य संबंधी खतरों जैसे लू, सर्दी, एलर्जी और महामारी (जैसे डेंगू, मलेरिया) को नियंत्रित करने में मदद करता है।

रक्षा और सैन्य अभियानों में सहायक - मौसम विज्ञान का उपयोग सैन्य अभियानों और रक्षा रणनीतियों के लिए भी किया जाता है। युद्ध के समय मौसम की स्थिति का पूर्वानुमान सेना, वायुसेना और नौसेना के अभियानों को प्रभावी ढंग से संचालित करने में मदद करता है।

जल संसाधन प्रबंधन में सहायक - नदियों में जल स्तर, वर्षा की मात्रा, और जल भंडारण का पूर्वानुमान लगाकर पानी के सही उपयोग और जल संकट से बचाव की योजनाएं बनाई जा सकती हैं।

ऊर्जा उत्पादन में सहायता - सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उत्पादन में मौसम विज्ञान की अहम भूमिका होती है। सटीक मौसम पूर्वानुमान से ऊर्जा उत्पादन और वितरण को बेहतर बनाया जा सकता है।

भारत में मौसम विज्ञान की स्थिति(Status of Meteorology in India)

भारत एक विविध जलवायु वाला देश है, जहाँ चार मुख्य ऋतुएँ, ग्रीष्म, वर्षा, शीत और वसंत देखी जाती हैं। भारत में भारतीय मौसम विभाग (IMD - India Meteorological Department) मौसम की निगरानी करता है और पूर्वानुमान जारी करता है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की स्थापना 1875 में की गई थी।

इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

यह मॉनसून की भविष्यवाणी, चक्रवात चेतावनी, भूकंप संबंधी जानकारी और जलवायु परिवर्तन पर अनुसंधान करता है।

भारतीय मौसम विभाग के प्रयासों के कारण भारत में समय पर मानसून की जानकारी प्राप्त होती है, जिससे किसानों, व्यापारियों और सरकार को सही योजनाएँ बनाने में सहायता मिलती है।

आधुनिक मौसम पूर्वानुमान तकनीकें(Modern Weather Forecasting Technologies)

मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है:

सैटेलाइट इमेजिंग(Satellite Imaging) - मौसम उपग्रहों के माध्यम से पूरे विश्व के मौसम का अवलोकन किया जाता है।

डॉपलर राडार(Doppler Radar) - बारिश, तूफान और हवाओं की गति को मापने के लिए उपयोग किया जाता है।

सुपर कंप्यूटर मॉडलिंग(Supercomputer Modelling) - डेटा को प्रोसेस करके भविष्य के मौसम का अनुमान लगाया जाता है।

IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) और सेंसर तकनीक (Sensor Technology) - स्थानीय स्तर पर तापमान, आर्द्रता और वायुदाब की गणना के लिए उपयोग की जाती है।

इन तकनीकों के कारण मौसम पूर्वानुमान अधिक सटीक हो गए हैं और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के उपायों में सुधार हुआ है।

Admin 2

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