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MP News: इंदौर में 20 बच्चों की मौत, एमटीएच अस्पताल की बड़ी लापरवाही, परिजनों में मची चीख-पुकार
MP News: बीते 6 दिनों में एमटीएच अस्पताल में 64 बच्चों की डिलेवरी हुई थी। इस दौरान 20 बच्चों ने दम तोड़ दिया था। इंदौर के इस सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन 100 से अधिक बच्चे एडमिट रहते हैं।
MP News: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर स्थित एक सरकारी अस्पताल में 20 बच्चों की मौत से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। महाराजा तुकोजी राव होलकर (एमटीएच) अस्पताल में पिछले 6 दिनों में कई नवजात बच्चों की मौत को लेकर अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरे में है। मृतक बच्चों के परिजन डॉक्टरों और नर्सों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि बच्चों को घटिया क्वालिटी का दूध पिलाया जा रहा है, इसलिए मौतें हो रही हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, बीते 6 दिनों में एमटीएच अस्पताल में 64 बच्चों की डिलेवरी हुई थी। इस दौरान 20 बच्चों ने दम तोड़ दिया था। इंदौर के इस सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन 100 से अधिक बच्चे एडमिट रहते हैं। बच्चों की मौत को लेकर जिला प्रशासन में भी खलबली मची हुई है। कमिश्नर और कलेक्टर अस्पताल आकर जांच-पड़ताल कर चुके हैं।
परिजनों ने किया जमकर हंगामा
बच्चों की मौत को लेकर अस्पताल में परिजनों ने जमकर बवाल काटा। हंगामा इतना बढ़ गया कि उन्हें शांत कराने के लिए पुलिस को आना पड़ा। नाराज परिजनों ने मासूमों की मौत के लिए नर्स और डॉक्टरों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। भारी हंगागे के कारण कुछ समय तक अस्पताल में अफरातफरी का माहौल रहा है। हंगामे के बाद कलेक्टर और कमिश्नर भी अस्पताल पहुंचे और वहां प्रदर्शन कर रहे लोगों से बात की, इसके बाद जाकर मामला शांत हुआ।
नर्स सस्पेंड, डॉक्टर्स को नोटिस
20 नवजात बच्चों के मामले को लेकर महाराजा तुकोजी राव होलकर (एमटीएच) अस्पताल प्रशासन भारी दबाव है। इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नर्स मुस्कान राठौड़ को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही डॉक्टर नीलेश दलाल, डॉक्टर सुनील आर्य और डॉक्टर प्रीति मालपानी को शो कॉज नोटिस भी जारी किया गया है।
मामले पर राजनीति भी शुरू
चुनावी साल में हुई इस घटना को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। इंदौर के कद्दावर कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने महाराजा तुकोजी राव होलकर (एमटीएच) अस्पताल प्रबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि य़े मौत का अस्पताल है। उन्होंने कहा कि यहां सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं, फिर भी बच्चों की मौत हो जा रही है। पटवारी ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।