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Zomato Becomes Expensive: Zomato ने क्यों बढ़ा दी प्लेटफार्म फीस, जानिए इसकी असल वजह

Zomato Becomes Expensive: ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी ऍप, ज़ोमैटो ने अपने प्लेटफॉर्म शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है जानिए क्या है इसकी असल वजह

Shweta Srivastava
Published on: 24 April 2024 9:14 AM IST
Zomato Becomes Expensive
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Zomato Becomes Expensive (Image Credit-Social Media)

Zomato Becomes Expensive: अगर आप भी अक्सर ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी ऍप से खाना आर्डर करते हैं और ये आपको काफी आसान और सस्ता लगता है तो ये खबर आपके लिए ही है। दरअसल ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म आपको कई तरह के लुभावने ऑफर्स भी देते हैं जिसमे आप कूपन लगाकर 50 प्रतिशत से लेकर कई तरह के डिस्काउंट पा सकते हैं। लेकिन अब ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म, ज़ोमैटो ने अपना प्लेटफ़ॉर्म शुल्क में 25% बढ़ा दिया है।

ज़ोमैटो ने बढ़ाया प्लेटफ़ॉर्म शुल्क (Zomato Becomes Expensive)

ज़ोमैटो द्वारा तत्काल प्रभाव से, ग्राहकों से अब उनके हर आर्डर पर 5 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लिया जायेगा। जो इसके पिछले शुल्क संरचना से काफी ज़्यादा है। आपको बता दें कि ज़ोमैटो द्वारा प्लेटफ़ॉर्म शुल्क की शुरूआत अगस्त 2023 में हुई थी। जिसकी शुरुआत 2 रूपए प्रति आर्डर के मामूली दर से हुई थी। लेकिन कुछ ही दिनों में इस शुल्क को बढाकर 3 रुपये कर दिया गया। वहीँ जनवरी 2024 में इसे फिर बढ़ाया गया और 4 रूपए कर दिया गया।

वहीँ अब इसे बढाकर 5 रुपये कर दिया गया है। यूँ तो ये 1 रूपए की ही बढ़ोत्तरी है लेकिन इसकी कीमत में काफी जल्दी वृद्धि हुई है। आपको बता दें कि ये शुल्क वृद्धि दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद और लखनऊ सहित प्रमुख शहरों में लागू हो गया है। इतना ही नहीं ज़ोमैटो के क्विक-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट ने भी अपना हैंडलिंग चार्ज बढ़ा दिया है। जो प्रति आर्डर अब 2 रूपए हो गया है।

वहीँ आपको बता दें कि इस शुल्क वृद्धि ज़ोमैटो अकेला नहीं है बाकि इसका प्रतिस्पर्धी स्विगी भी अपने प्रत्येक खाद्य वितरण ऑर्डर पर 5 रुपये की समान दर से प्लेटफॉर्म शुल्क लगाता है। लेकिन आपको बता दें कि कुछ स्विगी उपयोगकर्ताओं को तो प्लेटफॉर्म शुल्क प्लेटफॉर्म शुल्क देना पड़ता है।

आइये जानते हैं कि प्लेटफ़ॉर्म शुल्क है क्या। दरअसल हर आर्डर पर एक तरह का शुल्क लगाया जाता है जिसे सभी लेन देन पर लागू किया जाता है। इतना ही नहीं इसके साथ ही ज़ोमैटो डिलीवरी शुल्क भी लगाता है। लेकिन ज़ोमैटो गोल्ड लॉयल्टी प्रोग्राम के सदस्यों के लिए अच्छी खबर ये है कि उनके लिए ये शुल्क माफ़ कर दिया गया है। गौरतलब है कि ज़ोमैटो गोल्ड प्रोग्राम के तहत सदस्यता लेने पर ग्राहकों को कई तरह की छूट और मुफ्त डिलीवरी जैसे लाभ मिलते हैं जिसके लिए ग्राहकों को अग्रिम भुगतान करना पड़ता है। लेकिन ज़ोमैटो गोल्ड के सदस्यों को प्लेटफ़ॉर्म शुल्क देना होगा।

जोमैटो ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि वो अपनी कमाई बढ़ाना चाहता है। जहाँ हर दिन ज़ोमैटो पर लाखों ऑर्डर संसाधित होते हैं वहीँ हर आर्डर पर मामूली शुल्क वृद्धि से कंपनी को अच्छा मुनाफा होगा।

गौरतलब है कि ज़ोमैटो ने कानूनी मुद्दों की वजह से अपनी इंटरसिटी डिलीवरी सेवा को फिलहाल अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। दरअसल ये सर्विस, ज़ोमैटो लीजेंड्स को कुछ शहरों में विशिष्ट रेस्तरां से दूसरों तक भोजन पहुंचाने के लिए 2022 में शुरू किया गया था।



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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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