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Rewa News: खुले में टकराए जाते हैं जाम, शराब की दुकाने बनीं बियर बार, आबकारी अधिकारी मौन
Rewa News: रीवा जिले में कुछ शराब की दुकानों के सामने व्यवस्थित टेबल सजाकर या ठेलिया पर चखने के साथ शराब परोसी जाती है।
Rewa News: मध्य प्रदेश के रीवा शहर से लेकर मऊगंज, बैकुंठपुर, रायपुर कर्चुलियां में धड्डले से शराब को सरकारी रेट पर न बेचकर ओवर रेट पर बेचा जा रहा है। आरोप है कि यह कार्य शराब दुकानदार जिला आबकारी अधिकारी की मिलीभगत से कर रहे हैं। जब ये बात मीडिया पर चली तो कुछ शराब ठेकेदार नाम न बताने की शर्त पर आपबीती सुनाते नजर आए। उनके आरोपों से शराब कारोबारियों और अधिकारियों की सांठगांठ के कई पहलू उजागर होते हैं।
दो पर्सेंट का खेल!
एक शराब सेल्समैन ने आरोप लगाया कि हर एक दुकान से दो परसेंट जिला आबकारी कार्यालय को देना पड़ता है। इसलिए ओवररेटिंग और देर रात तक दुकानें खोलना की मजबूरी हो जाती है। वरना हम अपना घाटा कवर नहीं कर पाएंगे। उधर, आरोप ये भी हैं कि जब कुछ शराब ठेकेदारों ने इसका विरोध किया तो डीओ यानी जिला आबकारी अधिकारी ने धमकी भी दे डाली कि मैं कोई दरोगा या सिपाही नहीं हूं, मैं जिला आबकारी अधिकारी हूं।
यह आरोप कुछ शराब ठेकेदारों ने दबी जुबान से मीडिया को बताया। शराब दुकानों पर अनियमितता का वीडियो अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ करता है। नाम न उजागर करने की शर्त पर शराब कारोबारियों ने यहां तक कहा कि जैसे बिल्ली आंख बंद करके दूध पीती है और उसको लगता है कि उसको कोई देख नहीं पा रहा है, वही हाल इस समय जिला आबकारी कार्यालय का है।
रात में बिकती शराब से उठ रहे सवाल
अगर शराब कारोबारियों के आरोपों को सिरे से गलत मान भी लिया जाए, फिर भी रात में कई ठेकों पर चोरी-छिपे होने वाली शराब की बिक्री आबकारी विभाग की सक्रियता पर बड़े सवाल खड़े करती है। आखिर कैसे रात में ये दुकानदार शराब बेच देते हैं और अफसरों को पता नहीं चलता, या इनपर कार्रवाई नहीं की जाती।
खुले में पिलाई जाती है शराब
रीवा जिले में कुछ शराब की दुकानों के सामने व्यवस्थित टेबल सजाकर या ठेलिया पर चखने के साथ शराब परोसी जाती है। बता दें कि मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिए थे और पत्र भी जारी हुआ था कि अप्रैल माह से प्रदेश में कहीं भी अहाता नहीं खुलेगा, न ह खुले में कोई शराब पिएगा। खुले में कोई शराब पीता दिखा तो उन शराब दुकानों पर कार्रवाई होगी। लेकिन रीवा जिले में शराब की दुकानो पर इन आदेशों का दूर-दूर तक पालन नहीं किया जाता। यहां खुले में शराब पिलाया जाना आम बात हो चुकी है। दुकानों के आसपास शराबियों का जमघट रहता है और ऐसे में आम लोगों का राह चलना मुश्किल हो जाता है।