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World Smile Day 2023: जानिए क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड स्माइल डे, आप कैसे बना सकते हैं इस दिन को ख़ास

World Smile Day 2023: अक्टूबर के पहले शुक्रवार को इस दिन को वर्ल्ड स्माइल डे बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। आइये जानते हैं कि इस दिन को क्यों मनाया जाता है और कैसे मनाया जाता है।

Shweta Srivastava
Published on: 6 Oct 2023 10:02 AM IST
World Smile Day 2023
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World Smile Day 2023 (Image Credit-Social Media)

World Smile Day 2023: ये समय है वर्ल्ड स्माइल डे पर मुस्कुराने और कुछ खुशियाँ फैलाने का, इसे अक्टूबर के पहले शुक्रवार को मनाया जाता है। ये दिन पूरी दुनिया में खुशी और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए अपने दिन में से कुछ पल मुस्कुराने और किसी और के दिन को उज्जवल बनाने के लिए निकालना न भूलें। आइये जानते हैं कि इस दिन को क्यों मनाया जाता है और कैसे मनाया जाता है।

वर्ल्ड स्माइल डे

अक्टूबर के पहले शुक्रवार को इस दिन को वर्ल्ड स्माइल डे बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। इसे सबसे पहले साल 1963 में वॉर्सेस्टर, मैसाचुसेट्स के एक वाणिज्यिक कलाकार हार्वे बॉल द्वारा बनाया गया था। उन्होंने स्टेट म्यूचुअल लाइफ एश्योरेंस कंपनी के विज्ञापन अभियान के हिस्से के रूप में प्रतिष्ठित पीले स्माइली चेहरे को डिजाइन किया था। तब से ये पूरी दुनिया में खुशी और सकारात्मकता का प्रतीक बन गया है।

कैसे मनाया जाता है वर्ल्ड स्माइल डे

1. अजनबियों को देखकर मुस्कुराएं

अपने दिन की शुरुआत अपने सामने आने वाले हर व्यक्ति को देखकर मुस्कुराकर करें। ये सरल कार्य किसी के दिन में बड़ा बदलाव ला सकता है।

2. एक स्माइली कार्ड भेजें

किसी ऐसे व्यक्ति को कार्ड लिखें जिसे आप जानते हैं, या यहां तक ​​कि किसी अजनबी को भी, और एक स्माइली फेस बनाएं।

3. एक स्माइली सेल्फी पोस्ट करें

सोशल मीडिया पर मुस्कुराते हुए अपनी एक सेल्फी पोस्ट करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें।

4 . एक स्माइली टेक्स्ट भेजें

जिस व्यक्ति की आप परवाह करते हैं उसे मुस्कुराते चेहरे के साथ एक टेक्स्ट संदेश भेजें।

इमोजी

आज, स्माइली के कई अलग-अलग वर्जन्स हैं, जो दुख, आश्चर्य, चिंता और हंसी जैसी कई अन्य मानवीय भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। आधुनिक टेक्स्टिंग में स्माइली का उपयोग स्मार्टफोन या कंप्यूटर पर ऑनलाइन बातचीत में भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। इस प्रथा की उत्पत्ति जापान में हुई थी, और स्माइली और अन्य आइकन को इमोजी के रूप में जाना जाता है।



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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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