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World Tuberculosis Day 2025: विश्व टीबी दिवस क्यों मनाया जाता है, कैसे भारत ने खत्म किया इस रोग को, क्या थी रणनीति, आइए जानते हैं

World Tuberculosis Day 2025: क्या आप जानते हैं कि विश्व टीबी दिवस की शुरुआत कैसे हुई और कैसे भारत से ये बीमारी ख़त्म हुई।

Akshita Pidiha
Published on: 23 March 2025 11:18 AM IST
World Tuberculosis Day 2025
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World Tuberculosis Day 2025 (Image Credit-Social Media)

World Tuberculosis Day 2025: विश्व क्षय रोग दिवस (World Tuberculosis Day) हर साल 24 मार्च को मनाया जाता है। यह दिवस टीबी (क्षय रोग) जैसी जानलेवा संक्रामक बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने और इससे बचाव के लिए प्रयासों को प्रोत्साहित करने का एक मंच है।टीबी एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है, जो मुख्यतः फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है। टीबी के खिलाफ लड़ाई में जागरूकता, शीघ्र निदान और सही उपचार सबसे महत्वपूर्ण है।

क्षय रोग (टीबी) क्या है?

क्षय रोग (Tuberculosis) एक संक्रामक रोग है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्युलोसिस (Mycobacterium tuberculosis) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है।यह मुख्यतः फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन यह किडनी, रीढ़, मस्तिष्क और अन्य अंगों में भी फैल सकता है।टीबी हवा के माध्यम से फैलता है, जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है, तब बैक्टीरिया युक्त कण हवा में फैलते हैं।

क्षय रोग दिवस का इतिहास- क्षय रोग दिवस पहली बार वर्ष 1982 में अंतर्राष्ट्रीय क्षय रोग और फेफड़ा रोग संघ (IUATLD) द्वारा मनाया गया था।इस दिन का चयन इसलिए किया गया, क्योंकि 24 मार्च 1882 को जर्मन वैज्ञानिक डॉ. रॉबर्ट कॉख (Dr. Robert Koch) ने क्षय रोग के जीवाणु की खोज की थी।रॉबर्ट कॉख की इस खोज से टीबी के निदान और उपचार में क्रांति आई और आगे चलकर टीबी को नियंत्रित करने के लिए शोध और चिकित्सा में नई दिशा मिली।वर्ष 1995 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे आधिकारिक रूप से वैश्विक स्वास्थ्य अभियान में शामिल किया।1997 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे विश्व क्षय रोग दिवस के रूप में मान्यता दी।

क्षय रोग के लक्षण, कारण और संक्रमण के तरीके

लक्षण: लगातार खांसी (3 सप्ताह या उससे अधिक समय तक),बलगम में खून आना, सीने में दर्द और साँस लेने में कठिनाई, तेज़ बुखार और पसीना आना, वजन घटना और कमजोरी

कारण: माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्युलोसिस बैक्टीरिया से संक्रमण, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहना, भीड़भाड़ वाले स्थानों में रहनापोषण की कमी और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली

संक्रमण के तरीके:

हवा के माध्यम से संक्रमण फैलता है।संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बोलने से बैक्टीरिया हवा में फैलते हैं।कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्ति को संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है।

टीबी का निदान और उपचार

निदान के तरीके:

माइक्रोस्कोपी जांच: बलगम का परीक्षण कर टीबी के जीवाणु की पहचान की जाती है।मॉण्टू टेस्ट: त्वचा परीक्षण द्वारा टीबी संक्रमण की पुष्टि की जाती है।जीन एक्सपर्ट टेस्ट: डीएनए तकनीक द्वारा टीबी का तेजी से निदान होता है।एक्स-रे और सीटी स्कैन: फेफड़ों की स्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है।

उपचार:

टीबी का उपचार लंबा और सतत होता है।इसके लिए DOTS (Directly Observed Treatment, Short-course) पद्धति का उपयोग किया जाता है।टीबी के इलाज में मुख्यतः रिफाम्पिन, आइसोनियाज़िड, पायराजिनामाइड और एथाम्बुटोल जैसी दवाएँ दी जाती हैं।टीबी का इलाज 6 महीने से 9 महीने तक चलता है।बहु-औषधि प्रतिरोधी टीबी (MDR-TB) के मामले में लंबा इलाज किया जाता है।

टीबी के प्रति जागरूकता और रोकथाम के उपाय

बीसीजी (BCG) वैक्सीन का टीकाकरण बचपन में दिया जाता है, जो टीबी से बचाव करता है.टीबी रोगियों को खांसते समय मुँह ढकने और स्वच्छता का पालन करने की सलाह दी जाती है।भीड़भाड़ वाली जगहों से बचाव किया जाता है।संक्रमित व्यक्ति को दूसरों से अलग रहकर उपचार लेना चाहिए।कुपोषण से बचाव और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आवश्यक है.टीबी पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है।मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से टीबी के प्रति जागरूकता फैलाई जाती है।स्कूलों और कॉलेजों में टीबी जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं।

विश्व क्षय रोग दिवस का महत्व- इस दिवस का उद्देश्य टीबी के खतरों और बचाव के तरीकों के बारे में लोगों को जागरूक करना है। यह दिवस स्वास्थ्य संगठनों और सरकारों को टीबी नियंत्रण प्रयासों को तेज़ करने का अवसर देता है।टीबी मरीजों के प्रति सहानुभूति बढ़ाने और समाज में उनके प्रति भेदभाव को कम करने के लिए यह दिवस महत्वपूर्ण है।

टीबी के प्रकार -

कई प्रकार के टीबी रोग एक व्यक्ति को परेशान करते हैं जैसे -

लेटेंट टीबी: इस प्रकार के टीबी में बैक्टीरिया शरीर में निष्क्रिय रूप में रहता है, क्योंकि शरीर को मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता इसे सक्रिय नहीं होने देती है। इस स्थिति में टीबी के कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन भविष्य में यह सक्रिय हो सकता है, जो बहुत सारी समस्या का कारण बन सकता है।

एक्टिव टीबी: इस प्रकार के टीबी में बैक्टीरिया का निर्माण शरीर के भीतर ही होता है, तथा इसमें रोग के सभी लक्षण दिखाई देते हैं। यह एक संक्रामक प्रकार का रोग है।

पल्मोनरी टीबी: इस प्रकार के टीबी को इस रोग का शुरुआती (प्राथमिक) रूप मान सकते हैं, जो सीधे फेफड़ों को प्रभावित करता है, जिससे लंबे समय तक खांसी की समस्या होती है।

एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी: इस प्रकार की टीबी में यह रोग फेफड़ों से अन्य भाग में भी फैल जाता है। फेफड़ों के साथ यह समस्या हड्डी, गुर्दे और लिम्फ नोड्स में भी फैल सकती है।

इस दिवस का आयोजन और गतिविधियाँ

अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों में टीबी जांच शिविर लगाए जाते हैं.मुफ्त परामर्श और टीबी परीक्षण की सुविधा दी जाती है.रोगियों को मुफ्त दवा और पोषण सहायता दी जाती है।सरकारें टीबी पीड़ितों के लिए आर्थिक सहायता योजनाएँ चलाती हैं।स्वास्थ्य संगठनों और एनजीओ द्वारा रैली, पोस्टर अभियान और गोष्ठियाँ आयोजित की जाती हैं।

क्षय रोग के आँकड़े और वैश्विक स्थिति

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार:हर साल 1 करोड़ लोग टीबी से संक्रमित होते हैंटीबी के कारण प्रति वर्ष 15 लाख लोगों की मृत्यु होती है।भारत, चीन, इंडोनेशिया और नाइजीरिया जैसे देश टीबी से सबसे अधिक प्रभावित हैं।

भारत में क्षय रोग की स्थिति

भारत दुनिया में टीबी से सबसे अधिक प्रभावित देश है। 2022 में भारत में टीबी के 27 लाख नए मामले सामने आए।भारत सरकार का लक्ष्य 2025 तक टीबी का उन्मूलन है।

क्षय रोग से संबंधित चुनौतियाँ और समाधान

टीबी के प्रति जागरूकता की कमी, गरीबी और कुपोषण,मल्टी-ड्रग रेजिस्टेंट टीबी (MDR-TB,नियमित जांच और शीघ्र उपचार,कुपोषित मरीजों को पोषण सहायता.टीबी टीकाकरण का विस्तार

विश्व क्षय रोग दिवस टीबी जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण अवसर है। इसका उद्देश्य टीबी से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करना, समाज को जागरूक बनाना और 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाना है।

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