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Meerut News: आरएसएस प्रमुख ने किसानों को दिया गौ आधारित खेती का संदेश

Meerut News: खेती की तात्कालिक उपज अनाप-शनाप बढ़ा कर हम उसका नुकसान देख चुके हैं। खेती का यह परिवर्तन देश के लिए नहीं पूरी दुनिया के लिए आवश्यक है। पूरे भारतवर्ष के लिए आवश्यक है।

Sushil Kumar
Published on: 19 March 2023 7:53 PM GMT
Meerut News: आरएसएस प्रमुख ने किसानों को दिया गौ आधारित खेती का संदेश
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mohan bhagwat

Meerut News: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किसानों को गौ आधारित खेती का संदेश देते हुए कहा कि रासायनिक खेती छोड़कर गौ आधारित खेती अपनाएं। उन्होंने कहा कि दस हजार साल से हमारी जमीन जोती जा रही है। आज भी वो उपजाऊ है। खेती की तात्कालिक उपज अनाप-शनाप बढ़ा कर हम उसका नुकसान देख चुके हैं। खेती का यह परिवर्तन देश के लिए नहीं पूरी दुनिया के लिए आवश्यक है। पूरे भारतवर्ष के लिए आवश्यक है। खेती सुधार कर ऐसा जीवन जीना पड़ेगा जो दुनिया के लिए मार्गदर्शक का काम करेगा। समाज में परिवर्तन लाना है और भारत दुनिया को यह देना चाहता है और दुनिया भी भारत से लेना चाहती है। आरएसएस प्रमुख रविवार को जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी दूर हस्तिनापुर, जंबूद्वीप में चल रहे तीन दिवसीय कृषि संगम में पहुंचे थे। कृषि संगम का आज आखिरी दिन था।

हमें उस रास्ते पर चलना होगा-

उन्होंने कहा कि रसायन वाली खेती करने से रसायन हमारे अंदर जा रहे हैं और बीमार कर रहे हैं। हमारे पास खेती करने का सही रास्ता है और हमें उस रास्ते पर चलना होगा। तात्कालिक उपज की वजह से वायु, जल और पृथ्वी विषैले हो रहे हैं। ऐसा हमें अपने लंबे अनुभव से पता चल चुका है। उन्होंने किसानों को जैविक खेती का महत्व बताया। इससे पहले उन्होंने जंबूद्वीप में ही किसानों से मुलाकात और अंतरिम सेशन लिया।
भारतीय किसान संघ के तत्वावधान में हस्तिनापुर में चल रहे तीन दिवसीय गौ आधारित जैविक कृषि कृषक सम्मेलन कार्यक्रम में तीसरे दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डॉक्टर मोहन भागवत ने महाभारत कालीन ऐतिहासिक नगरी में मौजूद प्राचीन स्थलों का भ्रमण किया। उन्होंने सबसे पहले महाभारत कालीन प्राचीन पांडेश्वर महादेव मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और प्राचीन मंदिर में स्थित शिवलिंग का महत्व जाना। आचार्य मुकेश शांडिल्य ने उन्हें प्राचीन जयंती माता शक्तिपीठ और प्राचीन पांडेश्वर महादेव मंदिर के प्राचीन महत्व को बताया। उसके बाद वह प्राचीन कर्ण मंदिर पर पहुंचे, जहां पर मंदिर के बारे में शंकर देव महाराज ने दुनिया के दुर्लभ स्थान में से एक इस स्थान के बारे में बताया कि यह वही स्थान है, जहां पर महाभारत के समय में कर्ण गरीबों को हर रोज सोना दान करते थे। उसके बाद नेचुरल साइंस से ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रियंक भारती ने मोहन भागवत को हस्तिनापुर में मौजूद प्राचीन बूढ़ी गंगा के महत्व को बताया। साथ ही कई महाभारत कालीन घटनाओं से रूबरू कराया।

कहां क्या और कब उगाना है यही महत्वपूर्ण है-

पशुपालन किए बिना जैविक खेती में सफल नहीं हुआ जा सकता है। उन्होंने कहा कि कहां क्या और कब उगाना है यही महत्वपूर्ण है। भागवत ने कहा कि हमारे देश की मिट्टी में किसानों के हितों के लिए कई पोषक तत्वों से भरपूर है। किसान सिर्फ अपने हितों के लिए खेती नहीं करते, बल्कि वह पूरे देश के लोगों के हितों को देखते हुए खेती करते हैं। कठिन परिश्रम कर धान, गेहूं और अन्य फसल उगाते हैं। जबकि व्यापार में ऐसा नहीं है। व्यापार लोग सिर्फ अपने लिए करते हैं। भारत की मिट्टी अनमोल है। इतनी उपजाऊ मिट्टी किसी देश की नहीं है, जितनी यहां की है। यह मिट्टी हमारी प्राचीन सभ्यता की देन है। भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बद्री नारायण चैधरी, राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र, कार्यकारिणी अध्यक्ष हुकमचंद पाटीदार सहित कई पदाधिकारी ने जैविक खेती के संबंध में संबोधित किया। इससे पहले जंबूद्वीप परिसर में जैविक खेती पर आधारित प्रदर्शनी का भी डॉ. मोहन भागवत ने अवलोकन किया।

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