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अखिलेश आजमगढ़ तो मायावती नगीना से लड़ सकती हैं चुनाव
हालांकि क्षेत्र बदलने के मामले में मेनका गांधी और वरुण गांधी का नाम भी शामिल है। उमा भारती ने पहले ही यह एलान कर रखा है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी उनकी जगह रवि शर्मा उम्मीद्वार हो सकते हैं।
योगेश मिश्र
लखनऊ: चुनावी एलान के साथ ही टिकट पाने की जोड़ तोड़ सभी राजनीतिक दलों में तेज हो गई है। सपा और बसपा के कई दिग्गज जगह तलाशने में जुटे हैं क्योंकि उनकी सीटें गठबंधन में चली गई हैं।
भाजपा ने दरकिनार किया 75 पार का फार्मूला, यूपी में आधे से कुछ कम सांसदों के कटेंगे टिकट
भाजपा ने भी 75 पार का फार्मूला दरकिनार कर दिया है। यह फार्मूला सिर्फ मंत्रिमंडल तक के लिए लागू रहेगा। भाजपा आधे से कुछ ही कम सीटों पर उम्मीदवार बदलेगी। मायावती के टिकट का सूचकांक आसमान छू रहा है। अखिलेश यादव के लिए अपने लोगों को एडजस्ट करने में दिक्कत आ रही है। अखिलेश के आजमगढ़ से लड़ने की उम्मीद जताई जा रही है जबकि मायावती नगीना से किस्मत आजमा सकती हैं क्योंकि वह अगर मैदान में नहीं उतरती हैं, तो उन्हें तकरीबन डेढ़ साल और सदन से बाहर रहना होगा। राष्ट्रीय लोकदल के लिए यह चुनाव मंगलमय दिख रहा है, पिता पुत्र दोनो की सदन तक जाने की उम्मीदें की जा सकती हैं।
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देवरिया से कलराज मिश्रा और कानपुर से डा. मुरली मनोहर जोशी से भारी उम्मीद्वार भाजपा को नहीं मिल रहा है। रामपुर से डा. नेपाल सिंह, आंवला से धर्मेन्द्र कश्यप, भदोही से वीरेंद्र मस्त, खीरी से अजय मिश्रा टेनी, मिश्रिख से अजू बाला, उन्नाव से साक्षी महाराज, अकबरपुर से देवेंद्र सिंह भोले, फैजाबाद से लल्लू सिंह, बाराबंकी से प्रियंका सिंह रावत, बस्ती से हरीश द्विवेदी, सलेमपुर से रवींद्र कुशवाहा, बलिया से भरत सिंह, लालगंज से नीलम सोनकर, जौनपुर से कृष्णप्रताप सिंह, अम्बेडकरनगर से हरिओम पांडे, इलाहाबाद से श्यामा चरण गुप्त, बांदा से भैरों प्रसाद मिश्रा, श्रावस्ती से दद्दन मिश्रा, इटावा से अशोक दोहरे, फर्रुखाबाद से मुकेश राजपूत, कुशी नगर से राजेश पांडे, मेरठ से राजेंद्र अग्रवाल का टिकट कटने की उम्मीद की जा सकती है।
इनमें तीन ऐसे उम्मीद्वार हैं जिनका क्षेत्र बदला जाएगा। हालांकि क्षेत्र बदलने के मामले में मेनका गांधी और वरुण गांधी का नाम भी शामिल है। उमा भारती ने पहले ही यह एलान कर रखा है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी उनकी जगह रवि शर्मा उम्मीद्वार हो सकते हैं।
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