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MP News: कमलनाथ की सॉफ्ट हिंदुत्व की सियासत, छिंदवाड़ा में धीरेंद्र शास्त्री की 5 से कथा, सांसद बेटे की सक्रिय भूमिका
MP News:कमलनाथ ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कई बार चुनाव जीतने में कामयाबी हासिल की और मौजूदा समय में उनके बेटे नकुल नाथ इसी लोकसभा सीट से सांसद हैं। आचार्य शास्त्री की कथा के आयोजन में कमलनाथ के सांसद बेटे नकुल नाथ सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
MP News: मध्यप्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने भी सॉफ्ट हिंदुत्व की सियासत शुरू कर दी है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के प्रमुख कमलनाथ का गढ़ माने जाने वाले छिंदवाड़ा में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 5 अगस्त से शुरू होने वाली कथा के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि आचार्य शास्त्री की कथा के जरिए कमलनाथ की नजर हिंदू मतदाताओं को अपने पाले में करने की है।
कमलनाथ ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कई बार चुनाव जीतने में कामयाबी हासिल की और मौजूदा समय में उनके बेटे नकुल नाथ इसी लोकसभा सीट से सांसद हैं। आचार्य शास्त्री की कथा के आयोजन में कमलनाथ के सांसद बेटे नकुल नाथ सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कथा की शुरुआत से पहले एक वीडियो जारी करते हुए लोगों से अधिक से अधिक संख्या में इस आयोजन में हिस्सा लेने की अपील की है। कमलनाथ की इस पहल से भाजपा नेताओं में भी बेचैनी दिख रही है।
भाजपा की पिच पर ही बैटिंग करने लगे कमलनाथ
मध्यप्रदेश का विधानसभा चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच प्रतिष्ठा की जंग बन चुका है। भाजपा की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मध्य प्रदेश में पार्टी की चुनावी रणनीति पर बारीक नजर बनाए हुए हैं और वे लगातार राज्य के नेताओं से संपर्क साधने में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर कांग्रेस भी भाजपा को पटखनी देते हुए अपनी सरकार गिराने के घटनाक्रम का बदला लेना चाहती है।
इस सिलसिले में कांग्रेस ने भाजपा को उसी की सियासी पिच पर जवाब देने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। मशहूर कथावाचक और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 5 से 7 अगस्त तक छिंदवाड़ा में होने वाली कथा को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। छिंदवाड़ा लंबे समय से कांग्रेस नेता कमलनाथ का मजबूत गढ़ रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान इस सीट से कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ चुनाव मैदान में उतरे थे और उन्होंने भाजपा को पटखनी दे दी थी। अब वे इस आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
धीरेंद्र शास्त्री की कथा में सक्रिय भूमिका
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर की कथा में पहले से ही काफी भीड़ उमड़ती रही है मगर कांग्रेस नेता इस आयोजन में और ज्यादा भीड़ जुटाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इसीलिए नकुल नाथ की ओर से वीडियो जारी करके ज्यादा से ज्यादा लोगों से आयोजन में हिस्सा लेने की अपील की गई है। कांग्रेस की ओर से की जा रही इन कोशिशों के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
दरअसल अपनी कथाओं के दौरान आचार्य धीरेंद्र शास्त्री सनातन धर्म और हिंदुत्व की जमकर वकालत करते रहे हैं। हिंदुत्व को लेकर उनके कई बयानों को लेकर पूर्व में विवाद भी हो चुका है। हिंदुत्व की पिच पर उनके खुलकर बैटिंग करने के कारण भाजपा नेता भी उनके आयोजनों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं मगर अब यही सियासत कांग्रेस ने भी शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस के रुख में आए इस बदलाव को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है।
आयोजन के जरिए हिंदुत्व का संदेश देने की कोशिश
हाल में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख बनाए गए कमलनाथ के इन प्रयासों को सॉफ्ट हिंदुत्व की सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि सॉफ्ट हिंदुत्व की पिच पर बैटिंग करने की कमलनाथ की यह कोशिश नई नहीं है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर रहने के दौरान उन्होंने गौशालाओं को स्मार्ट बनाने की योजना की शुरुआत की थी। गौशालाओं के उत्पादों को दुनिया के अन्य देशों में निर्यात करने की योजना भी उनके दिमाग की ही उपज थी।
उस समय भी कमलनाथ की इन कोशिशों को सॉफ्ट हिंदुत्व से जोड़कर देखा गया था मगर विधानसभा चुनाव से पहले अब कमलनाथ हिंदुत्व की पिच पर खुलकर बैटिंग करते हुए नजर आ रहे हैं। आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा के जरिए वे राज्य की जनता को हिंदुत्व का संदेश देना चाहते हैं। कमलनाथ के इस कदम को भाजपा की धीरेंद्र शास्त्री को टेकओवर करने की कोशिशों का जवाब भी माना जा रहा है।
भाजपा से बदला लेना चाहती है कांग्रेस
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है चुनाव से पूर्व किए गए कई सर्वे में कांग्रेस थोड़ी बढ़त बनाए हुए हैं मगर भाजपा ने भी पूरी ताकत लगा रखी है। ऐसे में कांग्रेस नेता भाजपा को जवाब देने के लिए हर मोर्चे पर डट गए हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में कई कांग्रेस विधायकों की बगावत के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। अब पार्टी भाजपा से उस अपमान का बदला लेने और मध्य प्रदेश में एक बार फिर अपनी सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी हुई है।