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BJP की सूची से उड़ी उम्मीद्वारी जता रहे कार्यकर्ताओं की नींद
आडवाणी गांधी नगर सीट से लगातार छह बार सांसद रहे हैं। हालांकि लोग आशंका पहले से जता रहे थे कि आडवाणी का टिकट कट सकता है। लेकिन फिर जब यह बयान आए कि पार्टी जिताऊ उम्मीद्वारों पर फोकस करेगी तो यह समझा जाने लगा कि शायद आडवाणी का टिकट न कटे। इसी तरह से यूपी के लिए घोषित 27 नामों में छह नाम काटे गए हैं।
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के लिए जो 27 नामों की पहली सूची जारी की है उसने टिकट पाने की उम्मीद लगाए कई नेताओं की नींद उड़ा दी है। जिसमें भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी भी शामिल हैं। पार्टी ने पहली सूची में ही गांधीनगर से भाजपा के पुरोधा लालकृष्ण आडवाणी का नाम काटकर वहीं से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को लड़ाने का एलान कर दिया है।
हम आपको बता दें कि आडवाणी गांधी नगर सीट से लगातार छह बार सांसद रहे हैं। हालांकि लोग आशंका पहले से जता रहे थे कि आडवाणी का टिकट कट सकता है। लेकिन फिर जब यह बयान आए कि पार्टी जिताऊ उम्मीद्वारों पर फोकस करेगी तो यह समझा जाने लगा कि शायद आडवाणी का टिकट न कटे। इसी तरह से यूपी के लिए घोषित 27 नामों में छह नाम काटे गए हैं।
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जानिए किसकी जगह किसने लिया?
पार्टी ने जिन उम्मीदवारों को मैदान से बाहर किया उनमे, संभल से सत्यपाल सैनी की जगह परमेश्वरलाल सैनी, शाहजहांपुर से कृष्णा राज केंद्रीय मंत्री की जगह अरुण सागर, आगरा से रामशंकर कठेरिया की जगह यूपी के मन्त्री एसपी बघेल, फतेहपुर सीकरी से बाबूलाल की जगह राजकुमार चाहर, हरदोई से अंशुल की जगह जयप्रकाश रावत, मिश्रिख से अंजुबाला की जगह अशोक रावत को प्रत्याशी बनाया गया है।
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कानपुर सीट की जहां तक बात है यहां से पिछली बार मुरली मनोहर जोशी सांसद हुए थे। जोशी इस बार भी चुनाव लड़ने के लिए लालायित हैं। जोशी लगभग 85 साल के हो रहे हैं। वास्तव में जोशी को अब खुद ही हट जाना चाहिए और युवा पीढ़ी को मौका देना चाहिए लेकिन सत्ता का आकर्षण आसानी से पीछा नहीं छोड़ता है। हाल ही में जोशी ने एक सवाल के जवाब में कहा था अगर पार्टी कहेगी तो फिर कानपुर से चुनाव लडूंगा। जोशी ने कहा था कि यह पार्टी पर निर्भर करता है। जिस तरह से उन्होंने पांच साल लोगों का सहयोग किया, उसी तरह लोगों से भी सहयोग की अपेक्षा होगी। पूर्वांचल के कद्दावर नेता कलराज मिश्र खुद कह चुके हैं कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे।
सूत्रों का यह कहना कि अभी कम से कम बीस निवर्तमान सांसदों के टिकट और काटे जाएंगे। इनकी जगह पार्टी नए चेहरे लाएगी। ताकि जनता को अपेक्षाओं के अनुरूप नतीजे दिये जा सकें।