MP Elections 2023: BJP में फिर चमकी ध्रुव की किस्मत, दो लड़कियों से प्यार और खूनी अंजाम की कहानी

MP Elections 2023 Dhruv Narayan Singh: पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने एक दशक बाद ध्रुव नारायण सिंह को टिकट देने का बड़ा फैसला लिया है और पार्टी के इस कदम के बाद ध्रुव नारायण की दो मुस्लिम लड़कियों से प्यार की वह कहानी भी चर्चा में आ गई है जिसका खूनी अंजाम हुआ था।

Anshuman Tiwari
Published on: 18 Aug 2023 7:54 AM GMT
MP Elections 2023: BJP में फिर चमकी ध्रुव की किस्मत, दो लड़कियों से प्यार और खूनी अंजाम की कहानी
X
MP Elections 2023 Dhruv Narayan Singh (photo: social media)

MP Elections 2023 Dhruv Narayan Singh: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह के बेटे ध्रुव नारायण सिंह की किस्मत एक बार फिर चमक उठी है। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से गुरुवार को घोषित की गई 39 से प्रत्याशियों की पहली सूची में ध्रुव नारायण सिंह का भी नाम शामिल है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने एक दशक बाद ध्रुव नारायण सिंह को टिकट देने का बड़ा फैसला लिया है और पार्टी के इस कदम के बाद ध्रुव नारायण की दो मुस्लिम लड़कियों से प्यार की वह कहानी भी चर्चा में आ गई है जिसका खूनी अंजाम हुआ था।

भाजपा की ओर से ध्रुव नारायण सिंह को भोपाल मध्य विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित शैहला मसूद हत्याकांड में नाम आने के बाद पार्टी ने पिछले दो विधानसभा चुनावों में ध्रुव नारायण सिंह का टिकट काट दिया था। अबकी बार पार्टी की ओर से घोषित पहली सूची में ही नाम आने के बाद मध्य प्रदेश के सियासी हलकों में उनके टिकट की खूब चर्चा हो रही है। ध्रुव को टिकट दिए जाने से शेहला मसूद के परिजन भी नाखुश हैं और उन्होंने भाजपा के फैसले पर सवाल उठाए हैं।

ध्रुव का टिकट चौंकाने वाला फैसला

मध्य प्रदेश में ध्रुव नारायण को टिकट दिए जाने के फैसले ने सबको चौंका दिया है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह के बेटे ध्रुवनारायण 2008 से 2013 तक भोपाल मध्य विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। उनकी अपने चुनाव क्षेत्र पर मजबूत पकड़ मानी जाती थी मगर भाजपा नेतृत्व ने 2013 और 2018 के चुनाव में ध्रुव को चुनावी अखाड़े में नहीं उतारा था। पार्टी नेतृत्व के इस फैसले के पीछे बड़ी वजह भी थी।

दरअसल मध्य प्रदेश में आरटीआई एक्टिविस्ट शेहला मसूद की 16 अगस्त 2011 को हत्या कर दी गई थी। इस चर्चित हत्याकांड से मध्य प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया था क्योंकि इस मामले में ध्रुव नारायण सिंह का नाम भी सामने आया था। इसके बाद ध्रुवनारायण सिंह के सितारे गर्दिश में चले गए थे और पार्टी ने पिछले दो विधानसभा चुनावों में उन्हें टिकट नहीं दिया।

शेहला मसूद हत्याकांड में आया था नाम

आरटीआई एक्टिविस्ट शेहला मसूद हत्याकांड को लेकर भारी बवाल होने के बाद इस मामले की जांच का काम सीबीआई को सौंप दिया गया था। इस हत्याकांड की शुरुआती जांच पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ था कि हत्या की मुख्य वजह ध्रुव नारायण सिंह ही थे। दरअसल दो मुस्लिम महिलाओं के साथ ध्रुव नारायण सिंह के रिश्ते के कारण शेहला मसूद की हत्या की हुई थी। इंटीरियर डिजाइनर जाहिदा के साथ ध्रुव नारायण के विवाहेतर संबंध का खुलासा भी हुआ था। जाहिदा का मानना था कि शेहला की वजह से ध्रुव नारायण सिंह के साथ उसकी दूरी बढ़ती जा रही है और इसी कारण जाहिदा ने शूटर्स की मदद से शेहला की हत्या करा दी थी। हालांकि सीबीआई की ओर से तैयार की गई चार्जशीट में ध्रुव नारायण सिंह का नाम शामिल नहीं किया गया था।

जाहिदा को हुई थी उम्रकैद की सजा

पहले इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि शेहला ने भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर कई आरटीआई दाखिल की थी और इस वजह से उसकी हत्या हुई होगी मगर बाद में सीबीआई की जांच में यह पूरा मामला प्रेम त्रिकोण का निकला। शेहला की हत्या के पांच साल बाद सीबीआई कोर्ट की ओर से जाहिदा को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।

सीबीआई की अदालत की ओर से जाहिदा के साथ ही उसके तीन दोस्तों को भी दोषी करार दिया गया था जबकि पांचवें आरोपी इरफान को सरकारी गवाह बन जाने के कारण राहत मिल गई थी।

शेहला के भाई ने टिकट पर उठाए सवाल

शेहला मसूद हत्याकांड सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बना था और इसी कारण भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से पिछले दो चुनावों में ध्रुवनारायण को टिकट नहीं दिया गया था। इस बार उन्हें टिकट दिए जाने के फैसले पर शेहला मसूद के परिजनों ने नाराजगी जताई है और सवाल उठाए हैं। शेहला मसूद के भाई राजिल जैदी ने कहा कि भाजपा नेतृत्व का यह फैसला चौंकाने वाला और पूरी तरह अनुचित है।

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि अगर भाजपा नेतृत्व को उन्हें 2023 में टिकट देना ही था तो पार्टी नेतृत्व ने 2013 और 2018 में उनका टिकट क्यों काटा था। उन्होंने कहा कि जब पार्टी पिछले दो चुनावों में उनका टिकट इसी विवाद के कारण काट रही थी तो अब टिकट दिए जाने का फैसला कैसे कर लिया गया।

मध्य प्रदेश के सियासी हलकों में भी ध्रुव नारायण सिंह का टिकट चर्चा का विषय बना हुआ है। कई लोगों का कहना है कि आखिरकार 10 साल बाद ध्रुव नारायण की किस्मत ने पलटी मारी है और अब यह देखने वाली बात होगी कि शेहला मसूद कांड में नाम आने के बाद ध्रुव नारायण अपनी सियासी ताकत दिखा पाते हैं या नहीं।

Anshuman Tiwari

Anshuman Tiwari

Next Story