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चंद्रशेखर का यू-टर्न, पीएम मोदी के खिलाफ नहीं लड़ेंगे चुनाव

वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करने के करीब एक महीने बाद भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद ने बुधवार को अपने फैसले से यू-टर्न लेते हुए कहा कि भाजपा को हराने के लिए दलित वोट संगठित रहना चाहिए और उनका संगठन सपा-बसपा-रालोद गठबंधन का समर्थन करेगा।

Rishi
Published on: 17 April 2019 10:44 PM IST
चंद्रशेखर का यू-टर्न, पीएम मोदी के खिलाफ नहीं लड़ेंगे चुनाव
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नई दिल्ली : वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करने के करीब एक महीने बाद भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद ने बुधवार को अपने फैसले से यू-टर्न लेते हुए कहा कि भाजपा को हराने के लिए दलित वोट संगठित रहना चाहिए और उनका संगठन सपा-बसपा-रालोद गठबंधन का समर्थन करेगा।

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गौरतलब है कि चन्द्रशेखर के इस यू-टर्न से कुछ ही दिन पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने उन्हें भाजपा का एजेंट बताते हुए उन पर दलित वोट बांटने का आरोप लगाया था।

दलित संगठन के संस्थापक ने यह भी कहा कि यदि सपा-बसपा-रालोद गठबंधन सतीश चन्द्र मिश्रा को वाराणसी सीट से टिकट देती है तो भीम आर्मी गठबंधन का समर्थन करेगी। मिश्रा बसपा के महासचिव और पार्टी का ब्राह्मण चेहरा हैं।

चन्द्रशेखर ने कहा कि यदि सपा-बसपा गठबंधन वाराणसी से मिश्रा को उम्मीदवार बनाता है तो उन्हें अगड़ी जातियों का भी कुछ वोट मिल सकता है।

इससे पहले चन्द्रशेखर ने मिश्रा पर मायावती को गुमराह करने और दलित संगठन के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया था।

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मायावती की आलोचनाओं पर चन्द्रशेखर ने कहा, ‘‘मैं 16 महीने तक जेल में था। जेल में रहते हुए मैं रोज सोचता था कि बहनजी हमारा पक्ष लेंगी, हमारे लिए लड़ेंगी लेकिन उन्होंने एक शब्द नहीं बोला। रिहाई के बाद मैंने उन्हें फोन करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अपने लोग हमें भाजपा का एजेंट बता रहे हैं, लेकिन मैं अभी भी चाहता हूं कि वह (मायावती) प्रधानमंत्री बनें। मैं मायावती के साथ यह वाकयुद्ध अब हमेशा के लिए खत्म करना चाहता हूं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमने भाजपा के लिए भीम आर्मी का गठन नहीं किया है।’’

मध्य प्रदेश के मऊ में भीम राव आंबेडकर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान 14 अप्रैल को चन्द्रशेखर ने कहा था कि मायावती नहीं बल्कि भीम आर्मी दलितों की ‘शुभेक्षु’ है।

इससे पहले उन्होंने दलितों के खिलाफ अत्याचार करने वाले अधिकारियों की पदोन्नति को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की आलोचना की।

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उन्होंने कहा, ‘‘उनके (अखिलेश) पिता संसद में कहते हैं कि वह मोदी को फख्र से प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। वह भाजपा के एजेंट हैं, हमारे नहीं।’’

चन्द्रशेखर ने कहा, ‘‘उनसे सवाल करता हूं, इसलिए वे मुझे एजेंट कहते हैं। हां, मैं भीम राव आंबेडकर का एजेंट हूं... अगर मेरे अपने लोग मेरा रास्ता ना रोकें, तो मैं आपको (अखिलेश) दिखा दूंगा कि सत्ता में आने पर हम आपको भी आपकी औकात बता सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है क्योंकि मैं नहीं चाहता कि इस फैसले से किसी भी रूप में भाजपा या मोदी को लाभ हो। हम सभी भाजपा की हार चाहते हैं।’’

चन्द्रशेखर ने पहले पीटीआई..भाषा से कहा था कि यदि उनकी उम्मीदवारी से मोदी को लाभ हो रहा है तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे।

चन्द्रशेखर ने पिछले महीने नयी दिल्ली में एक रैली के दौरान वाराणसी सीट से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।



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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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