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Meerut News: 2006 निकाय चुनाव में मायावती के मुसलमानों पर बयान से गरमाई थी सियासत, याकूब की पत्नी हार गईं थीं चुनाव

Nagar Nikay Chunav 2023: कहा जाता है कि उनका यही बयान पूर्व में मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की पत्नी की मेयर पद पर हार का कारण बना था। उनके इस कथित बयान जिसमें उनके द्वारा मुसलमानों को ‘कट्टरपंथी’ कहा गया था, उसके बाद माहौल गरमा गया था।

Sushil Kumar
Published on: 7 May 2023 11:20 PM IST
Meerut News: 2006 निकाय चुनाव में मायावती के मुसलमानों पर बयान से गरमाई थी सियासत, याकूब की पत्नी हार गईं थीं चुनाव
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(Pic: Social Media)

Meerut News: 2006 के मेरठ नगर निगम चुनाव में बीएसपी चीफ मायावती के एक बयान ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी थी। कहा जाता है कि उनका यही बयान पूर्व में मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की पत्नी की मेयर पद पर हार का कारण बना था। उनके इस कथित बयान जिसमें उनके द्वारा मुसलमानों को ‘कट्टरपंथी’ कहा गया था, उसके बाद माहौल गरमा गया था। यही नहीं, कई जगहों पर हाजी याकूब समर्थकों द्वारा मायावती के पुतले जलाते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया गया था।

उस वक़्त हुए थे विरोध-प्रदर्शन

दरअसल, 2006 के निकाय चुनाव में मेरठ में, मुकाबला भाजपा उम्मीदवार मधु और तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की पत्नी, यूडीएफ उम्मीदवार संजीदा के बीच था, जो पहले बसपा का हिस्सा थे। मायावती ने दावा किया कि ‘हाजी ने बसपा छोड़ दी थी और एक कट्टरपंथी एजेंडे का पालन कर रहे थे।’ प्रेस में की गई इन टिप्पणियों के बाद कुरैशी के समर्थकों ने मायावती के पुतले जलाए और पूरे उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया। बैकलैश का जवाब देते हुए, मायावती ने फिर से प्रेस को संबोधित किया और दावा किया कि रिपोर्ट्स उनके शब्दों को समझने में विफल रहीं। ‘कुछ चैनलों ने दिखाया है कि मैंने मुसलमानों को कट्टरपंथी कहा है। मेरे बयान को इस तरह मोड़ना गलत है।’

मायावती ने कहा था- बयान का गलत मतलब निकाला गया

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मायावती ने उस समय कहा था ‘इस्लाम के साथ-साथ सभी धर्मों ने भाईचारे और सद्भाव की भावना को उजागर किया है। कोई भी धर्म लोगों को समाज में कलह का बीज बोने की अनुमति नहीं देता है। सभी जानते हैं कि हाजी याकूब कुरैशी ने हमेशा नफरत को भुनाने की कोशिश की थी। यहां तक कि मुस्लिम विद्वानों ने भी हाजी के कृत्य का विरोध किया है। कट्टरवादी विचारधारा की हार सुनिश्चित करने के लिए मैंने अपनी पार्टी का वोट उस पार्टी को ट्रांसफर करवा दिया जो हाजी की पत्नी को हराने की स्थिति में थी।’ बाद में उन्होंने कहा, ‘मुस्लिम बहुजन समाज का हिस्सा हैं और मैंने कभी मुसलमानों को कट्टरपंथी नहीं कहा। हालांकि मायावती द्वारा मुसलमानों के कट्टरवादी बताने पर तत्कालीन बसपा सांसद हाजी शाहिद खलाक ने भी बगावत कर दी थी।

यही नहीं, हाजी शाहिद अखलाक ने कौम की महापंचायत बुला उसमें मायावती पर जमकर बरसते हुए कहा था कि मायावती ने एक अलफाज जब हमारी कौम के खिलाफ बोला तो हमसे कौम का अपमान सहा नहीं गया। उन्होंने यह भी कहा कि कौम व अपने समाज के लिए सांसदी तो क्या चीज है, प्रधानमंत्री पद को भी ठोकर मारने में संकोच नहीं करेंगे। कहा जाता है कि मायावती के बयान के कारण ही मेयर पद पर खड़ी हाजी याकूब कुरैशी की पत्नी यूडीएफ उम्मीदवार संजीदा चुनाव हार गई थीं। संजीदा को 122885 वोट मिले थे। जबकि बसपा समर्थित जुबैदा बेगम को मात्र 17504 वोट ही मिल सके थे। चुनाव में बीजेपी की मधु गुर्जर 230861 वोट लेकर विजयी रही थी। संयोग है कि आज की तारीख में हाजी याकूब कुरैशी और शाहिद अखलाक दोनो ही राजनीतिक हाशिये पर हैं। इनमें हाजी याकूब कुरैशी तो जेल में हैं ।

Sushil Kumar

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