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UP Nikay Chunav 2023: जिसकी सूबे में सरकार रही, उसका नहीं बना मेयरः मेरठ का ये मिथक तोड़ पाना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती

UP Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश के मेरठ के नगर निगम में अभी तक सत्तापक्ष का मेयर कभी नहीं बन सका है। इस मिथक को तोड़ बीजेपी इस बार तोड़ पाएगी अथवा नहीं इस पर सबकी नजरें लगी हैं।

Sushil Kumar
Published on: 3 May 2023 12:31 AM IST
UP Nikay Chunav 2023:  जिसकी सूबे में सरकार रही, उसका नहीं बना मेयरः मेरठ का ये मिथक तोड़ पाना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती
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जौनपुर में प्रत्याशियों की सूची जारी न होने से प्रचार में पिछड़ रही सपा, भाजपा- Photo- Newstrack

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ के नगर निगम में अभी तक सत्तापक्ष का मेयर कभी नहीं बन सका है। इस मिथक को तोड़ बीजेपी इस बार तोड़ पाएगी अथवा नहीं इस पर सबकी नजरें लगी हैं। बता दें कि यहां नगर पालिका से 1995 में नगर निगम बनने के बाद से अभी तक मेयर उस दल का नहीं बन सका है, जिसकी प्रदेश में सरकार होती है। ऐसे में एक के बाद एक लगातार चुनाव जीतने वाली बीजेपी के लिए इस चुनाव में इस मिथक को तोड़ना बड़ी चुनौती माना जा रहा है।

अभी तक विपक्ष के उम्मीदवार बनते रहे मेयर

अब तक की बात करें तो मेरठ में चार बार पिछड़े वर्ग और एक बार अनुसूचित जाति के मेयर जीते हैं। खास बात यही रही कि सभी विपक्ष के उम्मीदवार जीते हैं। मसलन,1995 में प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। तब हुए मेयर चुनाव में बीएसपी प्रत्याशी अयूब अंसारी जीते। 2000 में बीजेपी के राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली सरकार थी। तब बीएसपी के हाजी शाहिद अखलाक मेयर बने।

2006 में प्रदेश में बीएसपी की सरकार थी। तब बीजेपी की मधु गुर्जर मेयर बनीं। 2012 में प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। तब बीजेपी के हरिकांत अहलूवालिया मेयर बने। 2017 में यूपी में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार थी। तभी भी मिथक नहीं टूटा था। यहां से बीएसपी की महापौर सुनीता वर्मा जीती थीं। सत्ताधारी बीजेपी की कांता कर्दम के पराजय का सामना करना पड़ा था।

इस बार पर टिकी निगाहें

इस बार भी प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। ऐसे में सियासी जानकारों का कहना है कि जिस तरह से बीजेपी हर छोटा बड़ा चुनाव सूबे में जीतती आ रही है, उस स्थिति में यह देखना दिलचस्प होगा कि मेयर की सीट पर इस बार कमल खिलाकर बीजेपी क्या मिथक तोड़ पाएगी। बीजेपी के वरिष्ठ युवा नेता एवं डीएन डिग्री कालेज छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष अंकित चौधरी का कहना है कि इस बार मिथक जरूर टूटेगा।

वहीं समाजवादी के जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह का कहना है कि मिथक बरकरार रहेगा, जीत एसपी उम्मीदवार की होगी। उधर, बीएसपी के मंडल प्रभारी प्रशांत गौतम का कहना है कि मिथक जारी रहेगा क्योंकि बीएसपी चौथी बार इस सीट पर जीत दर्ज करेगी। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में मेरठ समेत वेस्ट यूपी के मुसलमानों की बड़ी भागीदारी से उत्साहित कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव चौधरी यशपाल सिंह कहते हैं-मिथक जारी रहेगा। फर्क इतना है कि पिछली बार बसपा जीती थी, इस बार कांग्रेस जीतेगी।



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Sushil Kumar

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