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UP Politics: अखिलेश के इस दांव ने बढ़ाई सियासी हलचल, सपा में शामिल होंगे बृजभूषण?

UP Politics:सपा प्रमुख ने अभी तक इस पूरे मामले में पहलवानों के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया है और न ही खुलकर बृजभूषण सिंह की आलोचना की है। कुछ दिन पहले बृजभूषण सिंह ने भी अखिलेश की जमकर सराहना की थी। अगर बीजेपी में वह किसी तरह से असहज दिखे तो वह सपा में शामिल हो सकते हैं।

Ashish Pandey
Published on: 6 May 2023 6:12 PM GMT (Updated on: 6 May 2023 7:04 PM GMT)
UP Politics: अखिलेश के इस दांव ने बढ़ाई सियासी हलचल, सपा में शामिल होंगे बृजभूषण?
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Akhilesh and Brijbhushan Sharan Singh

UP Politics: दिल्ली में पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पहलवान जंतर-मंतर पर कई दिनों से बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे हैं। जहां पहलवानों के धरने को धार देने के लिए कांग्रेस, आप समेत कई दल सियासी रोटियां सेंकने में लगे हैं तो वहीं इस पूरे मामले में बीजेपी चुप्पी साधे हुए है और तमाम निगाहें बृजभूषण पर टिकी हुई हैं कि वह अपने बचाव में आखिर क्या करेंगे? राजनीतिक जानकारों की मानें तो अगर बीजेपी उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला करती है तो बृजभूषण सिंह समाजवादी पार्टी के साइकिल की सवारी कर सकते हैं।

अभी तक अखिलेश ने नहीं दिया कोई बयान

जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजवरीवाल, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी सहित तमाम नेता जंतर-मंतर पहुंच कर उनके पक्ष में आवाज उठा चुके हैं, लेकिन सपा का कोई नेता न जंतर-मंतर पहुंचा और न ही बृजभूषण सिंह के खिलाफ कोई बयान दिया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अभी तक इस पूरे मामले में पहलवानों के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया है और न ही खुलकर बृजभूषण सिंह की आलोचना की है। कुछ दिन पहले एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में बृजभूषण सिंह ने भी अखिलेश की जमकर सराहना की थी। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर बीजेपी में वह किसी तरह से असहज दिखे तो वह सपा में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश जी सच जानते हैं। मुझे राजनीति का शिकार बनाया जा रहा है। मेरे खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों का सामाजिक दायरा किसी से छिपा नहीं है। वहीं समाजवादी पार्टी के प्रवक्ताओं को भी साफ निर्देश दिए गए हैं कि वे टीवी चैनलों पर बृजभूषण के समर्थन या खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करें।

...तो पार्टी को हो सकता है नुकसान

बृजभूषण सिंह कैसरगंज लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद हैं। बृजभूषण के खिलाफ केस सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दर्ज किया जा सका। जो दो एफआईआर दर्ज की गईं, उनमें से एक पाॅक्सो एक्ट के तहत दर्ज की गई है। पाॅस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज होने पर भी अपने बाहुबली सांसद पर केंद्र की मोदी और यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया है। इसका कारण है बृजभूषण की सियासी ताकत और उनकी बीजेपी में मजबूत पकड़। बीजेपी उनकी ताकत को अच्छी तरह से जानती है। यही वजह है कि बीजेपी भी इस मामले में कोई बड़ा फैसला लेने से बच रही है, क्योंकि पार्टी नहीं चाहती कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में उसका प्रभुत्व कम हो, खासकर उन जगहों पर जहां ठाकुर आबादी का दबदबा अधिक है। राजनीति जानकारों की मानें तो 2024 के लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। ऐसे में बृजभूषण सिंह के खिलाफ पार्टी कोई एक्शन लेती है तो इसका नुकसान भाजपा को ही उठाना पड़ेगा। बलरामपुर, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, अयोध्या, कैसरगंज जहां से वे खुद सांसद है समेत छह-सात सीटों पर बृजभूषण सिंह का प्रभाव है। यही कारण है कि भाजपा इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है और अभी कुछ भी कहना नहीं चाहती है। सूत्रों की मानें तो यह पूरा मामला जल्द ही समाप्त हो जाएगा। वहीं अगर बृजभूषण सिंह समाजवादी पार्टी में शामिल होने की सोचते हैं तो सपा उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए तैयार है। बृजभूषण सिंह पहले भी सपा में रह चुके हैं। वह एक बार सपा के टिकट पर भी लोकसभा चुनाव लड़कर जीत हासिल कर चुके हैं।

सपा को भी है बृजभूषण जरूरत?

बतादें कि सपा के पास इस समय कोई ऐसा ठाकुर नेता नहीं है जिसका सीधा प्रभाव जनता पर पड़ता हो। राजा भैया के साथ रिश्ते खराब होने के कारण सपा के पास ऐसा दमदार ठाकुर नेता कोई नहीं है, जिसका सीधा प्रभाव जनता पर पड़ता हो और जो ठाकुरों की वोट को सपा की तरफ खींच सके। एक समय था जब यूपीए के पक्ष में वोटिंग करने के कारण बृजभूषण सिंह को बीजेपी ने पार्टी से निकाल दिया था, जिसके बाद वह 2008 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। लेकिन 2013 में वह एक बार फिर बीजेपी में वापस लौट आए।

क्या है बृजभूषण की सियासी ताकत?

यूपी के बलरामपुर, गोंडा, बहराइच और श्रावस्ती जिलों में बृजभूषण की मजबूत राजनीतिक पकड़ है। बृजभूषण छठी बार सांसद चुने गए हैं। एक बार वह समाजवादी पार्टी के सांसद थे और पांच बार बीजेपी के। दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में भी बृजभूषण की गहरी पकड़ है। मुंबई के जेजे हॉस्पिटल शूटआउट केस में बृजभूषण पर जब टाडा लगाया गया था और जेल भेजा गया था, तब उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बृजभूषण को पत्र लिखा था। इससे पता चलता है कि बृजभूषण बीजेपी के लिए कितने महत्वपूर्ण रहे हैं।

बीजेपी से है गहरा नाता

राम मंदिर आंदोलन के दौरान बृजभूषण सिंह पर एक मामला दर्ज किया गया था। वह मामला 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिराने के संबंध में रजिस्टर किया गया था। बीजेपी के टॉप नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह की तरह बृजभूषण की भी गिरफ्तारी हुई थी। 2020 में उन्हें इस मामले से बरी कर दिया गया। हिस्ट्रीशीट के अनुसार, बृजभूषण पर 38 अपराधिक मामले दर्ज हुए थे। इनमें से 30 में उन्हें बरी किया जा चुका है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में बृजभूषण 53 स्कूल-कॉलेज भी चला रहे हैं। बृजभूषण के बेटे प्रतीक भूषण गोंडा सदर सीट से दो बार से विधायक हैं और बृजभूषण की पत्नी केतकी देवी सिंह गोंडा जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। लोकसभा में बृजभूषण की सीट आगे की कतारों में है। वह ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज पर स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य भी हैं। इसके साथ ही, युवा एवं खेल मंत्रालय की परामर्श समिति में भी उन्हें रखा गया है।

बृजभूषण पर एक्शन क्यों नहीं ले रही बीजेपी?

2024 में बीजेपी का मिशन यूपी की 80 की 80 सीटों पर जीत दर्ज करना। ऐसे में बीजेपी एक भी लोकसभा सीट पर खतरा मोल लेने की हालत में नहीं है। यह इस बात के बावजूद है कि यौन उत्पीड़न के आरोप में एक्शन नहीं लेने पर हो सकता है कि हरियाणा में उसे तगड़ा सियासी झटका लग जाए। भारत की टॉप महिला पहलवानों में से कई हरियाणा से ही हैं और उनमें से कई धरने पर भी बैठी हैं।

Ashish Pandey

Ashish Pandey

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